लखनऊ: लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में सर्जरी का सामान लिखने में मनमानी बंद होगी. इससे तीमारदारों को सामान खरीदने के लिए बार-बार चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. संस्थान प्रशासन ने अपने यहां डोजियर प्रणाली लागू करने का फैसला किया है. इसमें ऑपरेशन के हिसाब से उसके सामान की सूची पहले से तय होगी. इसका पूरा सामान ओटी में पहुंच जाएगा.
पहले से तय सामान लिखा जाएगा: लोहिया संस्थान के निदेशक प्रो. सीएम सिंह ने बताया, कि हर ऑपरेशन में लगने वाली दवाएं और सामान की एक तय सीमा और मानक होता है. कई बार देखा जाता है, कि ऑपरेशन के दौरान तीमारदारों को अनाप-शनाप सामान की सूची थमाई जाती है. इससे उन्हें दौड़ लगानी पड़ती है. तीमारदार कई बार बचा हुआ सामान वापस नहीं मिलने का आरोप भी लगाते हैं. तीमारदारों की कागज की पर्ची पर सामान लिखा जाता है, इसलिए इसका ऑनलाइन रिकॉर्ड नहीं होता है. ऐसे में सामान का ब्योरा नहीं मिल पाता है. नई व्यवस्था में पहले से तय सामान ही लिखा जाएगा. कोई अतिरिक्त सामान लिखने पर कारण भी बताना होगा.
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निदेशक ने बताया, कि सभी विभागाध्यक्षों को उनकी जरूरत के हिसाब से डोजियर के अनुसार सामान और दवाओं की सूची देने को कहा गया है. यदि वे तय समय तक सूची नहीं देते हैं तो फिर एम्स के हिसाब से सामान की सूची तय कर दी जाएगी. डोजियर प्रस्तुत करने में रिकॉर्ड और डेटा के संग्रह को संकलित करना और उसे विनियामक प्राधिकरणों को प्रस्तुत करना शामिल है, ताकि दवा उत्पादों के व्यावसायीकरण और वितरण के लिए प्राधिकरण प्राप्त किया जा सकें. उन्होंने कहा, कि डोजियर मूल्यांकन दवाओं के शुरुआती लाभ मूल्यांकन (एएमएनओजी के अनुसार) के ढांचे के भीतर आयोजित किया जाता है. कानून में यह प्रावधान है, कि नई दवाओं का बाजार में प्रवेश के समय परीक्षण किया जाना चाहिए कि क्या वे मौजूदा मानक इलाज के मुकाबले अतिरिक्त लाभ प्रदान करती हैं.
बता दें, कि आमतौर पर एक लंबी लिस्ट मरीज के तीमारदार को पकड़ा दी जाती है और उसके बाद कई बार मरीज ओटी में होता है. तब भी एक-एक पर्ची देकर तीमारदार को सर्जिकल सामान या किसी अन्य दवा के लिए बार-बार दौड़ाया जाता है. जब तक ऑपरेशन नहीं हो जाता, तब तक मरीज के घर वाले इधर से उधर चक्कर लगाते रहते हैं. इससे उन्हें कई बार अनेक दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है.