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अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को मिली एमआरआई मशीन, लेकिन सेटअप तैयार नहीं, डेढ़ महीने बाद मिलेगी सुविधा - Surguja News

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 30, 2024, 11:40 AM IST

Updated : Jun 30, 2024, 12:26 PM IST

अंबिकापुर के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय को बड़ी सौगात मिली है. बीते पांच सालों से चल रही एमआरआई मशीन की खरीदी प्रक्रिया पूरी हो गई है. विप्रो जी कम्पनी ने 14 करोड़ रुपए की लागत से 1.5 टेस्ला की एमआरआई मशीन की सप्लाई अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में कर दी गई है. लेकिन इसका सेटअप तैयार करने में करीब 45 दिन का समय लगेगा. इसलिए अब डेढ़ महीने बाद ही इसका लाभ आम लोगों को मिल सकेगा.

AMBIKAPUR MEDICAL COLLEGE
अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज (ETV Bharat)


सरगुजा : अंबिकापुर के राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में अब आने वाले दिनों में एमआरआई की सुविधा मिल सकेगी. बीते पांच सालों से चल रही खरीदी की प्रक्रिया पूरी हो गई है. विप्रो जी कम्पनी द्वारा 14 करोड़ रुपए की लागत से 1.5 टेस्ला की एमआरआई मशीन की सप्लाई अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में कर दी गई है. हालांकि, फिलहाल इस मशीन को स्थापित करने में कम से कम 45 दिन का समय लगने वाला है. ऐसे में आम नागरिकों को दो महीने बाद ही एमआरआई सुविधा का लाभ मिल सकेगा. जिसके बाद लोगों को इस सुविधा के लिए निजी अस्पताल के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे.

साल 2019 में मिली थी स्वीकृति : राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में एमआरआई मशीन की खरीदी हेतु वर्षों से प्रक्रिया चल रही थी. साल 2019 में शासन से एमआरआई मशीन की खरीदी के लिए स्वीकृति मिली थी. शासन की पहल पर एमआरआई मशीन के लिए 7 करोड़ रुपए की राशि एसईसीएल द्वारा सीएसआर मद से स्वीकृत किया गया, लेकिन लम्बे समय तक खरीदी नहीं हो पाई की वजह से इसकी दर में वृद्धि होती गई और बाद में 1.5 टेस्ला की एमआरआई मशीन खरीदने का निर्णय पूर्व की सरकार द्वारा लिया गया था.

14 करोड़ रुपए की है एमआरआई मशीन : लेकिन 1.5 टेस्ला की एमआरआई मशीन की लागत ही 14 करोड़ है. ऐसे में 7 करोड़ रुपए की राशि कम पड़ने पर कॉलेज प्रबंधन ने अपने प्रतिवर्ष के 10 करोड़ के उपकरण मद से देने पर सहमति जताई थी. जिसके बाद प्रस्ताव शासन को भेज दिया था. इधर एसईसीएल भी अपनी 7 करोड़ की राशि में से पहली किस्त 5.60 करोड़ रुपए का चेक 14 जून 2023 को कलेक्टर के माध्यम से अस्पताल प्रबंधन को सौंप दिया था. लेकिन कॉलेज को शेष राशि की स्वीकृति नहीं मिल पा रही थी. लेकिन हाल ही में शासन से 7 करोड़ रूप की राशि जारी की गई. जिसके बाद कम्पनी की ओर से मशीन की सप्लाई कर दी गई है. इस मशीन की सप्लाई विप्रो जी कम्पनी द्वारा की गई है.

"शासन से मिली राशि व एसईसीएल द्वारा प्रदान की गई 14 करोड़ की राशि से एमआरआई मशीन की खरीदी पूर्ण कर ली गई है. मशीन की सप्लाई विप्रो जी कंपनी द्वारा कर दी गई है, लेकिन फिलहाल इस मशीन को स्थापित करने में डेढ़ माह का समय लग जाएगा. आने वाले समय यह मशीन सरगुजा अंचल के मरीजों के लिए लाभकारी साबित होगी." - डॉ. आर मूर्ति, अधिष्ठाता, अंबिकापुर मेडिकल कालेज हॉस्पिटल

45 दिनों आम लोगों को मिलेगी सुविधा : इस एमआईआई मशीन को मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर के रेडियोलॉजी सेक्शन में स्थापित किया जाएगा. मशीन को सीटी स्कैन कक्ष के पास बनाए गए कक्ष में स्थापित किया जाना है, लेकिन इस कार्य में कम्पनी द्वारा 45 दिनों का समय लगेगा. मशीन के स्कैनर, कंसोल एरिया, सीपीयू व अन्य मशीनों को स्थापित किया जाना है. इसके लिए निर्धारित कक्ष में भी कुछ बदलाव किया जाएगा. वहीं सीटी स्कैन के बाद अब एमआरआई मशीन आने से विद्युत भार बढ़ जाएगा. इसलिए अस्पताल परिसर में सीएसपीडीसीएल, सीजीएमएससी द्वारा दो ट्रांसफार्मर की स्थापना की जाएगी, ताकि मशीनों को बिना किसी भार के निर्बाध विद्युत आपूर्ति मिलती रहे.

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साल 2019 में मिली थी स्वीकृति : राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में एमआरआई मशीन की खरीदी हेतु वर्षों से प्रक्रिया चल रही थी. साल 2019 में शासन से एमआरआई मशीन की खरीदी के लिए स्वीकृति मिली थी. शासन की पहल पर एमआरआई मशीन के लिए 7 करोड़ रुपए की राशि एसईसीएल द्वारा सीएसआर मद से स्वीकृत किया गया, लेकिन लम्बे समय तक खरीदी नहीं हो पाई की वजह से इसकी दर में वृद्धि होती गई और बाद में 1.5 टेस्ला की एमआरआई मशीन खरीदने का निर्णय पूर्व की सरकार द्वारा लिया गया था.

14 करोड़ रुपए की है एमआरआई मशीन : लेकिन 1.5 टेस्ला की एमआरआई मशीन की लागत ही 14 करोड़ है. ऐसे में 7 करोड़ रुपए की राशि कम पड़ने पर कॉलेज प्रबंधन ने अपने प्रतिवर्ष के 10 करोड़ के उपकरण मद से देने पर सहमति जताई थी. जिसके बाद प्रस्ताव शासन को भेज दिया था. इधर एसईसीएल भी अपनी 7 करोड़ की राशि में से पहली किस्त 5.60 करोड़ रुपए का चेक 14 जून 2023 को कलेक्टर के माध्यम से अस्पताल प्रबंधन को सौंप दिया था. लेकिन कॉलेज को शेष राशि की स्वीकृति नहीं मिल पा रही थी. लेकिन हाल ही में शासन से 7 करोड़ रूप की राशि जारी की गई. जिसके बाद कम्पनी की ओर से मशीन की सप्लाई कर दी गई है. इस मशीन की सप्लाई विप्रो जी कम्पनी द्वारा की गई है.

"शासन से मिली राशि व एसईसीएल द्वारा प्रदान की गई 14 करोड़ की राशि से एमआरआई मशीन की खरीदी पूर्ण कर ली गई है. मशीन की सप्लाई विप्रो जी कंपनी द्वारा कर दी गई है, लेकिन फिलहाल इस मशीन को स्थापित करने में डेढ़ माह का समय लग जाएगा. आने वाले समय यह मशीन सरगुजा अंचल के मरीजों के लिए लाभकारी साबित होगी." - डॉ. आर मूर्ति, अधिष्ठाता, अंबिकापुर मेडिकल कालेज हॉस्पिटल

45 दिनों आम लोगों को मिलेगी सुविधा : इस एमआईआई मशीन को मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर के रेडियोलॉजी सेक्शन में स्थापित किया जाएगा. मशीन को सीटी स्कैन कक्ष के पास बनाए गए कक्ष में स्थापित किया जाना है, लेकिन इस कार्य में कम्पनी द्वारा 45 दिनों का समय लगेगा. मशीन के स्कैनर, कंसोल एरिया, सीपीयू व अन्य मशीनों को स्थापित किया जाना है. इसके लिए निर्धारित कक्ष में भी कुछ बदलाव किया जाएगा. वहीं सीटी स्कैन के बाद अब एमआरआई मशीन आने से विद्युत भार बढ़ जाएगा. इसलिए अस्पताल परिसर में सीएसपीडीसीएल, सीजीएमएससी द्वारा दो ट्रांसफार्मर की स्थापना की जाएगी, ताकि मशीनों को बिना किसी भार के निर्बाध विद्युत आपूर्ति मिलती रहे.

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Last Updated : Jun 30, 2024, 12:26 PM IST
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