लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने धान क्रय केन्द्र पर धान खरीदने की तैयारियों में जुट गई है. धान क्रय केन्द्रों पर आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए क्रय केन्द्रों को हाईटेक बनाने के आदेश दिए हैं. इससे पहले क्रय केन्द्रों पर घटतौली और व्यापारियों से गेहूं धान क्रय कर लेने की शिकायत को दूर करने के लिए सरकार ने खास इंतजाम की है. ई-पाप मशीनों के जरिये किसानों के फिंगर प्रिंट मैच करने के बाद ही धान क्रय केन्द्र पर धान क्रय किया जायेगा. जिससे बिचौलियों को क्रय केन्द्र से दूर किया जा सके. इसके लिए सरकार ने पश्चिम उत्तर प्रदेश में 15 सितम्बर से पहले तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश में 15 अक्टूबर के पहले कंप्यूटर, लैपटॉप, आई पैड, इंटरनेट और ई-पॉप मशीन सहित अन्य आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के आदेश दिए है.
खाद्य और रसद विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बताया कि, सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गये हैं कि ई-उपार्जन के लिए क्रय केंद्रों पर अवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. इसके साथ ही इनके संचालन में आने वाली कठिनाइयों को पश्चिमी यूपी में 15 सितंबर और पूर्वी यूपी में 15 अक्टूबर से पहले ही दूर कर ली जाए. वहीं क्रय केंद्रों पर बोरे की उपलब्धता, स्टाफ की तैनाती, किसानों की सुविधा की व्यवस्था, इलेक्ट्रॉनिक काटा, छनना, नमी मापने की मशीन, जनरेटर, बैनर की व्यवस्था के साथ साथ धान और चावल के गुणवत्ता परीक्षण के लिए उपकरण की व्यवस्था समय पर कर ली जाए.
बता दें कि, योगी सरकार ने समर्थन मूल्य योजना के तहत 1 अक्टूबर से पश्चिमी यूपी और 1 नवंबर से पूर्वी यूपी के जिलों में किसानों से सीधे धान की खरीद शुरू करने के निर्देश दिये हैं. खाद्य और रसद विभाग की ओर से इस संबंध में आवश्यक समय सारिणी जारी की जा चुकी है. प्रमुख सचिव ने बताया कि, जारी समय सारिणी में अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि ई-टेंडर के माध्यम से हैंडलिंग ठेकेदारों की नियुक्ति, परिवहन के लिए ई टेंडरिंग के जरिए परिवहन ठेकेदारों की नियुक्ति भी समय से करने के निर्देश दिये गये हैं.