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7 माह से किराया नहीं मिलने पर आंगनबाड़ियों पर संकट, कलेक्टर को सौंपा मांग पत्र - Demand Letter To Collector

अजमेर में निजी भवनों में किराए पर चल रही आंगनबाड़ियों के संचालन में संकट गहराने लगा है. निजी भवन के मालिक 7 माह से किराया नहीं मिलने पर भवन खाली करने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कह रहे हैं. इसे लेकर कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर को मांग पत्र सौंपा है.

Demand Letter To Collector
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने किराए को लेकर सौंपा मांग पत्र (ETV Bharat Ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 24, 2024, 5:13 PM IST

अजमेर: किराए के भवनों में संचालित आंगनबाड़ियां बंद होने के कगार पर हैं. दरअसल 7 माह से भवन मालिकों को किराया नहीं मिला है. भवन मालिकों ने अपने भवन से आंगनबाड़ियों का संचालन बंद करने के लिए कह दिया है. ऐसे में परेशान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जिला प्रशासन के द्वार लाकर खड़ा कर दिया है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र सौंप कर किराए के भवनों में संचालित आंगनबाड़ियों का 7 माह का किराया भुगतान करने की मांग की है. जिले की बात करें, तो जिले में करीब 1300 और अजमेर शहर में करीब 180 आंगनबाड़ियां हैं. इनमें 80 फीसदी आंगनबाड़ियां निजी भवनों में संचालित हैं.

किराए के भवनों में चल रही आंगनबाड़ियों का महीनों से किराया बाकी (ETV Bharat Ajmer)

जल्द भुगतान की मांग: अजमेर में महिला एवं बाल विकास विभाग में उपायुक्त और अधिकारी का पद खाली है. ऐसे में परेशान होकर अजमेर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने मंगलवार को जिला मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन किया. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता माया देवी ने बताया कि मकान मालिक ने आंगनबाड़ी खोलने नहीं दी और अपना ताला लगा दिया. विगत कई दिनों ने मकान मालिक भवन का किराया मांग रहे हैं. उन्हें समझाया भी गया कि सरकार की ओर से किराया भुगतान जल्द कर दिया जाएगा. लेकिन भवन मालिक नहीं मान रहा. दिसंबर से किराया बकाया है. मकान मालिक को 2 महीने का किराया अपने वेतन से भी दिया. लेकिन वह पूरा किराया मांग रहा है.

पढ़ें: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन, PM व CM के नाम DM को सौंपा ज्ञापन

मुख्यमंत्री से लगाएंगे गुहार: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संतोष ने बताया कि 7 माह से मकान किराया नहीं मिलने के कारण कई आंगनबाड़ियों में ताला लगने की नौबत आ गई है. वहीं कई आंगनबाड़ियों के ताले लग चुके हैं. उन्होंने बताया कि जिले में अधिकांश आंगनबाड़ी निजी भवनों में संचालित की जा रही है. जिनमें तीन से छह वर्ष तक के गरीब वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं और उनको पोषाहार भी दिया जाता है. उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को गुहार लगाई है. इस ओर ध्यान नहीं दिया गया, तो जिलेभर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मुख्यमंत्री से मिलने के लिए जाएंगी.

पढ़ें: घटिया पोषाहार लेकर कलेक्ट्रेट पहुंची आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एडीएम से की शिकायत, रखी ये मांगें - Poor quality nutrition supply

इनका कहना है: महिला एवं बाल विकास विभाग में वरिष्ठ सुपरवाइजर अलका शर्मा ने बताया कि जिले में 1967 के लगभग आंगनबाड़ियां थीं. ब्यावर और केकड़ी जिला अलग होने के उपरांत जिले में करीब 1300 आंगनबाड़ियां हैं. इनमें अधिकांश आंगनबाड़ियां निजी भवन में संचालित हैं. निजी भवनों में संचालित आंगनबाड़ियों का किराया निर्धारित दर से राज्य सरकार वहन करती है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार को किराए के लिए बजट आवंटन करने के लिए पत्र लिखा जा चुका है. बजट आवंटित होते ही सभी निजी भवनों का किराया दे दिया जाएगा.

अजमेर: किराए के भवनों में संचालित आंगनबाड़ियां बंद होने के कगार पर हैं. दरअसल 7 माह से भवन मालिकों को किराया नहीं मिला है. भवन मालिकों ने अपने भवन से आंगनबाड़ियों का संचालन बंद करने के लिए कह दिया है. ऐसे में परेशान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जिला प्रशासन के द्वार लाकर खड़ा कर दिया है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र सौंप कर किराए के भवनों में संचालित आंगनबाड़ियों का 7 माह का किराया भुगतान करने की मांग की है. जिले की बात करें, तो जिले में करीब 1300 और अजमेर शहर में करीब 180 आंगनबाड़ियां हैं. इनमें 80 फीसदी आंगनबाड़ियां निजी भवनों में संचालित हैं.

किराए के भवनों में चल रही आंगनबाड़ियों का महीनों से किराया बाकी (ETV Bharat Ajmer)

जल्द भुगतान की मांग: अजमेर में महिला एवं बाल विकास विभाग में उपायुक्त और अधिकारी का पद खाली है. ऐसे में परेशान होकर अजमेर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने मंगलवार को जिला मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन किया. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता माया देवी ने बताया कि मकान मालिक ने आंगनबाड़ी खोलने नहीं दी और अपना ताला लगा दिया. विगत कई दिनों ने मकान मालिक भवन का किराया मांग रहे हैं. उन्हें समझाया भी गया कि सरकार की ओर से किराया भुगतान जल्द कर दिया जाएगा. लेकिन भवन मालिक नहीं मान रहा. दिसंबर से किराया बकाया है. मकान मालिक को 2 महीने का किराया अपने वेतन से भी दिया. लेकिन वह पूरा किराया मांग रहा है.

पढ़ें: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन, PM व CM के नाम DM को सौंपा ज्ञापन

मुख्यमंत्री से लगाएंगे गुहार: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संतोष ने बताया कि 7 माह से मकान किराया नहीं मिलने के कारण कई आंगनबाड़ियों में ताला लगने की नौबत आ गई है. वहीं कई आंगनबाड़ियों के ताले लग चुके हैं. उन्होंने बताया कि जिले में अधिकांश आंगनबाड़ी निजी भवनों में संचालित की जा रही है. जिनमें तीन से छह वर्ष तक के गरीब वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं और उनको पोषाहार भी दिया जाता है. उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को गुहार लगाई है. इस ओर ध्यान नहीं दिया गया, तो जिलेभर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मुख्यमंत्री से मिलने के लिए जाएंगी.

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इनका कहना है: महिला एवं बाल विकास विभाग में वरिष्ठ सुपरवाइजर अलका शर्मा ने बताया कि जिले में 1967 के लगभग आंगनबाड़ियां थीं. ब्यावर और केकड़ी जिला अलग होने के उपरांत जिले में करीब 1300 आंगनबाड़ियां हैं. इनमें अधिकांश आंगनबाड़ियां निजी भवन में संचालित हैं. निजी भवनों में संचालित आंगनबाड़ियों का किराया निर्धारित दर से राज्य सरकार वहन करती है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार को किराए के लिए बजट आवंटन करने के लिए पत्र लिखा जा चुका है. बजट आवंटित होते ही सभी निजी भवनों का किराया दे दिया जाएगा.

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