भोपाल. मध्यप्रदेश में दूध के दाम अब गुजरात से तय होंगे, सुनने में अटपटा लगे पर आने वाले दिनों में ऐसा संभव है. दरअसल, 4 जून को आचार संहिता हटते ही कभी भी अमूल मध्यप्रदेश की पहचान बन चुके सांची को टेकओवर कर लेगा. अगर ऐसा हुआ तो आने वाले दिनों में एमपी के सांची दूध के दाम अमूल तय करेगा. इस आर्टिकल में जानें अमूल के सांची को टेकओवर करने के क्या असर हो सकते हैं.
टेकओवर को लेकर हो चुकी बैठकें
दरअसल, गुजरात कॉपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन यानी GCMMF अमूल नाम से अपने डेयर प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग करता है. यही अमूल अब एमपी की शान बन चुके सांची दूध का अधिग्रहण कर लेगा. चुनाव से पहले सीएम मोहन यादव की अमूल व सांची के टॉप मैनेजमेंट के साथ बैठकें हो चुकी हैं. कहा जा रहा है कि यह फैसला एमपी के दूध उत्पादकों के हित में लिया जा रहा है. ऐसे में 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कभी भी इस फैसले पर मुहर लग सकती है.
तो एमपी में भी बढ़ेंगे दूध के दाम?
गुजरात कॉपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (अमूल) ने हाल ही में दूध की कीमतों को 2 रु प्रति लीटर तक बढ़ा दिया है. ये नई दर 3 जून यानी आज से प्रभावी हो जाएंगी. अमूल का 64 रु लीटर वाला दूध का पैकेट 66 रु का हो चुका है. ऐसे में जब अमूल द्वारा मध्यप्रदेश के सांची दूध को टेकओवर किया जाएगे तो जाहिर तौर पर एमपी में भी सांची दूध के दाम और बढ़ सकते हैं.
सांची को क्यों टेकओवर कर रहा अमूल?
पशुपालन और डेयरी विभाग के प्रधान सचिव आईएएस गुलशन बामरा ने कहा, " दूध उत्पादक किसानों-पशुपालकों को लाभ पहुंचाने के लिए अमूल-सांची मर्ज किए जाने का फैसला किया गया है. इससे मध्यप्रदेश के पशुपालकों की आय में इजाफा होगा."
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अमूल का कॉम्पिटीटर रहा है एमपी का सांची
आपको जानकर हैरानी होगी कि किसानों से दूध खरीदने के मामले में मध्यप्रदेश का सांची अमूल से काफी आगे है. एमपी में जितना दूध उत्पादन होता है, उसका करीब 50 प्रतिशत दूध सांची एमपी के किसानों से खरीदता है. आंकड़े बताते हैं कि सांची करीब 10 लाख लीटर दूध प्रतिदिन एमपी के किसानों से खरीदता है, वहीं अमूल प्रतिदिन किसानों से करीब 4 लाख लीटर दूध खरीदता है.