प्रयागराज : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा है कि भारत में 2014 से हिंदुत्व काल की शुरुआत हुई है. अगर देश में सनातन बोर्ड नहीं बनेगा तो वक्फ बोर्ड भी नहीं रहेगा. सनातन बोर्ड के गठन के लिए महाकुम्भ मेले में जनवरी में धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा. जहां से सनातन बोर्ड के गठन को लेकर देश भर के साधु-संतों के साथ ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद मजबूती से आवाज उठाएगा.
प्रयागराज के संगम तट पर लगने वाले दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले महाकुंभ 2025 से पहले देश में सनातन बोर्ड का गठन करने की मांग तेजी से उठने लगी है.जहां इस बार संगम की रेती पर लगने जा रहे महाकुंभ 2025 में अखाड़ों से जुड़े साधु-संत संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे, वहीं महाकुंभ से पहले सनातन बोर्ड के गठन के लिए हुंकार भी भर दी है.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि देश में जो पार्टी सनातन धर्म और हिंदुओं के लिए काम करेगी, वही राज करेगी. उसी पार्टी की सरकार देश में बने, ऐसी कामना साधु-संत करेंगे. कहा कि 2014 में जब से नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने, उसी समय से हिंदुत्व काल की शुरुआत हो गई है. मांग की है कि सनातन बोर्ड का गठन अब इस देश में जरूर कर दिया जाए .अगर सनातन बोर्ड का गठन नहीं होता है तो वक्फ बोर्ड भी नहीं रहना चाहिए. आरोप लगाया कि वक्फ बोर्ड के पास देश भर में संपत्ति है, लेकिन हिंदुओं के मठ-मंदिरों का अधिग्रहण किया जा रहा है. मठ-मंदिरों को सरकार अपने कब्जे में ले रही है. सनातन बोर्ड का गठन करवाए बिना साधु-संत मानने वाले नहीं हैं.
महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि प्रयागराज में लगने वाले महाकुम्भ मेले के दौरान जनवरी में साधु-संतों द्वारा धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा.जिसको लेकर अखाड़ा परिषद की तरफ से जल्द ही रूपरेखा तय की जाएगी. धर्म संसद में महाकुंभ की धरती से सनातन बोर्ड का गठन करने के लिए एक बुलंद आवाज साधु-संतों द्वारा उठाई जाएगी. कहा कि सनातन धर्म से जुड़े मठ-मंदिरों को समाप्त करने की साजिश चल रही है.
इस के साथ ही महंत रवींद्र पुरी ने एक बार फिर दोहराया कि महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में किसी भी मुस्लिम को खाने-पीने, चाय-नाश्ता जैसे चीजों की दुकानें न खोलने दी जाएं. क्योंकि ऐसा होने पर सनातन धर्म से जुड़े लोगों का धर्म भ्रष्ट होने का खतरा बढ़ जाएगा.