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गजब; छात्रा बनकर AMU प्रोफेसर ने साथी के खिलाफ की शिकायतें, डाक से भेजे 20 लेटर, ऐसे खुला मामला - ALIGARH MUSLIM UNIVERSITY

पोस्ट ऑफिस के सीसीटीवी से खुला राज, एएमयू रजिस्टार ने नोटिस भेजकर प्रोफेसर से एक सप्ताह में मांगा स्पष्टीकरण, हो सकती है कार्रवाई

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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 4 hours ago

अलीगढ़ः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के एक प्रोफेसर का गजब कारनामा सामने आया है. प्रोफेसर छात्रा बनकर अपने ही विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर की 20 शिकायतें डाक पोस्ट के द्वारा यूनिवर्सिटी प्रशासन, एसएसपी समित अन्य अफसरों को भेजी थी.

जब राज खुला तो प्रोफेसर ने पहले इनकार किया फिर जुर्म कबूल लिया. इसके बाद यूनिवर्सिटी रजिस्टार ने नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा है.जानकारी के मुताबिक, एएमयू के रसायन विभाग के प्रोफेसर रियाजुद्दीन ने अपने ही विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर इशात मोहम्मद खान के खिलाफ छात्रा बनाकर आपत्तिजनक पत्र पोस्ट ऑफिस के जरिए 20 लोगों को भेजे थे. इशात अपने खिलाफ मिल रही शिकायतों को पहले अपने स्तर पर जांच पड़ताल की फिर एसपी से शिकायत की.

AMU प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम अली. (Video Credit; ETV Bharat)
डॉक्टर इशात ने बताया कि जब इस मामले की छानबीन की तो मालूम चला कि उनके पास जो पत्र आया है, वह अलीगढ़ के हेड पोस्ट ऑफिस से आया है. इसके बाद उन्होंने पोस्ट ऑफिस जाकर सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो पता चला कि पत्र भेजने वाला उन्ही के विभाग का प्रोफेसर जयाजुद्दीन है. पोस्ट ऑफिस में लगे सीसीटीवी फुटेज में साफ-साफ दिख रहे हैं. जिसकी शिकायत इशात ने एसएसपी को की. एसएसपी जांच के आदेश पर पूरे मामले की छानबीन की गई तो प्रोफेसर रियाजुद्दीन ने पहले तो जुर्म कबूल करने से इनकार किया. इसके बाद अपना जुर्म कबूल किया.यूनिवर्सिटी प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम अली ने कहा कि एएमयू के रसायन में दो शिक्षकों के बीच कोई मसला है. जिसमें एक शिक्षक ने दूसरे शिक्षक को कोई आपत्तिजनक पत्र लिखा था. सी मसले का संज्ञान लेते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने शिक्षक को नोटिस जारी किया है. एएमयू रजिस्ट्रार इमरान खान द्वारा जारी पत्र के अनुसार इन्हें 7 दिन में प्रोफेसर रियाजुद्दीन को अपना पक्ष रखने का समय दिया गया है. अगर वह स्पष्टीकरण नहीं देते हैं तो माना जाएगा कि उनके कहने के लिए कुछ नहीं है. जवाब नहीं देने पर नियमानुसार अनुशासत्मक कार्रवाई की जाएगी.

इसे भी पढ़ें-केंद्र सरकार के नए फरमान से AMU में हलचल, क्या एग्जीक्यूटिव काउंसिल में शामिल होंगे शिक्षा सचिव?

अलीगढ़ः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के एक प्रोफेसर का गजब कारनामा सामने आया है. प्रोफेसर छात्रा बनकर अपने ही विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर की 20 शिकायतें डाक पोस्ट के द्वारा यूनिवर्सिटी प्रशासन, एसएसपी समित अन्य अफसरों को भेजी थी.

जब राज खुला तो प्रोफेसर ने पहले इनकार किया फिर जुर्म कबूल लिया. इसके बाद यूनिवर्सिटी रजिस्टार ने नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा है.जानकारी के मुताबिक, एएमयू के रसायन विभाग के प्रोफेसर रियाजुद्दीन ने अपने ही विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर इशात मोहम्मद खान के खिलाफ छात्रा बनाकर आपत्तिजनक पत्र पोस्ट ऑफिस के जरिए 20 लोगों को भेजे थे. इशात अपने खिलाफ मिल रही शिकायतों को पहले अपने स्तर पर जांच पड़ताल की फिर एसपी से शिकायत की.

AMU प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम अली. (Video Credit; ETV Bharat)
डॉक्टर इशात ने बताया कि जब इस मामले की छानबीन की तो मालूम चला कि उनके पास जो पत्र आया है, वह अलीगढ़ के हेड पोस्ट ऑफिस से आया है. इसके बाद उन्होंने पोस्ट ऑफिस जाकर सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो पता चला कि पत्र भेजने वाला उन्ही के विभाग का प्रोफेसर जयाजुद्दीन है. पोस्ट ऑफिस में लगे सीसीटीवी फुटेज में साफ-साफ दिख रहे हैं. जिसकी शिकायत इशात ने एसएसपी को की. एसएसपी जांच के आदेश पर पूरे मामले की छानबीन की गई तो प्रोफेसर रियाजुद्दीन ने पहले तो जुर्म कबूल करने से इनकार किया. इसके बाद अपना जुर्म कबूल किया.यूनिवर्सिटी प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम अली ने कहा कि एएमयू के रसायन में दो शिक्षकों के बीच कोई मसला है. जिसमें एक शिक्षक ने दूसरे शिक्षक को कोई आपत्तिजनक पत्र लिखा था. सी मसले का संज्ञान लेते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने शिक्षक को नोटिस जारी किया है. एएमयू रजिस्ट्रार इमरान खान द्वारा जारी पत्र के अनुसार इन्हें 7 दिन में प्रोफेसर रियाजुद्दीन को अपना पक्ष रखने का समय दिया गया है. अगर वह स्पष्टीकरण नहीं देते हैं तो माना जाएगा कि उनके कहने के लिए कुछ नहीं है. जवाब नहीं देने पर नियमानुसार अनुशासत्मक कार्रवाई की जाएगी.

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