अजमेर. पॉक्सो एक्ट प्रकरण की विशेष न्यायालय संख्या एक ने नाबालिग से रेप के मामले में आरोपी को 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 49 हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया है. विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि मांगलियावास थाने में 19 मार्च 2023 को पीड़िता के परिजनों की ओर से शिकायत दर्ज कराई गई थी. रिपोर्ट में परिजनों ने बताया कि उनकी 13 वर्षीय नाबालिग बेटी लापता है. रिपोर्ट में बताया कि पड़ोस में रहने वाला युवक भी लापता है. इस पर अप्रैल 2023 में मांगलियावास थाना पुलिस ने नाबालिग को अहमदाबाद से आरोपी युवक के चुंगल से छुड़ा लिया.
अहमदाबाद में किराए के मकान में एक माह तक रखा : परिहार ने बताया कि पीड़िता को आरोपी ने अपने घर बुलाया और उसे बाइक पर बिठाकर अजमेर ले गया. यहां से रेलवे स्टेशन से वह उसे लेकर अहमदाबाद की ट्रेन में बैठ गया. पड़ताल में सामने आया कि आरोपी ने पीड़िता को अहमदाबाद में किराए के मकान में रखा हुआ था. जहां आरोपी ने पीड़िता के साथ कई बार दुराचार किया. पीड़िता को दस्तयाब करने के साथ ही पुलिस ने आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया था.
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एफएसएल और डीएनए रिपोर्ट को माना आधारः परिहार ने बताया कि मुकदमे में अभियोजन पक्ष की ओर से 15 गवाह और 32 दस्तावेज पेश किए गए. पॉक्सो एक्ट की विशेष कोर्ट संख्या एक के जज ने पुलिस की ओर से पेश की गई एफएसएल और डीएनए रिपोर्ट को आधार मानते हुए आरोपी को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 49 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. उन्होंने बताया कि सजा सुनाने के साथ ही कोर्ट ने मुकदमे में टिप्पणी भी की है. कोर्ट ने कहा है कि पड़ोस में रहने वाली नाबालिग के साथ आरोपी ने जो कृत्य किया है, वह मानवता को शर्मसार कर देने वाला है. ऐसी घटना से पड़ोस में रहने वाले लोगों के प्रति अविश्वास बढ़ेगा. पड़ोसी आपस में एक दूसरे पर विश्वास नहीं करेंगे. कोर्ट ने कहा कि 13 वर्षीय नाबालिग के साथ हुई घटना से उसकी मानसिक स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ेगा.