मथुरा: 6 अक्टूबर को रियलिटी शो बिग बॉस-18 का आगाज हो गया. इसमें बिग बॉस को लेकर कई बार टिप्पणी करने वाले प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज भी बतौर अतिथि पहुंचे थे. इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर अनिरुद्धाचार्य को लेकर लोग टिप्पणियां करने लगे. उनके बिग बॉस में जाने पर बहुत से लोगों ने नाराजगी भी जताई. अब अनिरुद्धाचार्य ने अपने बिग बॉस में जाने पर सफाई दी है. एक वीडियो जारी कर कहा है कि उन्हें चैनल वालों ने कई बार बुलाया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. जब उनसे कहा गया कि उन्हें प्रतिभागियों को आशीर्वाद देने के लिए बुलाया जा रहा है, तब वे गए. जानिए अनिरुद्धाचार्य महाराज क्या कहा.
अनिरुद्धाचार्य बोले- मैं बिग बॉस का हिस्सा नहीं: वीडियो जारी कर अनिरुद्धाचार्य महाराज ने कहा कि कुछ लोगों को गलतफहमी हो गई थी कि मैं बिग बॉस में चला गया. यह बताइए कि बिग बॉस में जाने वाले जो 18 लोग हैं, क्या उन 18 लोगों में मेरा नाम है? बिग बॉस तो 3 महीने का कार्यक्रम होता है. मैं उन तीन महीनों में क्या 1 दिन के लिए भी गया. मैंने मना किया था कि मैं बिग बॉस में नहीं जाऊंगा और मैं नहीं गया. फिर आप कहेंगे कि आप बिग बॉस के मंच पर दिखाई दिए. हां, जब कई बार चैनल के ऑफर को ठुकराया तो चैनल की टीम ने कहा कि आप उस घर में नहीं आ रहे हैं तो कोई बात नहीं, जो 18 लोग बिग बॉस के घर में जा रहे हैं, उन्हें आशीर्वाद देने के लिए आ जाइए. मुझे अतिथि के रूप में बुलाया गया. मैं वहां के गेस्ट के रूप में गया.
आशीर्वाद देने के लिए गया: अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि बिग बॉस में जाने का मेरे पास ऑफर था. उन्होंने कहा था कि आप केवल एक महीने के लिए आ जाइए, दो महीने के लिए आ जाइए, लेकिन मैंने मना किया कि मैं दो दिन के लिए भी नहीं आऊंगा. आप बताइए कि मुझे न्यूज़ वाले बुलाते हैं तो मैं जाता हूं. अतिथि के रूप में यदि मुझे कोई निमंत्रण देगा कि आप 2 घंटे के लिए लिए आइए और सबको आशीर्वाद दीजिए, कुछ अच्छी बातें कहिए. जो बिग बॉस में जाने वाले जो लोग थे, मैंने उन्हें आशीर्वाद दिया. मैंने उन्हें समझाया कि आपको किस तरह से संस्कारवान बनकर रहना है. मेरी अच्छी बातें करने से यदि उनके संस्कार में बढ़ोतरी होती है तो मुझे जाना चाहिए.
अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि मुझे पता है कि मुझे कहां जाना चाहिए और कहां नहीं जाना चाहिए. यदि संत लोग केवल अच्छी जगह ही जाएं, जहां भक्त हैं, जहां अच्छा वातावरण है, वही जाऊं तो जहां बुरे लोग हैं, बुरा वातावरण है, वहां कोई अच्छा व्यक्ति जब तक नहीं पहुंचेगा तब तक वह अच्छे वातावरण में तब्दील नहीं होता.
पहली बार सभी ने राधे-राधे बोल एंट्री की: कहा कि यदि बच्चा कीचड़ में उलझ जाए, धंस जाए, तो क्या हमें जाकर उस बच्चे को नहीं बचाना चाहिए. क्या हम केवल अच्छी जगह जाएंगे, पवित्र जगह जाएंगे, दलदल में नहीं जाएंगे. संत का काम ही है कि वह सब जगह जाए और बिगड़े को सही करे. यदि मैं अच्छी-अच्छी जगह जाऊंगा तो फिर बुरी जगह कौन जाएगा. कहा कि यदि मैं वहां गया और वहां भागवत गीता दी तो आखिर प्रचार तो भगवत गीता का हुआ. बिग बॉस की टीम ने कहा कि पहली बार इस प्लेटफार्म पर सब ने राधे-राधे बोलकर एंट्री मारी ह., यदि मेरे जाने से वह पूरा माहौल भक्ति भाव से भर जाए तो क्या मेरा जाना गलत है. अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि अगर मेरे बिग बॉस में जाने से किसी सनातनी का दिल दुख है तो वे क्षमा प्रार्थी हैं.
कौन हैं अनिरुद्धाचार्य: अनिरुद्धाचार्य मूलत: जबलपुर, मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं. परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं. पिता अवधेशानंद गिरि भी भागवताचार्य रहे हैं. माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के बाद अनिरुद्धाचार्य वृंदावन चले गए, जहां अपने गुरु संत गिर्राज शास्त्री से शिक्षा ग्रहण की. आज यूट्यूब और दूसरे माध्यमों से भागवत कथा सुनाते हैं. लाखों लोग यूट्यूब पर अनिरुद्धाचार्य की भागवत कथा सुनते हैं. उनके यूट्यूब चैनल पर 15 मिलियन से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स बताए जाते हैं.