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शराब पर काउ सेस को लेकर बोले मंत्री जोराराम, कहा—शराब पर काउ सेस बढ़ाने का अभी कोई विचार नहीं - no increase in cow cess

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 29, 2024, 5:39 PM IST

शराब पर काउ सेस बढ़ाने की चल रही खबरों पर गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि अभी किसी तरह के सेस को बढ़ाने की खबरों को खारिज कर दिया है. सोमवार को विधानसभा परिसर में Etv भारत से बातचीत में मंत्री कुमावत ने कहा कि अभी सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं है, जरूरत होगी तो बाद में विचार किया जाएगा.

no increase in cow cess
मंत्री जोराराम, कहा—शराब से काउ सेस बढ़ाने का अभी कोई विचार नहीं (PHOTO ETV Bharat Jaipur)
शराब पर काउ सेस बढ़ाने का अभी कोई विचार नहीं (Video ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: गोशाला में मवेशियों को मिलने वाले अनुदान के लिए प्रदेश की भजन लाल सरकार अभी किसी तरह का कोई अतिरिक्त सेस नहीं बढ़ाने जा रही है. शराब पर सेस बढ़ाने की खबरों को गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि अभी इस तरह के किसी भी सेस को बढ़ाने को लेकर सरकार की मंशा नहीं है. भविष्य में अगर ऐसी कोई जरूरत महसूस हुई तो सरकार इस पर विचार करेगी.

उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में 74 पात्र गोशालाओं को अनुदान दिया जा रहा है. इसके लिए 10 फीसदी जमीनों की होने वाली रजिस्ट्री और 20 फीसदी शराब पर सेस लगाकर अर्जित होने वाली राशि से सरकार गोशालाओं को अनुदान देती है. दरअसल, राजस्थान में शराब की कीमतों में वृद्धि होने की संभावना जताई गई थी. राज्य सरकार द्वारा शराब पर लगाए गए गौ रक्षा सेस को 20% से बढ़ाकर 25% करने पर विचार की खबरें सामने आई थी.सेस में इस वृद्धि से गोशालाओं में मवेशियों के चारे के लिए सब्सिडी की अवधि को नौ महीने से बढ़ाकर पूरे साल तक के लिए वित्त पोषित करने में मदद मिलने की बात कही जा रही थी.

पढ़ें:गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत बोले- गौशालाओं के विकास व विस्तार के लिए तत्पर है सरकार

वर्तमान में, गोशालाओं को नौ महीने की सब्सिडी मिलती है, लेकिन सत्ताधारी और विपक्षी दलों के विधायकों की मांग रही है कि इस अवधि को बढ़ाया जाए. प्रदेश की गोशालाओं को प्रति गाय प्रतिदिन 40 रुपये और प्रति बछड़ा 20 रुपए की अनुदान राशि प्रदान करता है. रिकॉर्ड के अनुसार, सरकार भूमि और संपत्ति पंजीकरण पर 10% सेस और शराब पर 20% सेस के माध्यम से गोशालाओं को चारा प्रदान करने पर सालाना 1,225 करोड़ रुपए खर्च करती है.

सरकार की सेस बढ़ाने की मंशा नहीं: गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि प्रदेश की विभिन्न गोशालाओं को अनुदान दिया जाता है. वसुंधरा राजे सरकार ने 2016 में सरकारी भूमि और संपत्ति पंजीकरण पर 10 फीसदी सेस लगाया था. इसके बाद पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने शराब पर 20 फीसदी शराब पर काऊ सेस लागू किया. इन दोनों से से अर्जित होने वाली राशि से प्रदेश की अलग-अलग पात्र गोशालाओं को अनुदान दिया जाता है. प्रदेश में 74 पात्र गोशालाओं को अनुदान की स्वीकृति दी हुई है. आगे भी जैसे जैसे पात्र गोशालाओं के आवेदन आएंगे, उनको अनुदान दिया जाएगा. शराब सेस बढ़ाने के सवाल पर मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि इस तरह के किसी सेस को बढ़ाने का प्रावधान नहीं है. अभी सरकार का इस तरह का कोई विचार भी नहीं है, यदि भविष्य में जरूरत होगी तो उस पर विचार किया जाएगा.

शराब पर काउ सेस बढ़ाने का अभी कोई विचार नहीं (Video ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: गोशाला में मवेशियों को मिलने वाले अनुदान के लिए प्रदेश की भजन लाल सरकार अभी किसी तरह का कोई अतिरिक्त सेस नहीं बढ़ाने जा रही है. शराब पर सेस बढ़ाने की खबरों को गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि अभी इस तरह के किसी भी सेस को बढ़ाने को लेकर सरकार की मंशा नहीं है. भविष्य में अगर ऐसी कोई जरूरत महसूस हुई तो सरकार इस पर विचार करेगी.

उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में 74 पात्र गोशालाओं को अनुदान दिया जा रहा है. इसके लिए 10 फीसदी जमीनों की होने वाली रजिस्ट्री और 20 फीसदी शराब पर सेस लगाकर अर्जित होने वाली राशि से सरकार गोशालाओं को अनुदान देती है. दरअसल, राजस्थान में शराब की कीमतों में वृद्धि होने की संभावना जताई गई थी. राज्य सरकार द्वारा शराब पर लगाए गए गौ रक्षा सेस को 20% से बढ़ाकर 25% करने पर विचार की खबरें सामने आई थी.सेस में इस वृद्धि से गोशालाओं में मवेशियों के चारे के लिए सब्सिडी की अवधि को नौ महीने से बढ़ाकर पूरे साल तक के लिए वित्त पोषित करने में मदद मिलने की बात कही जा रही थी.

पढ़ें:गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत बोले- गौशालाओं के विकास व विस्तार के लिए तत्पर है सरकार

वर्तमान में, गोशालाओं को नौ महीने की सब्सिडी मिलती है, लेकिन सत्ताधारी और विपक्षी दलों के विधायकों की मांग रही है कि इस अवधि को बढ़ाया जाए. प्रदेश की गोशालाओं को प्रति गाय प्रतिदिन 40 रुपये और प्रति बछड़ा 20 रुपए की अनुदान राशि प्रदान करता है. रिकॉर्ड के अनुसार, सरकार भूमि और संपत्ति पंजीकरण पर 10% सेस और शराब पर 20% सेस के माध्यम से गोशालाओं को चारा प्रदान करने पर सालाना 1,225 करोड़ रुपए खर्च करती है.

सरकार की सेस बढ़ाने की मंशा नहीं: गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि प्रदेश की विभिन्न गोशालाओं को अनुदान दिया जाता है. वसुंधरा राजे सरकार ने 2016 में सरकारी भूमि और संपत्ति पंजीकरण पर 10 फीसदी सेस लगाया था. इसके बाद पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने शराब पर 20 फीसदी शराब पर काऊ सेस लागू किया. इन दोनों से से अर्जित होने वाली राशि से प्रदेश की अलग-अलग पात्र गोशालाओं को अनुदान दिया जाता है. प्रदेश में 74 पात्र गोशालाओं को अनुदान की स्वीकृति दी हुई है. आगे भी जैसे जैसे पात्र गोशालाओं के आवेदन आएंगे, उनको अनुदान दिया जाएगा. शराब सेस बढ़ाने के सवाल पर मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि इस तरह के किसी सेस को बढ़ाने का प्रावधान नहीं है. अभी सरकार का इस तरह का कोई विचार भी नहीं है, यदि भविष्य में जरूरत होगी तो उस पर विचार किया जाएगा.

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