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आरंग का बदला नाम, अब इस नाम से मिलेगी नई पहचान

Raja Mordhwaj Nagar छत्तीसगढ़ के संस्कृति मंत्री ने आरंग का नाम बदलकर नए नाम की घोषणा की है. मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने पुरातत्व धरोहर को सहेजने संग्रहालय बनाने की भी घोषणा की.

Raja Mordhwaj Nagar
आरंग का बदला नाम
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 31, 2024, 2:10 PM IST

रायपुर: संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने राजा मोरध्वज महोत्सव के समापन अवसर पर बड़ी घोषणा की. उन्होंने आरंग का नाम बदल दिया. मंत्री ने कहा कि आरंग का नाम अब राजा मोरध्वज नगर के नाम से जाना जाएगा.

राजा मोरध्वज नगर का होगा विकास: बृजमोहन ने कहा कि आरंग का नाम बदलने के साथ ही आस-पास के क्षेत्रों में बिखरे पुरातात्विक अवशेषों को सहेजने के लिए 25 लाख रुपये की लागत से संग्रहालय भी बनाया जाएगा. राजा मोरध्वज महोत्सव को भव्य स्वरूप देने के लिए हर साल 5 लाख रुपये देने की भी घोषणा मंत्री ने की.

इस वजह से पड़ा था आरंग का नाम: संस्कृति मंत्री कहा कि राजा मोरध्वज का जीवन हमें बहुत कुछ सबक देता है. अगर हम धर्म के रास्ते पर चलेंगे और वादों के पक्के रहेंगे तो भगवान भी हमारा साथ देंगे. राजा मोरध्वज एक न्यायप्रिय और धर्मपरायण राजा थे जिन्होंने अपना वचन निभाने के लिए अपने बेटे को आरी से कटवा दिया था, जिसके कारण इस शहर को आरंग नाम मिला.

राजा मोरध्वज महोत्सव के समापन अवसर पर स्थानीय कलाकारों ने नाटक का मंचन कर राजा मोरध्वज और भगवान कृष्ण के संवाद को जीवंत किया. जिसने सभी का दिल जीत लिया. महोत्सव का आयोजन विधायक गुरु खुशवंत साहेब के मार्गदर्शन में किया गया. कार्यक्रम में विधायक अनुज शर्मा, कृष्ण कुमार भारद्वाज, राजेंद्र चंद्राकर, लक्ष्मी वर्मा, नारंग, किरण, पर्यटन विभाग के अधिकारी समेत बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे.

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रायपुर: संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने राजा मोरध्वज महोत्सव के समापन अवसर पर बड़ी घोषणा की. उन्होंने आरंग का नाम बदल दिया. मंत्री ने कहा कि आरंग का नाम अब राजा मोरध्वज नगर के नाम से जाना जाएगा.

राजा मोरध्वज नगर का होगा विकास: बृजमोहन ने कहा कि आरंग का नाम बदलने के साथ ही आस-पास के क्षेत्रों में बिखरे पुरातात्विक अवशेषों को सहेजने के लिए 25 लाख रुपये की लागत से संग्रहालय भी बनाया जाएगा. राजा मोरध्वज महोत्सव को भव्य स्वरूप देने के लिए हर साल 5 लाख रुपये देने की भी घोषणा मंत्री ने की.

इस वजह से पड़ा था आरंग का नाम: संस्कृति मंत्री कहा कि राजा मोरध्वज का जीवन हमें बहुत कुछ सबक देता है. अगर हम धर्म के रास्ते पर चलेंगे और वादों के पक्के रहेंगे तो भगवान भी हमारा साथ देंगे. राजा मोरध्वज एक न्यायप्रिय और धर्मपरायण राजा थे जिन्होंने अपना वचन निभाने के लिए अपने बेटे को आरी से कटवा दिया था, जिसके कारण इस शहर को आरंग नाम मिला.

राजा मोरध्वज महोत्सव के समापन अवसर पर स्थानीय कलाकारों ने नाटक का मंचन कर राजा मोरध्वज और भगवान कृष्ण के संवाद को जीवंत किया. जिसने सभी का दिल जीत लिया. महोत्सव का आयोजन विधायक गुरु खुशवंत साहेब के मार्गदर्शन में किया गया. कार्यक्रम में विधायक अनुज शर्मा, कृष्ण कुमार भारद्वाज, राजेंद्र चंद्राकर, लक्ष्मी वर्मा, नारंग, किरण, पर्यटन विभाग के अधिकारी समेत बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे.

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