लखनऊ: केजीएमयू में दिल की बीमारी के इलाज को अधिक जेब ढीली करनी होगी. कोरोनरी एंजियोप्लास्टी की दर में 20 प्रतिशत तक का इजाफा किया जा सकता है. हॉस्पिटल एडवाइजरी बोर्ड की बैठक में शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया. इस पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है. अब शुल्क बढ़ाने के लिए कमेटी बनी है, जो अंतिम फैसला देगी.
केजीएमयू में 4000 बेड हमेशा भरे रहते हैं. प्रतिदिन ओपीडी में सात से आठ हजार मरीज आते हैं. लारी कॉर्डियोलॉजी में भी प्रदेशभर से मरीज आ रहे हैं. सरकार केजीएमयू को गरीब मरीजों को किफायती इलाज मुहैया कराने के लिए 950 करोड़ रुपये का बजट हर साल देती है. इसके अलावा आयुष्मान, असाध्य, पंडित दीनदयाल कर्मचारी कैशलेस योजना, मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री राहत कोष समेत दूसरी योजनाओं के मद में भी करोड़ों रुपये जारी कर रही है. इसके बावजूद केजीएमयू प्रशासन गरीबों पर शुल्क का बोझ बढ़ाने की तैयारी कर रहा है.
लारी कॉर्डियोलॉजी विभाग में कोरोनरी एंजियोप्लास्टी की प्रक्रिया लागत 3300 रुपये है. इसे 4000 रुपये तक किया जा सकता है. क्वीनमेरी में जांच की दर भी बढ़ेगी इसी प्रकार स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग (क्वीनमेरी) में अल्ट्रासाउंड जांच की दरों में वृद्धि का प्रस्ताव बोर्ड के सामने रखा गया है. अभी अल्ट्रासांउड 250 रुपये में किया जा रहा है. इसे 300 रुपये करने की तैयारी है. हॉस्पिटल एडवाइजरी बोर्ड ने प्रस्ताव पर हामी भर दी है. अंतिम फैसले के लिए कमेटी गठित की गई है. इसमें सीएमएस, वित्त अधिकारी, कुलसचिव और कुलपति शामिल हैं.
केजीएमयू में सस्ती दवा का बड़ा स्टोर खुलेगा: केजीएमयू में सस्ती दवा का सबसे बड़ा स्टोर अगले सप्ताह से खुलेगा. इसमें मरीजों को 50 से 80 प्रतिशत कम कीमत पर दवाएं व सर्जिकल सामान मिलेगा. ओपीडी व भर्ती मरीज सस्ती दवाएं ले सकेंगे. ओपीडी के निकट करीब 30 साल से निजी मेडिकल स्टोर संचालित हो रहा था. अनुबंध खत्म होने के बाद संस्थान प्रशासन ने निजी मेडिकल स्टोर को हटा दिया.
इस स्टोर में मरीजों को लगभग 26 प्रतिशत कम कीमत पर दवाएं मुहैया कराई जा रही थीं. अब केजीएमयू प्रशासन ने वहां हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड (एचआरएफ) का स्टोर खोलने की तैयारी शुरू कर दी है. इसमें 50 से 80 प्रतिशत कम कीमत पर दवाएं व सर्जिकल सामान मिलेगा.
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