धमतरी: छत्तीसगढ़ के पारंपरिक त्योहारों में से एक अक्षय तृतीया का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. अक्ती तिहार के लिए छत्तीसगढ़ के बाजारों में पहले से रौनक देखने को मिली. बाजारों में रंग बिरंगे गुड्डे गुड़ियां सज कर लोगों को आकृषित कर रहे है. जिसे लोग खरीद रहे हैं.
अक्ती तिहार की सीएम साय ने दी शुभकामनाएं: छत्तीसगढ़ सीएम विष्णुदेव साय ने अक्ती तिहार की सभी छ्त्तीसगढ़वासियों को बधाई दी है. एक्स पर उन्होंने लिखा-" छत्तीसगढ़ के पारंपरिक तिहार अक्ती के आप जम्मो प्रदेशवासी ल गाड़ा-गाड़ा बधई अउ सुभकामना"
क्या है अक्ती तिहार: अक्षय तृतीया के दिन पड़ने वाले इस त्योहार को छत्तीसगढ़ में अक्ती तिहार कहा जाता है. अक्ती के दिन छत्तीसगढ़ में मिट्टी से बने गुड्डे गुड़ियों की शादी पूरे रीति रिवाज से कराई जाती है. इस दिन हर घर में शादी जैसा माहौल होता है. बुजुर्ग अपने घर में नए मटकी में जल रखकर पितरों का आह्वान कर नदी तालाब में तर्पण करते है. अक्ती तिहार पर छत्तीसगढ़ के हर घर में लगभग इस परंपरा को निभाया जाता है. इस दिन किसान अपने खेतों में नए बीज डालते हैं.
अक्ती बच्चों और पूर्वजों के लिए मनाया जाता है. इस बार मार्केट ठीक है. मौसम भी अच्छा हुआ है तो खरीदारी भी ठीक चल रहा है. पूरे परिवार मिलकर गुड्डे गुड़ियां बनाते हैं. 200 से 300 में मिल रहा है - पुष्पा पटेल, दुकानदार
बच्चे गुड्डा गुड़ियां की शादी करते हैं. मिट्टी से गुड्डे गुड़ियां बनाते हैं. बच्चों का त्योहार है. कुछ खास बाजार नहीं है. - सावित्री कुम्भकार, दुकानदार
हर साल नए नए डिजाइन के गुड्डे गुड़ियां बनाते हैं. मेहनत करते हैं. पहले सिंपल मनाते थे इस समय डिजाइनर बना रहे हैं. मार्केट में कुछ खास रेट नहीं मिल रहा है. -पूर्णिमा कुम्भकार, दुकानदार
छत्तीसगढ़ की संस्कृति के अनुसार गुड्डे गुड़ियां की शादी की जाती है. पूर्वजों को अक्ती में पानी दिया जाता है. इसके लिए लोग मिट्टी के बर्तन भी ले जा रहे हैं. जो इसका महत्व समझते हैं वो खरीद रहे हैं. - गगन कुम्भकार, दुकानदार
धमतरी के बाजारों में रौनक: अक्षय तृतीया को लेकर धमतरी में बाजार सजकर तैयार है. यहां मंडप समेत मिट्टी से बने गुड्डा गुड़िया बिक रहे हैं. 50 रुपये से 1 हजार तक के गुड्डा गुड़िया की बिक्री हो रही है. गुड्डे गुड़ियों के साथ विवाह व रस्मों में उपयोग की जाने वाली सामग्री भी बेची जा रही है.
बच्चों के लिए मिट्टी के गुड्डे गुड़ियां खरीदने आए हैं. अक्ती में बच्चे खेलेंगे. शादी व्याह में जैसे होता है पूरी वैसी परंपरा के अनुसार अक्ती मनाया जाता है - डिगेश्वरी साहू, खरीददार
बचपन से अक्ती का त्योहार मना रहे हैं. बच्चों और बुजुर्गों का त्योहार है. बच्चे गुड्डे गुड़ियां की शादी करते हैं. पूर्वजों का तर्पण किया जाता है. - ओंकार गोश्वामी, खरीददार
आज के मोबाइल और सोशल मीडिया के जमाने में लोग पारंपरिक त्योहारों से दूर होते जा रहे हैं. लेकिन आज भी कुछ ऐसे लोग है जो पूर्वजों की पुरानी परंपरा को जिंदा रखने की कोशिश कर रहे हैं.