बाराबंकी: राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने बाराबंकी में महिला जन सुनवाई और महिलाओं से उत्पीड़न से जुड़ी शिकायतों की समीक्षा के दौरान हैरान करने वाला बयान देते हुए कहा कि, महिला उत्पीड़न के मामले पहले भी थे लेकिन तब इतनी जागरुकता नहीं थी. यह समाज का फेलियर ही है कि महिला उत्पीड़न के मामले बढ़ रहे हैं. साथ ही अपर्णा ने यह भी कहा कि, कोई भी सरकार हो, कोई भी इंफ्रास्ट्रक्चर हो तब तक महिलाओं को प्रोटेक्ट नहीं कर पायेगा जब तक महिला खुद अपनी जिम्मेदारी न ले.
बता दें कि, राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष बनने के बाद पहली बार बाराबंकी में महिला जन सुनवाई और महिलाओं की शिकायतों की समीक्षा करने अपर्णा यादव पहुंची. जहां उन्होंने अधिकारियों को तमाम निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा हमारी सरकार की प्राथमिकता है. यही वजह है कि सरकार कन्या सुमंगला योजना चला रही है. उन्होने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि, सिर्फ आवेदन लेने पर ही ध्यान न दें बल्कि उनका तुरंत समाधान भी कराएं.
वहीं अपर्णा यादव ने इस बात पर भी जोर दिया कि स्कूलों की छुट्टी के वक्त बच्चियों पर विशेष ध्यान रखा जाय. क्योंकि उसी वक्त उसके साथ छेड़खानी होती है. अपर्णा ने पुलिस विभाग को भी निर्देश देते हुए कहा कि, हर स्कूल में निकटतम थानों के सीयूजी नंबर जरूर दें और उनका डिस्प्ले हो ताकि हर बच्ची को ये नम्बर पता हो जाय. अपर्णा यादव ने इस बात पर बहुत फोकस किया कि महिला टॉयलेट कितने बने हैं इनका सर्वे किया जाय.
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि, महिलाओं और बच्चियों के मामले में महिला आयोग अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहा है. वहीं महिला उत्पीड़न के बढ़ते मामलों पर पूछे गए सवाल पर अपर्णा यादव ने कहा कि, मामले पिछली सरकारों में भी थे लेकिन अब मामले दर्ज हो रहे हैं इसलिए सामने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि, कोई भी सरकार हो महिलाओं को तब तक प्रोटेक्टेड नहीं किया जा सकता जब तक महिला खुद अपनी जिम्मेदारी न ले ले. इसके लिए समाज का भी दायित्व है.
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