कांकेर: कांकेर में बुधवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से जिला स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान भारी संख्या में छात्रों ने स्वास्थ्य अधिकारी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. एबीवीपी के नेताओं ने इसके साथ अधिकारी का पुतला फूंका. छात्रों को आरोप है कि जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था लचर होती जा रही है. यहां के अस्पताल रेफरल सेंटर बनते जा रहे हैं.
छात्रों ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी: दरअसल, कांकेर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने जिले की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर प्रदर्शन किया. जिला स्वास्थ्य कार्यालय के सामने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का पुतला फूंका. इस दौरान अधिकारी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि, "जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है. लगातार संलग्नीकरण सहित अन्य मामले सामने आते जा रहे हैं. अस्पतालों में असुविधाओं का अंबार लगा हुआ है. अस्पताल रेफरल सेंटर बनता जा रहा है. सीएमएचओ को बर्खास्त करने की हमारी मांग है. कार्रवाई नहीं किए जाने पर हम उग्र आंदोलन करेंगे."
ETV भारत ने भी उठाया था मुद्दा : कांकेर शहर की मितानिन और एमटी ने अलबेलापारा के एमसीएच अस्पताल की बदइंतजामी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. कांकेर शहर में 36 मितानिन और 2 मितानिन प्रशिक्षक हैं. मितानिनों का आरोप है कि वे गर्भवती महिलाओं को अस्पताल लाती हैं. बावजूद इसके यहां उनका ठीक से इलाज नहीं किया जाता. विरोध करने पर गर्भवती महिलाओं को रेफर कर दिया जाता है. मितानिनों के अनुसार इस साल जनवरी से मई तक 25 केस रेफर किए जा चुके हैं. यहां से जिन केसेस को जटिल बताकर रेफर कर दिया जाता है. वो केस दूसरे अस्पतालों में सामान्य तरीके से हैंडल हो जाता है.
मितानिनों ने खोला मोर्चा: कांकेर शहर की मितानिनों ने भी जिला स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. मितानिनों की मानें तो जिला मुख्यालय में स्थित मदर एंड चाइल्ड केयर अस्पताल में आईसीयू नहीं होने से परेशानी होती है. सोनोग्राफी रोजाना नहीं की जाती. सिर्फ मंगलवार और गुरुवार को ही सोनोग्राफी की जाती है. इससे मरीजों को परेशानी होती है.