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देवाल में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में गड़बड़ी का आरोप, मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत से भी नहीं निकला हल!

12 करोड़ से ज्यादा की लागत से बन रही है चोटिंग से उदयपुर लग्गा तक सड़क, ग्रामीण रोड निर्माण के मानकों से नाखुश

Chamoli PM Gram Sadak Yojana
देवाल प्रधानमंत्री ग्राम सड़क निर्माण (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 5, 2024, 11:02 AM IST

चमोली: उत्तराखंड में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना गांव गांव को सड़क पहुंचा तो रही है, लेकिन इस योजना के अंतर्गत कुछ कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते गड़बड़ी के आरोप भी लग रहे हैं. इस कारण केंद्र सरकार की ये महत्वाकांक्षी योजना सवालों के घेरे में है और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है.

सड़क निर्माण में गड़बड़ी का आरोप: ताजा मामला चमोली जिले के देवाल विकासखंड का है. यहां प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत कार्यदायी संस्था एनपीसीसी द्वारा चोटिंग से उदयपुर लग्गा मोटर मार्ग का निर्माण किया जा रहा है. स्थानीय निवासियों का आरोप है कि सड़क निर्माण मानकों को ताक पर रख किया जा रहा है. 9.65 किमी लम्बी इस सड़क पर पर जहां प्रथम चरण में 6 करोड़ 36 लाख रुपये खर्च हुए हैं, वहीं द्वितीय चरण में भी 6 करोड़ 7 लाख रुपये की लागत से सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा है.

Chamoli PM Gram Sadak Yojana
चोटिंग से उदयपुर लग्गा मोटर मार्ग का निर्माण हो रहा है (Photo- ETV Bharat)

मानकों को ताक पर रखने का आरोप: बावजूद इसके करोड़ों की लागत से बन रही इस सड़क के निर्माण में ठेकेदार से लेकर कार्यदायी संस्था पर मानकों के उल्लंघन का आरोप लग रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि सड़क निर्माण का मलबा फेंकने के लिए विभाग के मुताबिक कुल 8 डंपिंग जोन स्वीकृत हैं, जिनमें से 7 डंपिंग जोन का निर्माण किया गया है. लोगों की मानें तो विभाग ने इतने भी डंपिंग जोन नहीं बनाए हैं. जो डंपिंग जोन बनाये भी गए हैं, उनमें मलबा फेंकने की बजाय विभाग और ठेकेदार मनमर्जी से सड़क कटिंग वाले क्षेत्र में ही मलबा फेंक रहे हैं.

Chamoli PM Gram Sadak Yojana
जहां-तहां मलबा फेंकने का भी आरोप है (Photo- ETV Bharat)

पेड़ों की उपेक्षा: तस्वीरें बताती हैं कि किस तरह सड़क निर्माण के लिए पर्यावरणीय मानकों को दरकिनार करते हुए जड़ समेत पेड़ों को उखाड़कर मलबे के साथ ही फेंका गया है. इससे अन्य जीवित पेड़ों के जीवन को भी संकट में डालने का आरोप कार्यदायी संस्था पर लग रहा है. स्थानीय ग्रामीणों ने कार्यदायी संस्था एनपीसीसी और ठेकेदार पर मानकों की अनदेखी कर जगह जगह मलबा फेंकने के साथ ही सड़क पर मानकों के अनुरूप चौड़ीकरण न करने का आरोप लगाया है.

Chamoli PM Gram Sadak Yojana
ग्रामीणों ने मनमाने ढंग से पेड़ काटने का भी आरोप लगाया (Photo- ETV Bharat)

कम चौड़ी कट रही सड़क! विभागीय अधिकारियों के मुताबिक सड़क की चौड़ाई 6 मीटर है. लेकिन ग्रामीण आरोप लगा रहे हैं कि कई जगहों पर सड़क मानकों के अनुसार चौड़ी काटी ही नहीं गयी है. ग्रामीण बताते हैं कि मुख्यमंत्री पोर्टल से लेकर जनता दरबार तक गुहार लगाने के बावजूद भी कार्यदायी संस्था द्वारा सड़क निर्माण में सुधार लाने की बजाय लगातार लापरवाही बरती जा रही है. सड़क कटिंग का मलबा डंपिंग जोन में डालने की बजाय, इधर उधर मनमर्जी से डाला जा रहा है. साथ ही बांज, बुरांश की वन संपदा को जड़ समेत उखाड़कर मनमर्जी से मलबे के साथ फेंका जा रहा है.

Chamoli PM Gram Sadak Yojana
ग्रामीणों ने मानक ताक पर रखकर निर्माण का आरोप लगाया (Photo- ETV Bharat)

डीएफओ ने दिए जांच के आदेश: वहीं बदरीनाथ वन प्रभाग के डीएफओ सर्वेश दुबे ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है. उन्होंने देवाल क्षेत्र के वनक्षेत्राधिकारी को मोटरमार्ग का निरीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैंं.

'हमारे संज्ञान में मामला आया है. हमने देवाल के वन क्षेत्राधिकारी को रोड निर्माण का निरीक्षण करने को कहा है. निरीक्षण के बाद गड़बड़ी पाई जाती है तो, आवश्यक कार्रवाई होगी.'
-सर्वेश दुबे, डीएफओ, बदरीनाथ वन प्रभाग-

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सड़क निर्माण में गड़बड़ी का आरोप: ताजा मामला चमोली जिले के देवाल विकासखंड का है. यहां प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत कार्यदायी संस्था एनपीसीसी द्वारा चोटिंग से उदयपुर लग्गा मोटर मार्ग का निर्माण किया जा रहा है. स्थानीय निवासियों का आरोप है कि सड़क निर्माण मानकों को ताक पर रख किया जा रहा है. 9.65 किमी लम्बी इस सड़क पर पर जहां प्रथम चरण में 6 करोड़ 36 लाख रुपये खर्च हुए हैं, वहीं द्वितीय चरण में भी 6 करोड़ 7 लाख रुपये की लागत से सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा है.

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चोटिंग से उदयपुर लग्गा मोटर मार्ग का निर्माण हो रहा है (Photo- ETV Bharat)

मानकों को ताक पर रखने का आरोप: बावजूद इसके करोड़ों की लागत से बन रही इस सड़क के निर्माण में ठेकेदार से लेकर कार्यदायी संस्था पर मानकों के उल्लंघन का आरोप लग रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि सड़क निर्माण का मलबा फेंकने के लिए विभाग के मुताबिक कुल 8 डंपिंग जोन स्वीकृत हैं, जिनमें से 7 डंपिंग जोन का निर्माण किया गया है. लोगों की मानें तो विभाग ने इतने भी डंपिंग जोन नहीं बनाए हैं. जो डंपिंग जोन बनाये भी गए हैं, उनमें मलबा फेंकने की बजाय विभाग और ठेकेदार मनमर्जी से सड़क कटिंग वाले क्षेत्र में ही मलबा फेंक रहे हैं.

Chamoli PM Gram Sadak Yojana
जहां-तहां मलबा फेंकने का भी आरोप है (Photo- ETV Bharat)

पेड़ों की उपेक्षा: तस्वीरें बताती हैं कि किस तरह सड़क निर्माण के लिए पर्यावरणीय मानकों को दरकिनार करते हुए जड़ समेत पेड़ों को उखाड़कर मलबे के साथ ही फेंका गया है. इससे अन्य जीवित पेड़ों के जीवन को भी संकट में डालने का आरोप कार्यदायी संस्था पर लग रहा है. स्थानीय ग्रामीणों ने कार्यदायी संस्था एनपीसीसी और ठेकेदार पर मानकों की अनदेखी कर जगह जगह मलबा फेंकने के साथ ही सड़क पर मानकों के अनुरूप चौड़ीकरण न करने का आरोप लगाया है.

Chamoli PM Gram Sadak Yojana
ग्रामीणों ने मनमाने ढंग से पेड़ काटने का भी आरोप लगाया (Photo- ETV Bharat)

कम चौड़ी कट रही सड़क! विभागीय अधिकारियों के मुताबिक सड़क की चौड़ाई 6 मीटर है. लेकिन ग्रामीण आरोप लगा रहे हैं कि कई जगहों पर सड़क मानकों के अनुसार चौड़ी काटी ही नहीं गयी है. ग्रामीण बताते हैं कि मुख्यमंत्री पोर्टल से लेकर जनता दरबार तक गुहार लगाने के बावजूद भी कार्यदायी संस्था द्वारा सड़क निर्माण में सुधार लाने की बजाय लगातार लापरवाही बरती जा रही है. सड़क कटिंग का मलबा डंपिंग जोन में डालने की बजाय, इधर उधर मनमर्जी से डाला जा रहा है. साथ ही बांज, बुरांश की वन संपदा को जड़ समेत उखाड़कर मनमर्जी से मलबे के साथ फेंका जा रहा है.

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ग्रामीणों ने मानक ताक पर रखकर निर्माण का आरोप लगाया (Photo- ETV Bharat)

डीएफओ ने दिए जांच के आदेश: वहीं बदरीनाथ वन प्रभाग के डीएफओ सर्वेश दुबे ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है. उन्होंने देवाल क्षेत्र के वनक्षेत्राधिकारी को मोटरमार्ग का निरीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैंं.

'हमारे संज्ञान में मामला आया है. हमने देवाल के वन क्षेत्राधिकारी को रोड निर्माण का निरीक्षण करने को कहा है. निरीक्षण के बाद गड़बड़ी पाई जाती है तो, आवश्यक कार्रवाई होगी.'
-सर्वेश दुबे, डीएफओ, बदरीनाथ वन प्रभाग-

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