जैसलमेर : जिले में बिजली उत्पादन के लिए पिछले 20 वर्षों से बड़ी संख्या में पवन चक्कियां स्थापित की गई हैं, लेकिन पवन ऊर्जा संयंत्रों में चोरी की वारदातें बढ़ रही हैं. इस संबंध में ऑल इंडिया विंड पॉवर प्रोड्यूसर एसोसिएशन ने चिंता जाहिर की है.
राजस्थान चैप्टर के अध्यक्ष राजेंद्र व्यास ने बताया कि पिछले 20 वर्षों से जैसलमेर में विंड एनर्जी उत्पादन के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं, जिससे लाखों यूनिट बिजली का उत्पादन कर जैसलमेर को ही नहीं बल्कि आसपास के कई जिलों की बिजली की आपूर्ति कर रहे हैं और राष्ट्र स्तर पर राजस्थान का गौरव बढ़ा रहे हैं. जैसलमेर में बिजली उत्पादन संयंत्रों में हो रही आए दिन चोरियों से परेशान हैं. प्रशासन अच्छे से काम कर रहा है, लेकिन वह नाकाफी है. इसे और मजबूती से काम करना होगा. चोरियों को रोकने के लिए सबसे मजबूत प्रयास करने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि इससे इनमें इन्वेस्टमेंट करने वाले डेवलपर्स को लॉस होता ही है. साथ ही सरकार को भी बिजली उत्पादन की हानि उठानी पड़ती है. आवंटित जमीन पर स्थानीय लोगों की ओर से अतिक्रमण किए जा रहे हैं. पवन ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए सरकार की ओर से कंपनियों को जमीन आवंटित की जाती है, उस पर ग्रामीणों की ओर से कब्जे किए जा रहे हैं. डेवलपर कंपनी के प्रतिनिधि गोविंद ताहिल ने कहा कि पुलिस प्रशासन की ओर से चोरियों की रोकथाम के लिए अपने स्तर पर कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने अपनी ओर से सुझाव दिया कि इस मामले में बिजली कानून के अंतर्गत भी कार्रवाई की जाए तो चोरों में भय का वातावरण बनेगा. इस दौरान एसोसिएशन के स्थानीय प्रतिनिधि रवींद्र कुमार भी उपस्थित रहे.