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मुकदमों की ई फाइलिंग के फैसले के खिलाफ एकजुट हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील - Allahabad High Court

सुप्रीम कोर्ट के ई फाइलिंग के जरिये मुकदमे दाखिल करने के आदेश की खिलाफत इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) बार एसोसिएशन ने शुरू कर दी है. बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी और सचिव विक्रांत पांडेय ने देशभर के वकीलों को एकजुट करने की बात कही है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 4, 2024, 9:40 AM IST

मुकदमों की ई फाइलिंग के फैसले खिलाफ वकील. (Etv Bharat)

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मंत्री समेत अन्य पदाधिकारियों ने ई फाइलिंग के जरिये मुकदमे दाखिल करने का विरोध करने का एलान कर दिया है. बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी और सचिव विक्रांत पांडेय ने कहा कि ई फाइलिंग के फैसले के खिलाफ वे कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और उसका विरोध करेंगे. बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने यह मांग भी शुरू कर दी है कि ई फाइलिंग से मुकदमा लड़ने की व्यवस्था सुप्रीम कोर्ट में भी लागू की जाए, जिससे देशभर के लोगों को ई फाइलिंग की सुविधा मिले.

इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की मुहिम.
इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की मुहिम. (Etv Bharat)

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में जिलों से ई फाइलिंग के जरिये याचिकाओं को दाखिल करने के साथ ही सुनवाई भी शुरू की जाएगी. जिसको लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने विरोध करने की घोषणा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कर दी है. इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी और सचिव विक्रांत पांडेय ने कहा है कि फैसले के खिलाफत कानूनी लड़ाई के जरिये करेंगे. जिसके लिए पांच सदस्यों की कमेटी बनाई गई है जो इस फैसले का गहनता से अध्धयन कर उसके खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में ही पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी. साथ ही हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ताओं का पैनल इस मसले पर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों से बात करने जाएगा.

इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्य.
इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्य. (Etv Bharat)

सुप्रीम कोर्ट में भी ई फाइलिंग व्यवस्था शुरू करने की मांग : हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि ई फाइलिंग की व्यवस्था दूर दराज के क्षेत्रों से आने वाले वादकारियों की सुविधा के लिए शुरू की गई है तो यह व्यवस्था सिर्फ हाईकोर्ट में ही नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट में भी किया जाए. उनका कहना है कि ई फाइलिंग बेहतर व्यवस्था है तो सुप्रीम कोर्ट में भी ई फाइलिंग के जरिये मुकदमे दाखिल करवाने और सुनवाई करने की व्यवस्था लागू कर देनी चाहिए. जिससे देश के अलग अलग कोने से लोगों को सुप्रीम कोर्ट के लिए दिल्ली का चक्कर काटने से मुक्ति मिल जाएगी.


वकालत के पेशे को बदनाम करने वालों पर कसेंगे शिकंजा : इलाहाबाद हाईकोर्ट की नई कार्यकारिणी की तरफ से यह भी एलान किया गया है कि वकालत के पेशे को कुछ लोग काला कोट पहनकर बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं. जो लोग सिर्फ काला कोट पहनकर वकालत के पेशे को बदनाम करने वाले कार्य कर रहे हैं उन पर नियंत्रण करने की व्यवस्था भी करने की तैयारी की जा रही है. जिसके तहत नए एडवोकेट रोल के आवेदन पर हाईकोर्ट बार का अनुमोदन हासिल करने के लिए वकीलों को परीक्षा के दौर से गुजरना पड़ेगा. उनके पते का भौतिक सत्यापन किए बिना एडवोकेट रोल के लिए संस्तुति नहीं कि जाएगी. साथ ही वकालत के पेशे को बदनाम करने वाले कृत्य करने वालों पर नियंत्रण करने के लिए रणनीति बनाई जाएगी.

यह भी पढ़ें : High Court News: मेरठ में ई फाइलिंग केंद्र के विरोध में एक्शन कमेटी गठित

यह भी पढ़ें : Allahabad High Court : मेरठ में ई फाइलिंग केंद्र स्थापित करने के बयान पर भड़के हाईकोर्ट के वकील

मुकदमों की ई फाइलिंग के फैसले खिलाफ वकील. (Etv Bharat)

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मंत्री समेत अन्य पदाधिकारियों ने ई फाइलिंग के जरिये मुकदमे दाखिल करने का विरोध करने का एलान कर दिया है. बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी और सचिव विक्रांत पांडेय ने कहा कि ई फाइलिंग के फैसले के खिलाफ वे कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और उसका विरोध करेंगे. बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने यह मांग भी शुरू कर दी है कि ई फाइलिंग से मुकदमा लड़ने की व्यवस्था सुप्रीम कोर्ट में भी लागू की जाए, जिससे देशभर के लोगों को ई फाइलिंग की सुविधा मिले.

इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की मुहिम.
इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की मुहिम. (Etv Bharat)

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में जिलों से ई फाइलिंग के जरिये याचिकाओं को दाखिल करने के साथ ही सुनवाई भी शुरू की जाएगी. जिसको लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने विरोध करने की घोषणा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कर दी है. इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी और सचिव विक्रांत पांडेय ने कहा है कि फैसले के खिलाफत कानूनी लड़ाई के जरिये करेंगे. जिसके लिए पांच सदस्यों की कमेटी बनाई गई है जो इस फैसले का गहनता से अध्धयन कर उसके खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में ही पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी. साथ ही हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ताओं का पैनल इस मसले पर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों से बात करने जाएगा.

इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्य.
इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्य. (Etv Bharat)

सुप्रीम कोर्ट में भी ई फाइलिंग व्यवस्था शुरू करने की मांग : हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि ई फाइलिंग की व्यवस्था दूर दराज के क्षेत्रों से आने वाले वादकारियों की सुविधा के लिए शुरू की गई है तो यह व्यवस्था सिर्फ हाईकोर्ट में ही नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट में भी किया जाए. उनका कहना है कि ई फाइलिंग बेहतर व्यवस्था है तो सुप्रीम कोर्ट में भी ई फाइलिंग के जरिये मुकदमे दाखिल करवाने और सुनवाई करने की व्यवस्था लागू कर देनी चाहिए. जिससे देश के अलग अलग कोने से लोगों को सुप्रीम कोर्ट के लिए दिल्ली का चक्कर काटने से मुक्ति मिल जाएगी.


वकालत के पेशे को बदनाम करने वालों पर कसेंगे शिकंजा : इलाहाबाद हाईकोर्ट की नई कार्यकारिणी की तरफ से यह भी एलान किया गया है कि वकालत के पेशे को कुछ लोग काला कोट पहनकर बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं. जो लोग सिर्फ काला कोट पहनकर वकालत के पेशे को बदनाम करने वाले कार्य कर रहे हैं उन पर नियंत्रण करने की व्यवस्था भी करने की तैयारी की जा रही है. जिसके तहत नए एडवोकेट रोल के आवेदन पर हाईकोर्ट बार का अनुमोदन हासिल करने के लिए वकीलों को परीक्षा के दौर से गुजरना पड़ेगा. उनके पते का भौतिक सत्यापन किए बिना एडवोकेट रोल के लिए संस्तुति नहीं कि जाएगी. साथ ही वकालत के पेशे को बदनाम करने वाले कृत्य करने वालों पर नियंत्रण करने के लिए रणनीति बनाई जाएगी.

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