नई दिल्ली: राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिए गए बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है. अमित शाह के बयान के बाद कांग्रेस ने उन्हें आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही, कांग्रेस ने यह भी कहा है कि बीजेपी आंबेडकर के नाम का इस्तेमाल केवल दलित वोट बैंक को साधने के लिए कर रही है.
कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने त्वरित प्रतिक्रिया दी और कहा कि कांग्रेस ने कभी भी आंबेडकर के योगदान को सही तरह से सम्मानित नहीं किया. बीजेपी के नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने आंबेडकर के विचारों को अपने राजनीतिक लाभ के लिए गंभीरता से नहीं लिया.
प्रदर्शन का आयोजन: इस विवाद के चलते बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के मुख्य गेट पर प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में कई टॉप बीजेपी नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए, जिनमें लोकसभा सांसद कमलजीत सेहरावत और पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी भी शामिल थे. प्रदर्शनकारी कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आंबेडकर के प्रति कांग्रेस के कथित अपमान की निंदा कर रहे थे.
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बीजेपी का तर्क यह है कि कांग्रेस ने बाबा साहेब आंबेडकर को भारत रत्न देने से भी कतराया, जबकि इसमें अपने कई बड़े नेताओं को सम्मानित किया. इससे यह संदेश मिलता है कि कांग्रेस ने आंबेडकर के योगदान को कभी भी गंभीरता से नहीं लिया. वहीं कांग्रेस और बीजेपी के बीच यह विवाद अब एक राजनीतिक खेल बन चुका है. दोनों दल अब आंबेडकर समर्थक वोटरों को अपनी ओर खींचने की कोशिशों में लगे हुए हैं.
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