गिरिडीह: केंद्रीय कारा में सबकुछ ठीक नहीं है. कैदियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. गुरुवार को कैदी अर्जुन यादव की मौत के बाद इस मुद्दे पर चर्चा होने लगी है. अर्जुन की मौत के बाद जेल प्रबंधन पर कई तरह के आरोप लग रहे हैं. आरोप है कि जेल के अंदर कई कैदियों को यातनाएं दी जा रही हैं. यह भी आरोप है कि मृतक अर्जुन यादव को भी जेल के अंदर यातनाएं दी जा रही थीं. दो दिन पहले जेल के अंदर ही एक जेलर ने उसकी बुरी तरह पिटाई कर दी थी. यह भी आरोप है कि अर्जुन की मौत एक साजिश है. इस तरह का आरोप मृतक के परिजनों के साथ-साथ एक दिन पहले ही जमानत पर जेल से बाहर आए एक मामले के आरोपी कीर्तन यादव ने गुरुवार की रात सदर अस्पताल परिसर में लगाया है.
कीर्तन ने यह पूरा आरोप जमुआ विधायक केदार हाजरा, सदर अनुमंडल पदाधिकारी श्रीकांत, डीएसपी कौशर अली, अधिवक्ता संघ के सचिव चुन्नूकांत, मुफस्सिल इंस्पेक्टर श्याम किशोर महतो, पचंबा इंस्पेक्टर मंटू साव, भाजपा नेता व कोडरमा सांसद प्रतिनिधि दिनेश यादव तथा भाकपा माले नेता राजेश यादव व राजेश सिन्हा की मौजूदगी में लगाया है.
प्रताड़ना के साथ होती है वसूली
विधायक और अधिकारी के सामने कीर्तन ने कहा कि जेल के अंदर कई कैदियों को प्रताड़ित किया जाता है. सबसे ज्यादा यातना नए कैदियों को झेलनी पड़ती है. नए कैदियों से जबरन काम कराया जाता है. काम नहीं करने पर पैसे की मांग की जाती है. पैसे नहीं देने और काम करने से मना करने पर अर्जुन को सीढ़ियों के नीचे पीटा गया था. इधर, कीर्तन की बात सुनने के बाद एसडीएम ने कहा कि वे तुरंत ही इस मामले की जांच करेंगे.
8 घंटे के बाद शुरू हुआ पोस्टमार्टम
इधर, अर्जुन की मौत के बाद परिजनों के साथ मृतक के गांव से आए लोगों ने सदर अस्पताल में काफी विरोध प्रदर्शन किया. गुरुवार की शाम जैसे ही लोग सदर अस्पताल पहुंचे और अर्जुन का शव देखा तो रोने लगे. लोगों का कहना था कि गले पर रस्सी का निशान है और जेल प्रबंधन इसे स्वाभाविक मौत बता रहा है. लोगों का कहना था कि अर्जुन की हत्या की गई है. ऐसे में लोगों ने साफ कह दिया कि जब तक जेल अधीक्षक और जेलर नहीं आते, तब तक पोस्टमार्टम नहीं होगा. इसी जिद में रात के 11:30 बज गए. काफी देर तक विधायक और एसडीएम समेत अन्य अधिकारी और नेता परिजनों को समझाते रहे. काफी समझाने के बाद रात के 11:30 बजे लोग पोस्टमार्टम कराने को राजी हुए.
मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पोस्टमार्टम
परिजनों के राजी होने के बाद मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में मेडिकल टीम ने पोस्टमार्टम किया. पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई. एसडीएम श्रीकांत ने कहा कि परिजनों द्वारा लगाए गए आरोप बेहद गंभीर हैं, इसलिए पूरे मामले की जांच कराई जाएगी. कैदियों को प्रताड़ित करने के आरोपों की भी जांच कराई जाएगी.
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