शिमला: हिमाचल में इस बार सेब यूनिवर्सल कार्टन में ही बिकेगा. प्रदेश सरकार ने बागवानी को नुकसान से बचाने के लिए सेब यूनिवर्सल कार्टन में बेचना अनिवार्य कर दिया है. पिछले साल मंडियों में सेब 24 किलो की टेलिस्कोपिक कार्टन पर बेचा गया था जिससे बागवानों को प्रति पेटी 4 किलो का नुकसान झेलना पड़ा था.
इस बार टेलिस्कोपिक कार्टन में सेब बेचने पर रोक रहेगी. इसको लेकर कृषि उपज विपणन बोर्ड ने प्रदेश की सभी 10 कृषि उपज विपणन समितियों को सर्कुलर के माध्यम से दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं जिसमें साफ तौर मंडियों में सेब केवल यूनिवर्सल कार्टन में ही बेचने को कहा गया है.
प्रदेश में वजन के हिसाब से सेब बेचने की व्यवस्था पहली बार की जा रही है. इसको लेकर आढ़तियों को जागरूकता फैलाने का जिम्मा सौंपा गया है. वहीं, एचपीएमसी के मुताबिक यूनिवर्सल कार्टन के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है जिसके लिए कई कंपनियों ने आवेदन किया है.
![APPLE SOLD IN UNIVERSAL CARTON](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/30-06-2024/hp-sml-appleswillbesoldinuniversalcartonsinshimla-img-02-7212265_30062024164525_3006f_1719746125_187.jpg)
एक हफ्ते के भीतर कंपनियों की ओर से तय किए गए यूनिवर्सल कार्टन के रेट जांचे जाएंगे. इसके बाद न्यूनतम रेट भरने वाली कंपनी को कार्टन उपलब्ध करवाने का कार्य दिया जाएगा.
घटाया और बढ़ाया नहीं जा सकता यूनिवर्सल कार्टन का साइज:
यूनिवर्सल कार्टन में अब 20 किलो सेब ही भरा जाएगा. इससे पहले टेलीस्कोपिक कार्टन में प्रति पेटी 7 से 8 ट्रे सेब भरा जाता था जिसका प्रति पेटी वजन भी 30 किलो के करीब रहता था, लेकिन मंडियों में सेब 24 किलो पेटी के हिसाब से ही बिकता था. इस कारण अधिक पैकिंग होने के कारण बागवानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता था.
बागवानों को नुकसान ना हो इसके लिए यूनिवर्सल कार्टन अनिवार्य किया गया है. ये कार्टन सिंगल बॉक्स का होगा. इसका साइज घटाया और बढ़ाया नहीं जा सकता है जिस कारण इसमें 20 किलो ही सेब भरा जा सकता है. इससे मंडियों में वजन को लेकर होने वाले विवाद से बचा जा सकता है.
ये है टेलिस्कोपिक कार्टन:
यह कार्टन टेलीस्कोपिक की तरह होता है जिस कारण इसे कम या ज्यादा एलिवेट किया जा सकता है. यह कार्टन दो बॉक्सों को जोड़कर बना होता है जिस वजह से इसमें सेब का वजन निर्धारित नहीं होता है. इसमें अधिकतम 35 किलो सेब भरा जा सकता है. ऐसे में टेलीस्कोपिक कार्टन को लेकर कंफ्यूजन होता है. इस कार्टन में अधिक सेब की मात्रा होने से बागवानों को नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में बागवान लंबे समय से यूनिवर्सल कार्टन की मांग कर रहे थे.
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