जांजगीर चांपा : नवागढ़ ब्लॉक के भड़ेसर ग्राम पंचायत में जल जीवन मिशन लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है.इस काम को पूरा करने के लिए ठेकेदार ने गुणवत्ताहीन काम किया है. यही नहीं ठेकेदार ने कार्यस्थल पर चोरी की बिजली से पानी की सप्लाई की जा रही थी. जिसके तार में उलझकर एक मवेशी की मौत हो गई. जिसे लेकर ग्रामीणों में पीएचई, विद्युत विभाग और ठेकेदार के खिलाफ भारी आक्रोश है.ग्रामीणों ने इस मामले में दोषी विभागीय कर्मचारियों और संबंधित ठेकेदार पर कार्रवाई करने की मांग की है. जिसे लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.
ठेकेदार पर कार्रवाई की मांग : आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने गांव गांव साफ पानी पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन की शुरुआत की थी. लेकिन जांजगीर चांपा जिले में ये योजना ठेकेदार और अधिकारियों के सांठगांठ की भेंट चढ़ गई. ताजा मामला ग्राम पंचायत भडेसर का है. जहां के सरपंच ने कलेक्टर को ग्रामीण यांत्रिकी एवं बिजली विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें ठेकेदार पर कार्रवाई की मांग की गई है.
''नल जल मिशन के तहत पाइप लाइन,पानी टंकी और बोर के लिए ठेकेदार भवानी बोर वेल्स को डेढ़ करोड़ रूपए में ठेका दिया गया था.लेकिन ठेकेदार ने तय समय में काम नहीं किया.इसके बाद गुणवत्ताहीन सामान लगा दिया. ग्राम पंचायत को पंप हाउस हैंडओवर करने के बजाय खुद चोरी की बिजली से पंप चलाने लगा.जिसके कारण मवेशी की मौत हुई है.''- राम कुमारी यादव,सरपंच
ठेकेदार ने बिजली के तार हटवाएं : ग्रामीणों की शिकायत के बाद ठेकेदार ने अपने कारनामे को छुपाने के लिए चोरी से लाए गए बिजली तार को हटाना शुरु कर दिया है.लेकिन ठेकेदार के कर्मचारी तार निकालते हुए कैमरे मे कैद हो गए. मीडिया के सामने उन्होंने मवेशी की मौत के बाद ठेकेदार द्वारा तार हटाने के आदेश देना स्वीकार किया.
'' पम्प हाउस के लिए अलग से मीटर नहीं लगा है.गौठान वाले ट्रांसफार्मर से सप्लाई लिया गया था.जिसे अब निकाल दिए है.''- सोनू यादव,ठेकेदार का कर्मचारी
वहीं इस पूरे मामले में जिला प्रशासन ने पीएचई के साथ विद्युत विभाग को जांच के आदेश दिए हैं.
''ठेकेदार के द्वारा चोरी से बिजली लेकर पंप चलाने की शिकायत मिली है.इसमें मवेशियों की मौत की भी जानकारी दी गई है.पीएचई और विद्युत विभाग को जांच के निर्देश दिए गए हैं. जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.'' SP वैद्य, एडिशनल कलेक्टर
जल जीवन मिशन का उद्देश्य गांवों में साफ पानी पहुंचाना था.लेकिन ग्रामीण इलाकों को सहूलियत देने के लिए लाई गई योजना में भारी भ्रष्टाचार हुआ.कहीं अफसर तो कहीं ठेकेदारों ने इस योजना का बंटाधार किया.ताजा मामले में ठेकेदार ने नाम सिर्फ भ्रष्टाचार किया बल्कि पंप हाउस पर कब्जा करके चोरी की बिजली मोटर चलाने के लिए इस्तेमाल की.अब देखना ये होगा कि आगे इस पर क्या कार्रवाई होती है.