अल्मोड़ा: नगर पालिका अल्मोड़ा को नगर निगम बना दिए जाने के बाद से वहां कार्यरत कर्मचारियों की समस्याएं बढ़ गई है. नगर निगम बनने के बाद से उन्हें दो महीने से वेतन नहीं दिया गया है. जिससे कर्मचारियों में शासन-प्रशासन के खिलाफ आक्रोश देखने को मिल रहा है. वेतन की मांग को लेकर नगर निगम के सभी कर्मचारियों ने निगम परिसर में धरना दिया. वहीं, शासन-प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए नारेबाजी भी की.
आश्वासन के बाद भी नहीं मिला वेतन: देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजपाल पंवार ने कहा कि जब से अल्मोड़ा को नगर निगम बनाया गया है, तब से कर्मचारियों को वेतन मिलना बंद हो गया है. पिछले दो महीने से वेतन न मिलने से परेशानियां बढ़ गई है. पहले में पितृ पक्ष में भी वेतन देने की मांग प्रशासन से की गई थी. इसके लिए जिलाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा गया था. जिस पर जिलाधिकारी की ओर से कर्मचारियों को एक दो दिन में वेतन देने का आश्वासन दिया गया, लेकिन अभी तक कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पाया है.
घर चलाने और बच्चों की फीस जमा करने के लिए भी नहीं हैं पैसे: उन्होंने कहा कि वेतन नहीं मिलने से उनके घर-परिवार की आवश्यकताएं पूरी नहीं हो पा रही हैं. बच्चों की फीस जमा करने के लिए पैसे नहीं हैं और त्योहारों का सीजन भी शुरू हो चुका है, जिससे उनकी परेशानियां और बढ़ गई हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की स्वच्छता अभियान को सफल बनाने में सफाई कर्मचारी दिन रात मेहनत करते हैं, लेकिन अब वेतन देने के नाम पर उनकी मांगों को शासन और प्रशासन की ओर से अनदेखा किया जा रहा है.
सफाई व्यवस्था बंद कर हड़ताल पर जाने की चेतावनी: उन्होंने कहा कि जल्द वेतन नहीं दिया गया तो वो नवरात्र में ही सफाई व्यवस्था बंद कर हड़ताल में चले जाएंगे. वहीं, निगम की कर्मचारी कांता दुम्का ने कहा कि निगम बनने के बाद से परेशानियां बढ़ गई है. दो महीने से ऊपर हो गया है, लेकिन वेतन नहीं मिला है. त्योहार के मौसम में वेतन नहीं मिलने से घर के कार्यों में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि जल्द वेतन का भुगतान नहीं किया तो वो धरना प्रदर्शन करेंगे.
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