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हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षकों के समायोजन को रद्द किया, कहा- गलतियों को सुधारे विभाग

इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में चल रहे समायोजन की प्रक्रिया पर पड़ेगा असर.

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इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 7, 2024, 9:15 PM IST

लखनऊः इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया को रद्द कर दिया है. हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग ऑन के विद्यालयों में चल रहे समायोजन की प्रक्रिया को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है. समायोजन का इंतजार कर रहे प्रदेश के लाखों शिक्षकों को हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद तगड़ा झटका लगा है.

हाईकोर्ट ने बेसिक से विभाग को आदेश दिया है कि समायोजन से जुड़ी सभी गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाए और समायोजन प्रक्रिया में की गलतियों को सुधारने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं. बेसिक शिक्षा विभाग में समायोजन के लिए लागू नियम लास्ट कम फर्स्ट आउट को संविधान के अनुच्छेद 14 के विरुद्ध माना है. इसके तहत नया टीचर आने के बाद वरीयता के नीचे रहता है. ट्रांसफर पॉलिसी में बाहर हो जाता है. जबकि सीनियर टीचर लंबे समय तक एक ही जगह पर तैनात रहता है.

इसको लेकर रीना सिंह और अदर्स वर्सेज स्टेट ऑफ यूपी केस में दिए गए आदेश में हाईकोर्ट ने अनुच्छेद 14 के साथ ही 16 का उल्लंघन माना है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि हर बात इस प्रक्रिया के तहत जूनियर शिक्षक समायोजित हो जाता है और सीनियर शिक्षक जहां नियुक्त होता है वहीं रह जाता है. कोर्ट ने इस आदेश का असर सीनियर शिक्षकों पर भी पड़ेगा अब वह भी समायोजन के दायरे में आएंगे ऐसे में बेसिक शिक्षा परिषद के 80 से 90% स्कूलों पर इस आदेश का असर दिख रहा है. हालांकि जानकार आदेश के खिलाफ अपील दर करने की बात कह रहे हैं.


ये भी पढ़ें- 17 की उम्र में घर छोड़ा, 68 साल का बुजुर्ग होकर लौटा; नौकरी के लिए श्रीलंका तक किया सफर

लखनऊः इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया को रद्द कर दिया है. हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग ऑन के विद्यालयों में चल रहे समायोजन की प्रक्रिया को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है. समायोजन का इंतजार कर रहे प्रदेश के लाखों शिक्षकों को हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद तगड़ा झटका लगा है.

हाईकोर्ट ने बेसिक से विभाग को आदेश दिया है कि समायोजन से जुड़ी सभी गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाए और समायोजन प्रक्रिया में की गलतियों को सुधारने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं. बेसिक शिक्षा विभाग में समायोजन के लिए लागू नियम लास्ट कम फर्स्ट आउट को संविधान के अनुच्छेद 14 के विरुद्ध माना है. इसके तहत नया टीचर आने के बाद वरीयता के नीचे रहता है. ट्रांसफर पॉलिसी में बाहर हो जाता है. जबकि सीनियर टीचर लंबे समय तक एक ही जगह पर तैनात रहता है.

इसको लेकर रीना सिंह और अदर्स वर्सेज स्टेट ऑफ यूपी केस में दिए गए आदेश में हाईकोर्ट ने अनुच्छेद 14 के साथ ही 16 का उल्लंघन माना है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि हर बात इस प्रक्रिया के तहत जूनियर शिक्षक समायोजित हो जाता है और सीनियर शिक्षक जहां नियुक्त होता है वहीं रह जाता है. कोर्ट ने इस आदेश का असर सीनियर शिक्षकों पर भी पड़ेगा अब वह भी समायोजन के दायरे में आएंगे ऐसे में बेसिक शिक्षा परिषद के 80 से 90% स्कूलों पर इस आदेश का असर दिख रहा है. हालांकि जानकार आदेश के खिलाफ अपील दर करने की बात कह रहे हैं.


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