अजमेर. नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में अजमेर की पॉक्सो एक्ट प्रकरण की विशेष कोर्ट संख्या एक ने आरोपी को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 59 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. कोर्ट ने अपने फैसले में अपना मत रखते हुए कहा कि यह अपराध गंभीर प्रकृति का है. अभियुक्त के विरुद्ध किसी भी प्रकार की नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता.
यह है मामलाः विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि 25 अगस्त 2023 को केकड़ी सिटी थाने में नाबालिग के दादा ने मुकदमा दर्ज करवाया था. दर्ज रिपोर्ट में आरोप लगाया कि 5 वर्षीय पोती घर के बाहर खेल रही थी. इस दौरान पड़ोस में रहने वाले युवक ने उसे दुकान से चॉकलेट दिलाने के बहाने घर ले गया, जहां उसने मासूम के साथ दुष्कर्म किया. इस घटना के बाद बच्ची रोती हुई घर लौटी और उसने अपनी मां से पेट में दर्द होने की शिकायत की. इस पर जब मां ने बेटी से पूछा तो उसने सारी घटना बता दी. इसके बाद मां ने घटना की जानकारी पति को दी. पीड़िता के दादा की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट समेत दुष्कर्म की धाराओं में मामला दर्ज किया. साथ ही पीड़िता का मेडिकल कराया.
पढ़ेंः नाबालिग से रेप: आरोपी पड़ोसी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा
डीएनए और एफएसएल रिपोर्ट बनी सजा का आधारः विशिष्ट लोक अभियोजक ने बताया कि इस मामले में पुलिस की ओर से डीएनए और एफएसएल जांच भी करवाई गई थी. प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से 12 गवाह और 23 दस्तावेज कोर्ट के समक्ष पेश किए गए थे. इस प्रकरण में कोर्ट ने डीएनए और एफएसएल रिपोर्ट को सजा का आधार माना. आरोपी को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा और 59 हजार रुपए के आर्थिक दंड से दंडित किया है. साथ ही 59 हजार रुपए का अर्थ दंड लगाया है. कोर्ट ने प्रतिकर स्कीम के तहत पीड़िता को 6 लाख रुपए अलग से देने के आदेश दिए हैं.