पटना: बिहार की राजधानी में स्थित आईआईटी पटना का परिसर वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव अन्वेषा 2024 के शुभारंभ से उत्साह से जीवंत हो उठा. इस कार्यक्रम में सम्मानित मुख्य अतिथि के रूप में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर और पद्मश्री अशोक कुमार उपस्थित रहे.
छात्रों के प्रयासों की सराहना: वहीं, समारोह में मौजूद संस्थान के निदेशक प्रो टी.एन. सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए छात्रों के समग्र प्रयास की सराहना की. उन्होंने अन्वेषा की पूरी टीम के जबरदस्त प्रयासों की सराहना की और सफलता के लिए शुभकामनाएं भी दीं. पद्मश्री अशोक कुमार विश्वास जी ने ईमानदारी के महत्व पर जोर दिया और अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किया. उन्होंने छात्रों से परिस्थितियों की परवाह किए बिना नैतिकताओं का पालन करने का आग्रह किया.
इमेजिनेशन स्टेशन की झलक भी दिखीं: उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कैसे उन्होंने सामूहिक प्रयासों के माध्यम से टिकुली कला को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस दौरान अन्वेषा में हीलटर्न, एक गतिशील नृत्य प्रतियोगिता, और सिंगफोनी, एक गायन प्रतियोगिता, ने कौशल और रचनात्मकता से भरपूर प्रदर्शनों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. परिसर में जीवंत एनीमेकॉन, दर्पण (दीवार पेंटिंग प्रतियोगिता) और इमेजिनेशन स्टेशन की कलात्मक झलक भी देखी गई.
ऊर्जा और उल्लास से पूरे परिसर गूंज उठा: वहीं, जैसे ही सूरज क्षितिज के नीचे डूबा, नियाज़ी ब्रदर्स, जो कोक स्टूडियो ने अपनी कव्वाली प्रस्तुतियों से सभी का दिल मोह लिया. इसके अतिरिक्त, स्पिक मैके द्वारा प्रस्तुत छाऊ नृत्य ने शाम को पारंपरिक स्पर्श दिया. सामूहिक ऊर्जा और उल्लास पूरे परिसर में गूंज उठा, जिससे सांस्कृतिक रात्रि में उपस्थित सभी लोगों के लिए एक यादगार अनुभव बन गया.
पाठ्यक्रम गतिविधियों में शामिल हो: वहीं, इस मौके पर मौजूद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने इस बात पर जोर दिया कि सांस्कृतिक उत्सव छात्रों के समग्र विकास को आकार देने में कैसे महत्वपूर्ण होते हैं. उन्होंने छात्रों को अपने समग्र विकास के लिए अतिरिक्त पाठ्यक्रम गतिविधियों में शामिल होने की सलाह दी. उद्घाटन समारोह ने भाग लेने वाले छात्रों की विविध प्रतिभाओं को प्रदर्शित करते हुए कई कार्यक्रमों का मार्ग प्रशस्त किया.
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