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आरबीआई की मौद्रिक नीति की सराहना, चेक क्लीयरेंस में देर नहीं होगी - RBI Monetary Policy

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 10, 2024, 2:14 PM IST

RBI new monetary policy. आरबीआई की तीसरी मौद्रिक नीति समीक्षा में लिए गए निर्णय की सराहना हो रही है. आरबीआई की नई मॉनिट्री पॉलिसी में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि आरबीआई का यह निर्णय इंफ्लेशन कंट्रोल करने में कारगर साबित होगा.

RBI Monetary Policy
धनबाद के चार्टर्ड अकांटेंट अनिल मुकीम. (कोलाज इमेज-ईटीवी भारत)

धनबादः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा चालू वित्तीय वर्ष की तीसरी मौद्रिक नीति समीक्षा में लिए गए निर्णय काफी महत्वपूर्ण हैं. अब तक बैंक में जो चेक क्लीयरेंस में दो-तीन दिनों का समय लगता था वो अब कुछ घंटे में हो जाएगा. यही नहीं डिजिटल पेमेंट की दिशा में भी पहल की गई है. इस संबंध में धनबाद के जाने-माने चार्टर्ड अकांउटेंट अनिल मुकीम ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में जानकारी देते हुए आरबीआई की निर्णय की सराहना की है. उन्होंने बताया कि यह निर्णय जनहित और देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण है.

जानकारी देते धनबाद के चार्टर्ड अकांटेंट अनिल मुकीम. (वीडियो-ईटीवी भारत)

आरबीआई की मॉनिट्री पॉलिसी को सराहा

चार्टर्ड अकांटेंट अनिल मुकीम ने बताया कि आर्थिक नीति का निर्धारण करने के लिए आरबीआई अपनी मॉनिट्री पॉलिसी लाती है. मॉनिट्री पॉलिसी लाने के पीछे दो तीन कारण होते हैं. देश की इंफ्लेशन (मुद्रास्फीति), जीडीपी और विदेशी मुद्रा के संग्रह को लेकर ही समीक्षा के दौरान निर्णय लिया जाता है, ताकि जनता का ध्यान रखते हुए देश का विकास हो सके.

इंफ्लेशन कंट्रोल करने के महत्वपूर्ण निर्णय

उन्होंने बताया कि इस बार इंफ्लेशन कंट्रोल करने के लिए वित्तीय वर्ष 2025 तक 4.25 इंफ्लेशन रेट, जीडीपी 7.25 का टारगेट बनाते हुए दो अगस्त की तारीख में अपने देश में विदेशी मुद्रा करीब 765 मिलियन डॉलर संग्रह हुआ है. यह अपने आप में देश के विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण है.इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए आरबीआई की छह सदस्यीय कमेटी मॉनिट्री पॉलिसी लाती हैं. जिसके बाद आरबीआई गवर्नर हम सभी के बीच में यह पॉलिसी प्रस्तुत करते हैं.

अब बैंक में चेक क्लीयरेंस में कम समय लगेगा

चार्टर्ड अकांटेंट अनिल मुकीम ने कहा कि इस बार की मॉनिट्री पॉलिसी काफी महत्वपूर्ण है. बैंक चेक क्लीयरेंस में अमूमन दो से तीन दिन लगते थे. लेकिन इस बार जो आरबीआई ने निर्णय लिया है उससे चेक क्लीयरेंस में कुछ घंटे ही लगेंगे. चेक क्रेडिट होने में 72 घंटे के समय के जगह अगर कुछ घंटे लगेंगे तो हमारे व्यवसाय का टर्न ओवर 10 गुणा बढ़ने की संभावना बढ़ जाएगी.जब 10 गुणा टर्न ओवर बढ़ेगा तो सरकार का भी रेवेन्यू बढ़ेगा और बैंक का भी व्यवसाय बढ़ेगा.

यूपीआई के जरिए टैक्स पेमेंट की लिमिट बढ़ी

इसके अलावा पहले यूपीआई के जरिए टैक्स का पेमेंट करने पर सिंगल ट्रांजैक्शन की लिमिट एक लाख रखी गई थी. इस बार टैक्स पेमेंट करने के लिए इसकी लिमिट पांच लाख कर दी गई है. इससे टैक्स पेमेंट करने सभी को काफी आसानी हो जाएगी, क्योंकि नेट बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से सबसे आसान तरीका यूपीआइ पेमेंट है.

प्राइमरी अकाउंट को टैग कर पेमेंट करना आसान

यही नहीं दूसरे के प्राइमरी अकाउंट को अपने अकाउंट में टैग करके किसी को भी पेमेंट कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि देश भर की फाइनेंशियल संस्थानों में क्रेडिट रिपोर्टिंग पहले मंथली जाया करती थी, लेकिन अब वह रिपोर्ट उसी रात जाएगी. इससे फ्रॉड होने की संभावना कम हो जाएगी.

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UPI ट्रांजेक्शन लिमिट बढ़ा, 5 लाख रुपये तक कर पाएंगे लेन-देन, घंटो में क्लियर होगा चेक - UPI limit increased

धनबादः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा चालू वित्तीय वर्ष की तीसरी मौद्रिक नीति समीक्षा में लिए गए निर्णय काफी महत्वपूर्ण हैं. अब तक बैंक में जो चेक क्लीयरेंस में दो-तीन दिनों का समय लगता था वो अब कुछ घंटे में हो जाएगा. यही नहीं डिजिटल पेमेंट की दिशा में भी पहल की गई है. इस संबंध में धनबाद के जाने-माने चार्टर्ड अकांउटेंट अनिल मुकीम ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में जानकारी देते हुए आरबीआई की निर्णय की सराहना की है. उन्होंने बताया कि यह निर्णय जनहित और देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण है.

जानकारी देते धनबाद के चार्टर्ड अकांटेंट अनिल मुकीम. (वीडियो-ईटीवी भारत)

आरबीआई की मॉनिट्री पॉलिसी को सराहा

चार्टर्ड अकांटेंट अनिल मुकीम ने बताया कि आर्थिक नीति का निर्धारण करने के लिए आरबीआई अपनी मॉनिट्री पॉलिसी लाती है. मॉनिट्री पॉलिसी लाने के पीछे दो तीन कारण होते हैं. देश की इंफ्लेशन (मुद्रास्फीति), जीडीपी और विदेशी मुद्रा के संग्रह को लेकर ही समीक्षा के दौरान निर्णय लिया जाता है, ताकि जनता का ध्यान रखते हुए देश का विकास हो सके.

इंफ्लेशन कंट्रोल करने के महत्वपूर्ण निर्णय

उन्होंने बताया कि इस बार इंफ्लेशन कंट्रोल करने के लिए वित्तीय वर्ष 2025 तक 4.25 इंफ्लेशन रेट, जीडीपी 7.25 का टारगेट बनाते हुए दो अगस्त की तारीख में अपने देश में विदेशी मुद्रा करीब 765 मिलियन डॉलर संग्रह हुआ है. यह अपने आप में देश के विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण है.इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए आरबीआई की छह सदस्यीय कमेटी मॉनिट्री पॉलिसी लाती हैं. जिसके बाद आरबीआई गवर्नर हम सभी के बीच में यह पॉलिसी प्रस्तुत करते हैं.

अब बैंक में चेक क्लीयरेंस में कम समय लगेगा

चार्टर्ड अकांटेंट अनिल मुकीम ने कहा कि इस बार की मॉनिट्री पॉलिसी काफी महत्वपूर्ण है. बैंक चेक क्लीयरेंस में अमूमन दो से तीन दिन लगते थे. लेकिन इस बार जो आरबीआई ने निर्णय लिया है उससे चेक क्लीयरेंस में कुछ घंटे ही लगेंगे. चेक क्रेडिट होने में 72 घंटे के समय के जगह अगर कुछ घंटे लगेंगे तो हमारे व्यवसाय का टर्न ओवर 10 गुणा बढ़ने की संभावना बढ़ जाएगी.जब 10 गुणा टर्न ओवर बढ़ेगा तो सरकार का भी रेवेन्यू बढ़ेगा और बैंक का भी व्यवसाय बढ़ेगा.

यूपीआई के जरिए टैक्स पेमेंट की लिमिट बढ़ी

इसके अलावा पहले यूपीआई के जरिए टैक्स का पेमेंट करने पर सिंगल ट्रांजैक्शन की लिमिट एक लाख रखी गई थी. इस बार टैक्स पेमेंट करने के लिए इसकी लिमिट पांच लाख कर दी गई है. इससे टैक्स पेमेंट करने सभी को काफी आसानी हो जाएगी, क्योंकि नेट बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से सबसे आसान तरीका यूपीआइ पेमेंट है.

प्राइमरी अकाउंट को टैग कर पेमेंट करना आसान

यही नहीं दूसरे के प्राइमरी अकाउंट को अपने अकाउंट में टैग करके किसी को भी पेमेंट कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि देश भर की फाइनेंशियल संस्थानों में क्रेडिट रिपोर्टिंग पहले मंथली जाया करती थी, लेकिन अब वह रिपोर्ट उसी रात जाएगी. इससे फ्रॉड होने की संभावना कम हो जाएगी.

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