अल्मोड़ा: जिला जेल में प्रकाश पांडे उर्फ पीपी को दीक्षा दिए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. अब इस मामले में अल्मोड़ा जिला कारागार अधीक्षक की सफाई सामने आई है. अल्मोड़ा जिला कारागार अधीक्षक ने कहा जेल में किसी भी प्रकार का कोई धार्मिक अनुष्ठान नहीं हुआ है. उन्होंने इसे लेकर बयान जारी किया है.
अल्मोड़ा जिला कारागार अधीक्षक जयंत पांगती ने कहा इस मामले में 5 सितंबर 2024 को समय लगभग 2 बजे कई व्यक्ति बंदी प्रकाश पाण्डे उर्फ पीपी से मुलाकात करने आये थे. मुलाकातियों को अवगत कराया गया कि केवल 3 मुलाकातियों की मुलाकात बंदी से हो सकती है, वो भी जब, यदि बंदी उनसे मुलाकात करने की सहमति देता है. तीन व्यक्तियों ने बंदी प्रकाश पाण्डे उर्फ पीपी पुत्र लक्ष्मीदत्त पाण्डे से मुलाकात करने के लिए अपना पंजीकरण और रजिस्ट्रेशन करवाया.
बंदी प्रकाश पाण्डे उर्फ पीपी ने भी उक्त 3 व्यक्तियों से मुलाकात करने की सहमति दी गई. उक्त तीनों व्यक्तियों की मुलाकात कारागार सुरक्षा कर्मियों की निगरानी में करवायी गई. मुलाकात के दौरान कोई अनुष्ठान आदि नहीं किया गया. अधीक्षक ने बताया 4 सितंबर 2024 को मकान नंबर -34, वेस्ट खेड़ा, गौलापार खेडा, तहसील हल्द्वानी जिला-नैनीताल निवासी नितिन जोशी पुत्र प्रकाश चन्द्र जोशी ने दसनाथ जूना अखाड़ा में बंदी प्रकाश पाण्डे उर्फ पीपी को प्रवेश कराने के लिए एक आंशिक अनुष्ठान 5 सितंबर 2024 को कराने की अनुमति मांगी गयी थी. जिस पर उन्हें साफ तौर पर लिखित में अवगत कराया गया कि जिला कारागार अल्मोड़ा में उन्हें 5 सितंबर 2024 को उक्त अनुष्ठान करवाने की अनुमति प्रदान नियमानुसार नहीं की जा सकती है. जेल अधीक्षक जयंत पांगती ने बताया जेल परिसर में कोई भी धार्मिक अनुष्ठान नहीं किया गया है.
बेहद खतरनाक अपराधी रहा है प्रकाश पांडेय उर्फ पीपी: प्रकाश पांडे उर्फ पीपी का इतिहास किसी से छुपा नहीं है. 90 के दशक में गैंगस्टर प्रकाश पांडे उर्फ पीपी का खौफ उत्तराखंड से लेकर मुंबई तक था. छोटा राजन के साथ काम करने वाला पीपी इतना खतरनाक अपराधी था कि, कहा जाता है वह दो बार दाऊद इब्राहिम को मारने के लिए कराची तक पहुंच गया था. ऐसे में इतने बड़े अपराधी को जो जेल की सलाखों के पीछे है, उसे संत समाज में इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपना विवाद का कारण बनना ही था.