नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से पूछा है कि कथित तौर पर साल 2018 और 2020 के बीच सरकार के जब्ती रिकॉर्ड से तकरीबन 5 लाख करोड़ रुपये की करीब 71 हजार किलोग्राम से ज्यादा हेरोइन कहां गायब हो गई. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) को 4 हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 9 सितंबर को होगी.
याचिका पत्रकार बीआर अरविंदाक्षन ने दायर किया है. इसमें कहा गया है कि एनसीआरबी की रिपोर्ट और 2018-2020 के दौरान हेरोइन की जब्ती के बारे में गृह मंत्रालय की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों में गंभीर अनियमितताएं हैं. याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट गृह मंत्रालय को इस मामले की जांच करने के निर्देश दे. साथ ही मांग की गई है कि जब्त की गई ड्रग्स की जब्ती और निपटान के तरीके से संबंधित रिकॉर्ड उपलब्ध कराया जाए.
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याचिका में कहा गया है कि 2018 और 2020 के बीच जब्ती रिकॉर्ड से करीब 71 हजार किलोग्राम हेरोइन गायब हो गई. गायब हेरोइन की अंतरराष्ट्रीय अनुमानित कीमत लगभग पांच लाख करोड़ रुपये है. याचिका में कहा गया है कि आंकड़ों में गड़बड़ी इतनी ज्यादा है कि अगर इसे तुरंत नहीं सुलझाया गया तो हेरोइन की इतनी बड़ी रकम के अवैध इस्तेमाल से समाज में अराजकता फैल सकती है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि 12 सितंबर 2022 को उसने केंद्रीय गृह मंत्रायल को प्रतिवेदन दिया था, लेकिन आज तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया.
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