अंबाला: हरियाणा के अंबाला में होलिका दहन का पर्व धूमधाम से मनाया गया. हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथी को होलिका दहन किया जाता है. इसके अगले दिन रंगों वाली होली खेली जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होलिका दहन में सभी नकारात्मक शक्तियों का नाश हो जाता है और आसपास सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
अंबाला की गुड मंडी में भी धूमधाम से होलिका दहन किया गया. इस बारे में लोगों का कहना है कि पिछले 100 सालों से अधिक समय से मंडी में होलिका दहन होता आ रहा है. इसमें शहर भर की महिलाएं आकर माथा टेकती हैं. वहीं, पंडित पंकज शर्मा ने बताया कि होलिका दहन अंबाला शहर की पुरानी अनाज मंडी में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि हमारे बुजुर्गों द्वारा 100 साल से भी ज्यादा का समय हो गया है इस उत्सव को मनाते हुए.
लोगों ने होलिका दहन के बारे में बताया कि सबसे पहले तो असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है. होलिका नई ऋतु के आने का भी सूचक है. वहीं, उन्होंने बताया कि होली के त्योहार से ऊंच-नीच को खत्म करने का संदेश भी देता है. उन्होंने बताया कि फसल के आने का सूचक है और आज के दिन गेहूं की बालियों को होलिका दहन में पकाया जाता है और उसकी बालियों को निकाल कर सभी को गले लगाकर मिला जाता है. उन्होंने कहा कि होलिका प्यार-सौहार्द को बढ़ाने का त्यौहार है. होली का त्योहार बड़े प्यार मोहब्बत से मनाया जाता है. इस त्योहार से सभी को गले लगाकर रंग लगाया जाता है.
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