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औरैया में 150 परिवारों को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, दिबियापुर में सैकड़ों मकानों के ध्वस्तीकरण पर रोक - Allahabad High Court Order

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 13, 2024, 10:42 PM IST

Updated : Sep 13, 2024, 10:47 PM IST

औरैया में सौ से अधिक मकानों के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी. मकानों का ध्वस्तीकरण 14 सितंबर को होना था.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश (Photo Credit- ETV Bharat)

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने औरैया के दिबियापुर में 100 से अधिक मकान के ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी है. मकानों का ध्वस्तीकरण 14 सितंबर को किया जाना था. इसे देखते हुए याचीगण की ओर से अधिवक्ताओं ने मुख्य न्यायाधीश से विशेष रूप से अनुरोध कर मामले की सुनवाई करने के लिए कहा. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने देर शाम न्यायमूर्ति एसडी सिंह और न्यायमूर्ति डी रमेश की स्पेशल बेंच गठित की.

याची सत्य प्रकाश व अन्य का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेंद्र नाथ सिंह और अधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि जिलाधिकारी औरैया ने 9 सितंबर को लोगों के मकान पर नोटिस चस्पा कर कब्जा हटा लेने के लिए कहा था. इसके बाद मुनादी भी करवाई गई तथा 14 सितंबर को मकान को गिराने की तैयारी थी. अधिवक्ता का कहना था कि याचीगण 1968 में सिंचाई विभाग की जमीन पर रह रहे हैं. 1993 तक उनसे किराया भी लिया जाता रहा है.

इस बीच एक जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने प्रशासन से मौके की रिपोर्ट मांगी थी. जनहित याचिका में कहा गया कि सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया गया है. हाईकोर्ट का नोटिस मिलने के बाद जिलाधिकारी ने मकानों के ध्वस्तीकरण के लिए आदेश पारित कर दिया. इससे पहले भी औरैया कन्नौज मार्ग के चौड़ीकरण के लिए 50-60 मकान गिराए जा चुके हैं, जबकि अन्य का मामला न्यायालय में लंबित था.

हाईकोर्ट ने पूर्व में इस मामले में याचीगण को अधिकारियों के समक्ष प्रत्यावेदन देने के लिए कहा था, जिसे 4 मई 2024 और 20 मई 2024 को अधिकारियों ने खारिज कर दिया. इसके बाद जिला अधिकारी ने सभी मकानों पर ध्वस्तीकरण के लिए नोटिस चस्पा करवा दिया. कोर्ट ने ध्वस्तीकरण पर रोक लगाते हुए इस प्रकरण को 17 सितंबर को नियमित अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.

ये भी पढ़ें- योगी सरकार के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कोर्ट में किया सरेंडर, कैबिनेट मिनिस्टर अनिल कुमार के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी - Kapil Dev Aggarwal Surrender

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने औरैया के दिबियापुर में 100 से अधिक मकान के ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी है. मकानों का ध्वस्तीकरण 14 सितंबर को किया जाना था. इसे देखते हुए याचीगण की ओर से अधिवक्ताओं ने मुख्य न्यायाधीश से विशेष रूप से अनुरोध कर मामले की सुनवाई करने के लिए कहा. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने देर शाम न्यायमूर्ति एसडी सिंह और न्यायमूर्ति डी रमेश की स्पेशल बेंच गठित की.

याची सत्य प्रकाश व अन्य का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेंद्र नाथ सिंह और अधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि जिलाधिकारी औरैया ने 9 सितंबर को लोगों के मकान पर नोटिस चस्पा कर कब्जा हटा लेने के लिए कहा था. इसके बाद मुनादी भी करवाई गई तथा 14 सितंबर को मकान को गिराने की तैयारी थी. अधिवक्ता का कहना था कि याचीगण 1968 में सिंचाई विभाग की जमीन पर रह रहे हैं. 1993 तक उनसे किराया भी लिया जाता रहा है.

इस बीच एक जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने प्रशासन से मौके की रिपोर्ट मांगी थी. जनहित याचिका में कहा गया कि सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया गया है. हाईकोर्ट का नोटिस मिलने के बाद जिलाधिकारी ने मकानों के ध्वस्तीकरण के लिए आदेश पारित कर दिया. इससे पहले भी औरैया कन्नौज मार्ग के चौड़ीकरण के लिए 50-60 मकान गिराए जा चुके हैं, जबकि अन्य का मामला न्यायालय में लंबित था.

हाईकोर्ट ने पूर्व में इस मामले में याचीगण को अधिकारियों के समक्ष प्रत्यावेदन देने के लिए कहा था, जिसे 4 मई 2024 और 20 मई 2024 को अधिकारियों ने खारिज कर दिया. इसके बाद जिला अधिकारी ने सभी मकानों पर ध्वस्तीकरण के लिए नोटिस चस्पा करवा दिया. कोर्ट ने ध्वस्तीकरण पर रोक लगाते हुए इस प्रकरण को 17 सितंबर को नियमित अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.

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Last Updated : Sep 13, 2024, 10:47 PM IST
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