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नीला अपराजिता फूल घर में लगाएं, स्वर्ग के पुष्प को देवों पर चढ़ाएं और देखें कमाल - Heaven Blue Flower Aparajita

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

Updated : 2 hours ago

अपराजिता फूल के बारे में आपने सुना होगा, इसे स्वर्ग का फूल भी कहा जाता है. यह गहरे नीले रंग और सफेद रंग का फूल होता है. इस फूल को घरों की सजावट के साथ भगवान को चढ़ाने के लिए भी उपयोग में लाते हैं. अपराजिता फूल के एक नहीं बल्कि कई धार्मिक महत्व हैं.

heaven blue flower aparajita
स्वर्ग के नीला अपराजिता फूल को घर में लगाएं (ETV Bharat)

Swarg Ka Phool Aparajita: अपराजिता के फूल से तो हर कोई परिचित है. भव्य गहरे नीले रंग के इस फूल को देखकर उसकी भव्यता समझ में आती है. अपराजिता को अक्सर ही लोग अपने घरों में सजावट के लिए लगाते हैं. साथ ही इसके और भी बहुत सारे उपयोग होते हैं, लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि अपराजिता के फूल के धार्मिक महत्व क्या होते है. इस फूल के माध्यम से कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं.

भगवान का प्रिय फूल अपराजिता

ज्योतिषाचार्य और गृह वास्तु के विशेषज्ञ पंडित शिवधर द्विवेदी बताते हैं की 'अपराजिता का फूल अपने आप में बहुत ही धार्मिक महत्व का होता है. ज्योतिष आचार्य बताते हैं कि अपराजिता शिव, दुर्गा और विष्णु तीनों देवों का बहुत ही प्रिय फूल है. इस फूल को अगर भगवान शिव को चढ़ाया जाए तो जातक को शिव प्रसन्नता प्राप्त होती है. मतलब भगवान भोलेनाथ बहुत प्रसन्न होते हैं, क्योंकि शिव को नीलकंठ महाराज भी बोलते हैं, उनका नाम नीलकंठ भी है, ठीक उसी प्रकार से ये अपराजिता का फूल भी नीला फूल होता है, जो शंकर जी का बहुत ही पसंदीदा फूल है. शास्त्रों में उल्लेख है कि अपराजिता के इस फूल को भगवान भोलेनाथ को अर्पित करना चाहिए, बहुत प्रसन्न होते हैं.

Aparajita Blue Flower
नीला अपराजिता फूल घर में लगाएं (ETV Bharat)

शनि शांति फाइनेंशल समस्या का समाधान

अपराजिता का फूल कई समस्याओं का समाधान भी करता है. ज्योतिष आचार्य शिवधर द्विवेदी बताते हैं कि अगर अपराजिता के फूल को भगवान विष्णु और शिव को चढ़ाया जाए और विधि विधान से पूजा की जाए तो शनि की शांति भी होती है, शनि देव प्रसन्न होते हैं, और सबसे बड़ा फायदा तो यह मिलता है कि अपराजिता का फूल विष्णु जी और शंकर जी पर चढ़ाने से व्यक्ति की फाइनेंशियल समस्या का भी समाधान हो जाता है और यह बिल्कुल तुरंत ही होता है.

यहां पढ़ें...

कमाल है अपराजिता का नीला रंग, स्वर्ग के इस फूल में गजब की है खासियत

तांत्रिक महत्व

ज्योतिष आचार्य बताते हैं कि अपराजिता माता दुर्गा का पर्यायवाची शब्द भी है. मतलब ये अपराजिता देवी भी हैं, इसका तांत्रिक महत्व भी होता है. साथ ही अपराजिता के पेड़ और शमी के पेड़ की दशहरे में पूजा भी की जाती है, जिसका बहुत धार्मिक महत्व बताया गया है, अपराजिता के पेड़ के जड़ का तांत्रिक प्रयोग में इस्तेमाल किया जाता है.

Swarg Ka Phool Aparajita: अपराजिता के फूल से तो हर कोई परिचित है. भव्य गहरे नीले रंग के इस फूल को देखकर उसकी भव्यता समझ में आती है. अपराजिता को अक्सर ही लोग अपने घरों में सजावट के लिए लगाते हैं. साथ ही इसके और भी बहुत सारे उपयोग होते हैं, लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि अपराजिता के फूल के धार्मिक महत्व क्या होते है. इस फूल के माध्यम से कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं.

भगवान का प्रिय फूल अपराजिता

ज्योतिषाचार्य और गृह वास्तु के विशेषज्ञ पंडित शिवधर द्विवेदी बताते हैं की 'अपराजिता का फूल अपने आप में बहुत ही धार्मिक महत्व का होता है. ज्योतिष आचार्य बताते हैं कि अपराजिता शिव, दुर्गा और विष्णु तीनों देवों का बहुत ही प्रिय फूल है. इस फूल को अगर भगवान शिव को चढ़ाया जाए तो जातक को शिव प्रसन्नता प्राप्त होती है. मतलब भगवान भोलेनाथ बहुत प्रसन्न होते हैं, क्योंकि शिव को नीलकंठ महाराज भी बोलते हैं, उनका नाम नीलकंठ भी है, ठीक उसी प्रकार से ये अपराजिता का फूल भी नीला फूल होता है, जो शंकर जी का बहुत ही पसंदीदा फूल है. शास्त्रों में उल्लेख है कि अपराजिता के इस फूल को भगवान भोलेनाथ को अर्पित करना चाहिए, बहुत प्रसन्न होते हैं.

Aparajita Blue Flower
नीला अपराजिता फूल घर में लगाएं (ETV Bharat)

शनि शांति फाइनेंशल समस्या का समाधान

अपराजिता का फूल कई समस्याओं का समाधान भी करता है. ज्योतिष आचार्य शिवधर द्विवेदी बताते हैं कि अगर अपराजिता के फूल को भगवान विष्णु और शिव को चढ़ाया जाए और विधि विधान से पूजा की जाए तो शनि की शांति भी होती है, शनि देव प्रसन्न होते हैं, और सबसे बड़ा फायदा तो यह मिलता है कि अपराजिता का फूल विष्णु जी और शंकर जी पर चढ़ाने से व्यक्ति की फाइनेंशियल समस्या का भी समाधान हो जाता है और यह बिल्कुल तुरंत ही होता है.

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तांत्रिक महत्व

ज्योतिष आचार्य बताते हैं कि अपराजिता माता दुर्गा का पर्यायवाची शब्द भी है. मतलब ये अपराजिता देवी भी हैं, इसका तांत्रिक महत्व भी होता है. साथ ही अपराजिता के पेड़ और शमी के पेड़ की दशहरे में पूजा भी की जाती है, जिसका बहुत धार्मिक महत्व बताया गया है, अपराजिता के पेड़ के जड़ का तांत्रिक प्रयोग में इस्तेमाल किया जाता है.

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