मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: ग्राम पंचायत लरकोंडा के ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. रोजगार सहायक पर आरोप है कि मनरेगा के तहत बनने वाले गैबियन वॉल और बोल्डर चेक डैम निर्माण कार्य में सरकारी राशि का गबन किया जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि ''शासन द्वारा मनरेगा योजना के तहत गांव में नवीन गेबियन वॉल और बोल्डर चेक डैम का निर्माण कराया जाना है. ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक प्रवीण तिवारी ने सरपंच और सचिव की मिली भगत से निर्माण के नाम पर गबन का काम किया है. नए निर्माण के नाम पर कार्य में खानापूर्ति करते हुए पुराने गेबियन वॉल और बोल्डर चेक डैम में ही महज कुछ मीटर का कार्य करवा कर उसे नये कार्य कराने का रूप देने की कोशिश की गई है.
नए निर्माण के नाम पर फर्जीवाड़ा कराने का आरोप: गांव वालों ने रोजगार सहायक पर जो आरोप लगाए हैं उसपर रोजगार सहायक की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. सरपंच ने जरुर ये कहा है कि मनरेगा के तहत जो भी काम होता है वो रोजगार सहायक तय करता है. गबन के आरोपों की शिकायत जनपद सीईओ से भी की गई है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
''चेकडैम जो स्वीकृति हुआ था उसमें वाटर शेड बनाया गया था. उसमें अब रिपेयर कर बोल्डर लगाया जा रहा है. गलत काम कर पैसे उठा लिए गए हैं''. - लाल साय, ग्रामीण, लरकोंडा
''जो भी काम यहां हुआ है वो गलत काम हुआ है. पुराने वाटर शेड बने थे उसी में पत्थर रिपेयर कर गबन किया गया है''. - ग्रामीण, लरकोंडा
''ग्राम पंचायत लरकोंडा में कितना काम स्वीकृत था ये मुझे नहीं पता है. बिना बैठक और बिना प्रस्ताव के काम किया गया. जो पुराने बोल्डर हैं उनको लगा दिया गया है. पूरा काम फर्जी है''. - कलीराम, उपसरपंच, लरकोंडा
''मनरेगा के द्वारा जो भी काम किया गया है वो रोजगार गारंटी के द्वारा होता है. मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है''. - देवलालराम, सरपंच, लरकोंडा
क्या है चेक डैम और गैबियन वॉल: राज्य सरकार मनरेगा कार्यक्रम के तहत प्राकृतिक जलधाराओं, नालों और अन्य जल निकायों पर नई पीढ़ी के चेक डैम के निर्माण को बढ़ावा दे रही है. निर्माण कार्य के तहतं गैबियन वॉल, चेक डैम जो कि एक ऐसा छोटा सा बांध होता है उसका काम कराया जाता है. चेक डैम बनाने का मकसद किसानों को खेती के लिए पानी मुहैया कराना होता है. मनरेगा के तहत ये सारे काम कराए जाते हैं. इन कामों से गांव और किसान दोनों का उत्थान होता है साथ ही लोगों को रोजगार भी मनरेगा के तहत मिलता है.