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अंबिकापुर में सरकारी अधिकारियों और भूमाफियाओं का बड़ा खेला, करोड़ों की गोचर जमीन को नजूल में बदला फिर कई लोगों को बेचा - Ambikapur Gochar land fraud

Ambikapur Gochar Land Fraud Case अंबिकापुर शहर में सवा चार एकड़ सरकारी जमीन में फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा हुआ. इस मामले में तत्कालीन नजूल अधिकारी ने दो आरआई और रीडर के साथ मिलकर पूरे काम को अंजाम दिया.

Ambikapur Gochar land fraud
अंबिकापुर नजूल अधिकारी पर कार्रवाई
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 13, 2024, 7:38 AM IST

सरगुजा: शहर के नमनाकला स्थित सरकारी नजूल जमीन गोचर मद की जमीन है. इस जमीन पर भूमाफियाओं की नजर थी. लिहाजा भूमाफियाओं ने तत्कालीन नजूल अधिकारी के साथ मिलीभगत कर गोचर मद की जमीन को पहले नजूल मद में दर्ज कराया और फिर बंसू लोहार नामक व्यक्ति के नाम पर जमीन दर्ज कराई गई उसके बाद इसकी बंदरबाट कर शहर के कई लोगों को ये जमीन बेच दी.

ये है पूरा मामला: नमनाकला निवासी बंसू लोहार की मौत 15 साल पहले हो चुकी है. उन्हें साल 1967-68 में नमनाकला में सिंहदेव योजना के तहत पट्टा दिया गया लेकिन साल 1971-72 में नमनाकला की पूरी सरकारी जमीन को नजूल घोषित कर दिया गया. इसमें बंसू की जमीन भी नजूल रिकॉर्ड में आ गई. भूमाफियाओं ने नमनाकला निवासी बंसू लोहार की जगह पर परसा निवासी बंसू लोहार को खड़ा कर फर्जी आधार कार्ड व दस्तावेजों के आधार पर नजूल रिकॉर्ड में त्रुटि सुधार और नामांतरण दर्ज करने का आवेदन लगाया. बड़े पैमाने पर मिलीभगत कर परसा निवासी बंसू लोहार के नाम पर जमीन दर्ज कराने के बाद इस जमीन को सतीश शर्मा, सन्मोगर वारियर, अभिषेक नागदेव, शेखर अग्रवाल, सुरेन्द्र कुमार अग्रवाल, अनुषा नागदेव, महेश कुमार केडिया और दिनेश कुमार को बेच दी.

कलेक्टर से हुई शिकायत: इस मामले की शिकायत कलेक्टर के पास की गई. कलेक्टर भोस्कर विलास संदीपान ने मामले की जांच कराई और जांच के दौरान इस बात की पुष्टि हुई कि 4.22 एकड़ सरकारी भूमि (जिसका खसरा नंबर 243/1 और रकबा 1.710) नजूल अधिकारी ने आरआई व भू-माफियाओं के साथ मिलीभगत तक सरकारी जमीन का मद बदला और निजी व्यक्ति के नाम पर किया. इस मामले में कलेक्टर ने बंसू लोहार के साथ ही सतीश शर्मा, सन्मोगर वारियर, अभिषेक नागदेव, शेखर अग्रवाल, सुरेंद्र कुमार अग्रवाल, अनुषा नागदेव, महेश कुमार केडिया और दिनेश कुमार को नोटिस जारी किया. उन्हें 14 मार्च को कलेक्टर न्यायालय में पेश होने का निर्देश भी दिया गया. इधर इस मामले की एसडीएम से भी जांच कराई गई.

सरकारी जमीन के फर्जीवाड़ा की शिकायत मिली थी जो सही पाई गई. इस मामले को कलेक्टर न्यायालय में लिया गया है. एसडीएम से मामले की जांच कराई गई और थाने में दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. जांच के बाद दोषियों को सजा भी दी जाएगी. इसके साथ ही जमीन को दोबारा शासकीय मद में दर्ज कर विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए आरक्षित किया जाएगा" - भोस्कर विलास संदीपान - कलेक्टर, सरगुजा

पूर्व अपर कलेक्टर नीलम टोप्पो की भूमिका: जांच में करोड़ों रुपये के जमीन फर्जीवाड़ा मामले में तत्कालीन नजूल अधिकारी व पूर्व अपर कलेक्टर नीलम टोप्पो की भूमिका भी संदिग्ध मिली. इस बात का भी खुलासा हुआ कि नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो ने आरआई नारायण सिंह, आरआई राहुल सिंह, रीडर अजय तिवारी के साथ मिलकर जमीन का मद परिवर्तन करने के साथ ही फर्जी दस्तावेज के आधार पर हेराफेरी की. इस मामले में कलेक्टर के निर्देश पर नजूल अधिकारी ने गांधीनगर थाना में शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद गांधीनगर पुलिस ने तत्कालीन नजूल अधिकारी समेत चारों अधिकारियों के खिलाफ धारा 467, 468, 420, 120 बी के तहत केस दर्ज किया.

सरगुजा: शहर के नमनाकला स्थित सरकारी नजूल जमीन गोचर मद की जमीन है. इस जमीन पर भूमाफियाओं की नजर थी. लिहाजा भूमाफियाओं ने तत्कालीन नजूल अधिकारी के साथ मिलीभगत कर गोचर मद की जमीन को पहले नजूल मद में दर्ज कराया और फिर बंसू लोहार नामक व्यक्ति के नाम पर जमीन दर्ज कराई गई उसके बाद इसकी बंदरबाट कर शहर के कई लोगों को ये जमीन बेच दी.

ये है पूरा मामला: नमनाकला निवासी बंसू लोहार की मौत 15 साल पहले हो चुकी है. उन्हें साल 1967-68 में नमनाकला में सिंहदेव योजना के तहत पट्टा दिया गया लेकिन साल 1971-72 में नमनाकला की पूरी सरकारी जमीन को नजूल घोषित कर दिया गया. इसमें बंसू की जमीन भी नजूल रिकॉर्ड में आ गई. भूमाफियाओं ने नमनाकला निवासी बंसू लोहार की जगह पर परसा निवासी बंसू लोहार को खड़ा कर फर्जी आधार कार्ड व दस्तावेजों के आधार पर नजूल रिकॉर्ड में त्रुटि सुधार और नामांतरण दर्ज करने का आवेदन लगाया. बड़े पैमाने पर मिलीभगत कर परसा निवासी बंसू लोहार के नाम पर जमीन दर्ज कराने के बाद इस जमीन को सतीश शर्मा, सन्मोगर वारियर, अभिषेक नागदेव, शेखर अग्रवाल, सुरेन्द्र कुमार अग्रवाल, अनुषा नागदेव, महेश कुमार केडिया और दिनेश कुमार को बेच दी.

कलेक्टर से हुई शिकायत: इस मामले की शिकायत कलेक्टर के पास की गई. कलेक्टर भोस्कर विलास संदीपान ने मामले की जांच कराई और जांच के दौरान इस बात की पुष्टि हुई कि 4.22 एकड़ सरकारी भूमि (जिसका खसरा नंबर 243/1 और रकबा 1.710) नजूल अधिकारी ने आरआई व भू-माफियाओं के साथ मिलीभगत तक सरकारी जमीन का मद बदला और निजी व्यक्ति के नाम पर किया. इस मामले में कलेक्टर ने बंसू लोहार के साथ ही सतीश शर्मा, सन्मोगर वारियर, अभिषेक नागदेव, शेखर अग्रवाल, सुरेंद्र कुमार अग्रवाल, अनुषा नागदेव, महेश कुमार केडिया और दिनेश कुमार को नोटिस जारी किया. उन्हें 14 मार्च को कलेक्टर न्यायालय में पेश होने का निर्देश भी दिया गया. इधर इस मामले की एसडीएम से भी जांच कराई गई.

सरकारी जमीन के फर्जीवाड़ा की शिकायत मिली थी जो सही पाई गई. इस मामले को कलेक्टर न्यायालय में लिया गया है. एसडीएम से मामले की जांच कराई गई और थाने में दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. जांच के बाद दोषियों को सजा भी दी जाएगी. इसके साथ ही जमीन को दोबारा शासकीय मद में दर्ज कर विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए आरक्षित किया जाएगा" - भोस्कर विलास संदीपान - कलेक्टर, सरगुजा

पूर्व अपर कलेक्टर नीलम टोप्पो की भूमिका: जांच में करोड़ों रुपये के जमीन फर्जीवाड़ा मामले में तत्कालीन नजूल अधिकारी व पूर्व अपर कलेक्टर नीलम टोप्पो की भूमिका भी संदिग्ध मिली. इस बात का भी खुलासा हुआ कि नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो ने आरआई नारायण सिंह, आरआई राहुल सिंह, रीडर अजय तिवारी के साथ मिलकर जमीन का मद परिवर्तन करने के साथ ही फर्जी दस्तावेज के आधार पर हेराफेरी की. इस मामले में कलेक्टर के निर्देश पर नजूल अधिकारी ने गांधीनगर थाना में शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद गांधीनगर पुलिस ने तत्कालीन नजूल अधिकारी समेत चारों अधिकारियों के खिलाफ धारा 467, 468, 420, 120 बी के तहत केस दर्ज किया.

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