जैसलमेर. राजस्थान से लगती पाकिस्तान की सीमा से सटे सरहदी जैसलमेर जिले की अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में एक जिंदा एंटी पर्सनल लैंड माइन मिलने से सनसनी फैल गई. जिले के सीमावर्ती क्षेत्र के म्याजलार गांव से करीब 4 किलोमीटर दूर एक चरवाहे को यह एंटी पर्सनल लैंड माइन नजर आई. इसके बाद चरवाहे ने ग्रामीणों को इसकी जानकारी देकर मौके पर बुलाया. वहीं ग्रामीणों द्वारा सूचना मिलने के बाद झिनझिनयाली पुलिस थाना की टीम मौके पर पहुंची और पुलिस ने बीएसएफ के अधिकारियों को भी इसकी सूचना देकर मौके पर बुलाया और जांच शुरू की.
झिनझिनयाली पुलिस थानाधिकारी सुरजाराम ने बताया कि शनिवार सुबह एक भेड़ चराने वाले को अंतरराष्ट्रीय सीमा के 20 किलोमीटर अंदर एक सुनसान इलाके में जमीन में दबी यह माइन दिखी थी. इसके बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. थानाधिकारी ने बताया कि पुलिस द्वारा प्रशासन के माध्यम से एंटी पर्सनल लैंड माइन मिलने की सूचना भारतीय सेना के कंट्रोल रूम में भी दे दी है. अब सेना का बम निरोधक दस्ता मौके पर आएगा और डिफ्यूज करने की कार्रवाई करेगा.
उन्होंने बताया कि एंटी पर्सनल लैंड माइन को सुरक्षित रख दिया गया है. जब तक सेना का बम निरोधक दस्ता इसे डिफ्यूज करने की कार्रवाई नहीं करता है, तब तक यह पुलिस कब्जे में रहेगा. गौरतलब है कि सीमा क्षेत्र होने के कारण यहां भारतीय सेना की कई गतिविधियां होती हैं. ऐसे में बताया जा रहा है कि सेना द्वारा किए जाने वाले युद्ध अभ्यास में यह जमीन में ही दबी रह गई होगी.
क्या है एंटी पर्सनल माइंस: सैन्य सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एंटी पर्सनल लैंड माइन का इस्तेमाल इंसानों के खिलाफ किया जाता है. जबकि एंटी-टैंक माइन का इस्तेमाल भारी गाड़ियों के लिए किया जाता है. ये माइंस घुसपैठियों और दुश्मन की पैदल सेना के खिलाफ रक्षा की पहली पंक्ति के रूप में काम करते हैं. वे आकार में छोटे होते हैं और बड़ी संख्या में तैनात किये जा सकते हैं. वे सीमाओं पर दुश्मन सैनिकों को मार गिराने के लिए जमीन में दबाए जाते हैं और जैसे ही दुश्मन देश का सैनिक इस पर पांव रखता है, तो ये धमाके के साथ फटता है.