अलीगढ़: 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों ने जुमे की नमाज के बाद हाथों पर काली पट्टी बांधकर ब्लैक डे मनाया. दरअसल एएमयू के छात्रों ने यूनिवर्सिटी की जामा मस्जिद और आफताब हाल की मस्जिद में जुमे की नमाज अदा करने के बाद अपने हाथों में काली पट्टी बांधकर इकट्ठा हुए और बाबरी मस्जिद की बरसी को याद किया.
इस दौरान वहां मौजूद छात्रों का कहना रहा कि, 6 दिसंबर का दिन खासकर हिंदुस्तान के मुसलमान के लिए हमेशा ब्लैक डे ही रहेगा क्योंकि आज के दिन मुसलमान के साथ इंसाफ नहीं किया गया था. मुसलमान के दिलों में हमेशा वहां बाबरी मस्जिद ही रहेगी. इस दौरान छात्रों ने कहा कि बाबरी मस्जिद अभी जिंदा है. मस्जिद वहीं थी, वहीं है और आगे भी वहीं रहेगी.
छात्रों ने बताया कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं लेकिन हिंदुस्तान का मुसलमान बाबरी मस्जिद को कभी नहीं भूल सकता. हमारे दिल में हमेशा बाबरी मस्जिद ही रहेगी जहां पर थी. 1991 वारशिप एक्ट का हवाला देते हुए छात्रों ने कहा की एक बार फिर देश का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है. धर्म की राजनीति की जा रही है बाबरी मस्जिद के बाद अब संबल की मस्जिद, अजमेर दरगाह सहित दूसरी मस्जिद और दरगाहों के नीचे मंदिर बाता कर उसकी जांच की मांग की जा रही है.
छात्रों ने कहा कि ऐसे वक्त में देश को तरक्की करना चाहिए हम सबको देश के भविष्य के बारे में सोचना चाहिए. लेकिन हम लोग हिंदू मुस्लिम और मंदिर मस्जिद की राजनीति कर रहे हैं. देश तरक्की नहीं कर सकता इस तरह के माहौल में, हिंदू मुस्लिम भाईचारे को ठेस पहुंचाई जा रही है.