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इनोवेशन कांफ्रेंस में बोले विशेषज्ञ, बीकानेरी भुजिया, पापड़ पर नवाचार करने की जरूरत - INTERNATIONAL CONFERENCE IN BIKANER

महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय और बेसिक पीजी कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में ’नवाचार एवं उद्यमिताः सामाजिक, आर्थिक एवं तकनीकी परिप्रेक्ष्य’ विषयक अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस शुरू हुई.

International Conference in Bikaner
बीकानेर में अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस शुरू (ETV Bharat Bikaner)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 19, 2024, 9:38 PM IST

बीकानेरः बीकानेर के भुजिया और पापड़ अपने स्वाद के चलते विश्व प्रसिद्ध है, लेकिन अब जरूरत इनकी फ्रेशनेश अवधि को बढ़ाने के तरीके पर काम करने की है. महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय और बेसिक पीजी कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को ‘नवाचार एवं उद्यमिता- सामाजिक, आर्थिक एवं तकनीकी परिपेक्ष्य’ विषयक अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के उद्घाटन सत्र में विशेषज्ञों ने ये बात कही.

कांफ्रेंस में भारत के साथ अमेरिका, यूके, कनाडा, नीडरलैंड, जापान, तुर्की और ऑस्ट्रेलिया आदि देशों के विशेषज्ञ भी शामिल हुए. दिल्ली से आए ज्ञान संप्रभुता केंद्र के सचिव विनीत गोयनका ने बीकानेरी भुजिया और पापड़ पर नवाचार कर उनकी फ्रेशनेस की अवधि बढ़ाने का काम करने की जरूरत बताई. उद्घाटन सत्र में सचिव गोयनका ने कहा कि बीकानेरी भुजिया और पापड़ को वृहद स्तर पर लाने के लिए नवाचार की आवश्यकता है, जिसके अंतर्गत यदि बीकानेरी भुजिया और पापड़ की फ्रेशनेस की अवधि बढ़ा दी जाए तो उसका उत्पादन और ज्यादा बढ़ जाएगा. उन्होंने कहा कि बीकानेर को हैरिटेज दृष्टि से बढ़ाने के लिए भी नवाचार की आवश्यकता है.

पढेंः दीक्षांत समारोह में युवाओं से बोले राज्यपाल, रोजगार पाने के इच्छुक बनने की बजाय रोजगार देने वाले बनें

इनोवेशन का हबः अमेरिका के डयूश के निदेशक पंकज ओझा ने नवाचार को सूक्ष्म स्तर पर बताते हुए उद्यमिता की आवश्यकता व नवाचार के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि भारत में टेलेंट बहुत है. उन्हें आवश्यकता है अच्छे प्लेटफार्म की. उन्होंने कई स्टार्टअप्स के बारे में जिक्र किया. बीकानेर विधायक जेठानंद व्यास ने कहा कि ये सेमिनार बीकानेर के विकास व नवाचार में मील का पत्थर साबित होगी. उन्होंने कहा कि बीकानेर के विकास के लिए वह हर समय उपलब्ध हैं और सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हुए कार्य करने के लिए तत्पर है.

जरूरत को पहचानेंः महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने बताया कि बीकानेर में फूड और मिल्क क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं. इस क्षेत्र में आगे काम करने के लिए बीकानेर को फूड टेस्टिंग लैब और मिल्क टेस्टिंग लैब की आवश्यकता है. यह दो लैब होने पर बीकानेर में नवाचार के कई नये आयाम हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि दो दिवसीय सम्मेलन में विभिन्न सत्रों, पैनल चर्चाओं और शोध प्रस्तुतियों के माध्यम से नवाचार और उद्यमिता के सामाजिक, आर्थिक और तकनीकी प्रभावों पर चर्चा की जाएगी.

नवाचार को सामने लाना उद्देश्यः कांफ्रेंस संयोजक एवं महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित ने सेमिनार की रूपरेखा बताते हुए कहा कि इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य नवाचार और उद्यमिता के क्षेत्र में वैश्विक विचारधाराओं और अनुभवों को एकजुट करना है. यह मंच विचारों और समाधानों को एक नया आयाम देने का कार्य करेगा.

बीकानेरः बीकानेर के भुजिया और पापड़ अपने स्वाद के चलते विश्व प्रसिद्ध है, लेकिन अब जरूरत इनकी फ्रेशनेश अवधि को बढ़ाने के तरीके पर काम करने की है. महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय और बेसिक पीजी कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को ‘नवाचार एवं उद्यमिता- सामाजिक, आर्थिक एवं तकनीकी परिपेक्ष्य’ विषयक अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के उद्घाटन सत्र में विशेषज्ञों ने ये बात कही.

कांफ्रेंस में भारत के साथ अमेरिका, यूके, कनाडा, नीडरलैंड, जापान, तुर्की और ऑस्ट्रेलिया आदि देशों के विशेषज्ञ भी शामिल हुए. दिल्ली से आए ज्ञान संप्रभुता केंद्र के सचिव विनीत गोयनका ने बीकानेरी भुजिया और पापड़ पर नवाचार कर उनकी फ्रेशनेस की अवधि बढ़ाने का काम करने की जरूरत बताई. उद्घाटन सत्र में सचिव गोयनका ने कहा कि बीकानेरी भुजिया और पापड़ को वृहद स्तर पर लाने के लिए नवाचार की आवश्यकता है, जिसके अंतर्गत यदि बीकानेरी भुजिया और पापड़ की फ्रेशनेस की अवधि बढ़ा दी जाए तो उसका उत्पादन और ज्यादा बढ़ जाएगा. उन्होंने कहा कि बीकानेर को हैरिटेज दृष्टि से बढ़ाने के लिए भी नवाचार की आवश्यकता है.

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इनोवेशन का हबः अमेरिका के डयूश के निदेशक पंकज ओझा ने नवाचार को सूक्ष्म स्तर पर बताते हुए उद्यमिता की आवश्यकता व नवाचार के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि भारत में टेलेंट बहुत है. उन्हें आवश्यकता है अच्छे प्लेटफार्म की. उन्होंने कई स्टार्टअप्स के बारे में जिक्र किया. बीकानेर विधायक जेठानंद व्यास ने कहा कि ये सेमिनार बीकानेर के विकास व नवाचार में मील का पत्थर साबित होगी. उन्होंने कहा कि बीकानेर के विकास के लिए वह हर समय उपलब्ध हैं और सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हुए कार्य करने के लिए तत्पर है.

जरूरत को पहचानेंः महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने बताया कि बीकानेर में फूड और मिल्क क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं. इस क्षेत्र में आगे काम करने के लिए बीकानेर को फूड टेस्टिंग लैब और मिल्क टेस्टिंग लैब की आवश्यकता है. यह दो लैब होने पर बीकानेर में नवाचार के कई नये आयाम हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि दो दिवसीय सम्मेलन में विभिन्न सत्रों, पैनल चर्चाओं और शोध प्रस्तुतियों के माध्यम से नवाचार और उद्यमिता के सामाजिक, आर्थिक और तकनीकी प्रभावों पर चर्चा की जाएगी.

नवाचार को सामने लाना उद्देश्यः कांफ्रेंस संयोजक एवं महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित ने सेमिनार की रूपरेखा बताते हुए कहा कि इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य नवाचार और उद्यमिता के क्षेत्र में वैश्विक विचारधाराओं और अनुभवों को एकजुट करना है. यह मंच विचारों और समाधानों को एक नया आयाम देने का कार्य करेगा.

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