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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक रीडिंग रूम को बना दिया हॉस्टल, विरोध में उतरे सीनियर छात्र - ALIGARH MUSLIM UNIVERSITY

Aligarh Muslim University : गर्मियों की छुट्टियों में रिनोवेशन की बात कह कर छात्रों से हॉस्टल खाली करवाने का आरोप.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय. (Photo Credit : ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 19, 2024, 12:47 PM IST

अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के संस्थापक के नाम से ऐतिहासिक छात्रावास सर सैयद हाॅल (साउथ) के रीडिंग रूम को खत्म करके हॉस्टल बना दिया गया है. इसको लेकर छात्रों में आपत्ति और नाराजगी है. छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन से दोबारा रीडिंग रूम बनाने की मांग कर रहे हैं.

छात्रों का कहना है कि एएमयू प्रशासन ने गर्मियों की छुट्टियों में छात्रों से हॉस्टल यह कहकर खाली करवाए थे कि हॉस्टल्स में रिनोवेशन का काम होगा. यूनिवर्सिटी खुलने के बाद हॉस्टल में रिनोवेशन का काम तो नहीं देखाई दे रहा, लेकिन एएमयू संस्थापक के ऐतिहासिक हाॅल सर सैयद (साउथ) के रीडिंग रूम को हॉस्टल बना हुआ जरूर दिखाई दे रहा है. जिसको लेकर यूनिवर्सिटी के सीनियर छात्र आपत्ति जता रहे हैं. छात्र विश्व विद्यालय प्रशासन से मांग कर रहे है कि वह दोबारा इसको रीडिंग रूम बनाए.

सर सैयद हाॅल (साउथ) के रीडिंग रूम को छात्रावास में तब्दील करने पर छात्रों में आक्रोश. (Video Credit : ETV Bharat)


बता दें, एएमयू में छात्र-छात्राओं के लिए 20 छात्रावास हैं. हर छात्रावास में एक रीडिंग रूम है. फिलहाल सर सैयद साउथ हॉल के रीडिंग रूम को हॉस्टल में बदल दिया गया है. रीडिंग रूम के बाहर लगे पत्थर के मुताबिक 15 अगस्त 2018 को इस रीडिंग रूम का नवीकरण किया गया था. जिसका उद्घाटन पूर्व वाइस चांसलर प्रोफेसर तारीख मानसूर ने किया था. सीनियर छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी के संस्थापक के नाम के ऐतिहासिक हाॅल में मौजूद ऐतिहासिक रीडिंग रूम में कंप्यूटर रूम समेत पढ़ाई के लिए तमाम सहूलियतें मौजूद थीं. अगर इसी तरह हाल से रीडिंग रूम खत्म किए जाएंगे तो फिर छात्र कहां बैठकर पढ़ेंगे. रीडिंग रूम, लाइब्रेरी और क्लासरूम जैसी जगहों को खत्म नहीं किया जाना चाहिए. अगर छात्रों की संख्या बढ़ती है तो उनके रहने के लिए नए हॉस्टल बनाए जाएं या फिर वार्डन के खाली कमरों में छात्रों के रहने का इंतजाम किया जाए.




सर सैयद (साउथ) हाॅल के प्रोवोस्ट डॉ. फारूक अहमद डार ने मोबाइल पर बताया कि हमने रीडिंग रूम को ऊपरी मंजिल में शिफ्ट कर दिया है. जहां पर छात्र आराम से बैठकर पढ़ते हैं और पुराने वाले रीडिंग रूम को हॉस्टल बना दिया है. जहां पर छात्र बड़ी संख्या में रह रहे हैं. यानी पहले जहां छात्र रहते थे, वहां रीडिंग रूम बना दिया है और जहां पर पहले रीडिंग रूम था वहां पर छात्रों के रहने के लिए हॉस्टल बना दिया है. ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि छात्रों को रहने में परेशानी होती थी जो अब नहीं हो रही है.

यह भी पढ़ें : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग का सेंटर ऑफ एडवांस स्टडी का दर्जा खत्म - ALIGARH MUSLIM UNIVERSITY

यह भी पढ़ें : AMU में इंटरवर्सिटी हॉकी टूर्नामेंट; हिस्सा लेने पहुंचे कोच और खिलाड़ियों ने उठाए सवाल, क्रिकेट से राष्ट्रीय खेल पीछे क्यों? - HOCKEY INDIA LEAGUE

अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के संस्थापक के नाम से ऐतिहासिक छात्रावास सर सैयद हाॅल (साउथ) के रीडिंग रूम को खत्म करके हॉस्टल बना दिया गया है. इसको लेकर छात्रों में आपत्ति और नाराजगी है. छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन से दोबारा रीडिंग रूम बनाने की मांग कर रहे हैं.

छात्रों का कहना है कि एएमयू प्रशासन ने गर्मियों की छुट्टियों में छात्रों से हॉस्टल यह कहकर खाली करवाए थे कि हॉस्टल्स में रिनोवेशन का काम होगा. यूनिवर्सिटी खुलने के बाद हॉस्टल में रिनोवेशन का काम तो नहीं देखाई दे रहा, लेकिन एएमयू संस्थापक के ऐतिहासिक हाॅल सर सैयद (साउथ) के रीडिंग रूम को हॉस्टल बना हुआ जरूर दिखाई दे रहा है. जिसको लेकर यूनिवर्सिटी के सीनियर छात्र आपत्ति जता रहे हैं. छात्र विश्व विद्यालय प्रशासन से मांग कर रहे है कि वह दोबारा इसको रीडिंग रूम बनाए.

सर सैयद हाॅल (साउथ) के रीडिंग रूम को छात्रावास में तब्दील करने पर छात्रों में आक्रोश. (Video Credit : ETV Bharat)


बता दें, एएमयू में छात्र-छात्राओं के लिए 20 छात्रावास हैं. हर छात्रावास में एक रीडिंग रूम है. फिलहाल सर सैयद साउथ हॉल के रीडिंग रूम को हॉस्टल में बदल दिया गया है. रीडिंग रूम के बाहर लगे पत्थर के मुताबिक 15 अगस्त 2018 को इस रीडिंग रूम का नवीकरण किया गया था. जिसका उद्घाटन पूर्व वाइस चांसलर प्रोफेसर तारीख मानसूर ने किया था. सीनियर छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी के संस्थापक के नाम के ऐतिहासिक हाॅल में मौजूद ऐतिहासिक रीडिंग रूम में कंप्यूटर रूम समेत पढ़ाई के लिए तमाम सहूलियतें मौजूद थीं. अगर इसी तरह हाल से रीडिंग रूम खत्म किए जाएंगे तो फिर छात्र कहां बैठकर पढ़ेंगे. रीडिंग रूम, लाइब्रेरी और क्लासरूम जैसी जगहों को खत्म नहीं किया जाना चाहिए. अगर छात्रों की संख्या बढ़ती है तो उनके रहने के लिए नए हॉस्टल बनाए जाएं या फिर वार्डन के खाली कमरों में छात्रों के रहने का इंतजाम किया जाए.




सर सैयद (साउथ) हाॅल के प्रोवोस्ट डॉ. फारूक अहमद डार ने मोबाइल पर बताया कि हमने रीडिंग रूम को ऊपरी मंजिल में शिफ्ट कर दिया है. जहां पर छात्र आराम से बैठकर पढ़ते हैं और पुराने वाले रीडिंग रूम को हॉस्टल बना दिया है. जहां पर छात्र बड़ी संख्या में रह रहे हैं. यानी पहले जहां छात्र रहते थे, वहां रीडिंग रूम बना दिया है और जहां पर पहले रीडिंग रूम था वहां पर छात्रों के रहने के लिए हॉस्टल बना दिया है. ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि छात्रों को रहने में परेशानी होती थी जो अब नहीं हो रही है.

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