कानपुर: मेरा मानना है, कि सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता है. अगर जीवन में सफल होना है, तो उसके लिए कठिन परिश्रम करना होगा. इस बात को भी समझना होगा, कि आज का युग केवल ज्ञान का नहीं, बल्कि ज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का है. उन्होंने कहा, वर्तमान में दुनिया में वही देश प्रगति कर रहे हैं, जो इनोवेशन और नई टेक्नोलॉजी को प्राथमिकता दे रहे हैं. पिछले 10 वर्षों में देश ने विज्ञान एवं तकनीकी क्षेत्र में विश्व पटल पर अपनी क्षमता का परिचय दिया है. शुक्रवार को यह बातें सूबे की राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहीं. वह हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विवि (एचबीटीयू) के 6वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं.
छात्राओं का कमजोर प्रदर्शन चिंतनीय: समारोह के दौरान राज्यपाल ने प्राविधिक शिक्षा के विभिन्न पाठ्यक्रमों के स्नातक और स्नातकोत्तर कुल 899 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां दीं. इसके साथ ही 48 मेडल मेधावी छात्र-छात्राओं पर पदकों की बारिश की गई. जिनमें चार चांसलर मेडल और 44 उपकुलपति मेडल शामिल थे. मेडल प्राप्त करने वालों में 21 छात्राएं और 27 छात्र शामिल थे. कार्यक्रम के दौरान छात्रों की तुलना में छात्राओं का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर दिखने पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा, कि छात्राओं का कमजोर प्रदर्शन चिंतनीय है.
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इटावा के सीडीओ को दी पुस्तक: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दीक्षांत समारोह के दौरान इटावा के सीडीओ अजय कुमार गौतम को राजभवन में किए गए नवाचारों पर आधारित पुस्तक ‘हमारा राजभवन‘ और एक मेडिकल किट भी दी. साथ ही निर्देशित किया. इसी प्रकार कई किटें आंगनबाड़ी केंद्रों को भी दी. जिससे इन किटों से आंगनबाड़ियों में बच्चों की बेहतर देखभाल की जा सकेगी. उनके स्वास्थ्य का उचित ध्यान रखा जा सकेगा.
कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के दो भवनों इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एवं केमिकल इंजीनियरिंग भवन, स्कॉलर रोड का लोकार्पण किया. उन्होंने ‘समर्थ पोर्टल‘ का शुभारंभ भी किया. इसके साथ सभी उपाधियों, अंक-पत्रों तथा प्रमाण-पत्रों को ऑनलाइन डिजीलॉकर में अपलोड किया. उन्होंने विश्वविद्यालय के द्वारा गोद लिए गए पांच गावों के विद्यालयों में विभिन्न तरह की प्रतियोगिताओं खेल, निबन्ध लेखन, कला, शिल्प आदि के विजेताओं को पुरस्कृत किया.
विजेता गांव के प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्यों को सम्मानित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईआईटी कानपुर के निदेशक पद्मश्री मणीन्द्र अग्रवाल ने सभी डिग्री प्राप्तकर्ताओं को बधाई दी. खुद को सफल पेशेवर के रूप में विकसित करने और भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में सक्रीय योगदान देने के लिए प्रेरित किया. इस मौके पर विवि के कुलपति प्रो.समशेर समेत अन्य फैकल्टी सदस्य मौजूद रहे.