अजमेर. अजमेर की पॉक्सो एक्ट प्रकरण की विशेष कोर्ट संख्या एक ने नाबालिग से रेप के मामले में आरोपी मौसा को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 49 हजार रुपए के आर्थिक दंड से दंडित किया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि ऐसे रिश्तेदार जिन पर बच्चे विश्वास करते हैं, वही दुराचार करते हैं तो यह गम्भीर कृत्य हैं, ऐसे आरोपी को माफ नही किया जा सकता.
विशिष्ट लोक अभियोजक रुपेंद्र परिहार ने बताया कि केकड़ी जिले के बोराडा थाने में 16 जुलाई 2023 को पीड़िता के पिता की ओर से मुकदमा दर्ज करवाया गया था. पुलिस को दी शिकायत में परिवादी ने बताया कि 16 जुलाई 2023 को रात को वह परिवार के अन्य लोगों के साथ जागरण में गया हुआ था. रात में 10.30 बजे जब घर लौटा तो घर में 16 वर्षीय पुत्री घर से लापता थी. पुत्री को काफी खोजने के बाद भी वह नहीं मिली तब उसने थाने में मुकदमा दर्ज करवाया. परिवादी की शिकायत पर पुलिस ने टीम गठित कर मामले की पड़ताल की. पुलिस पड़ताल में सामने आया कि पीड़िता का मौसा उसे बहला फुसलाकर ले गया था. 8 अगस्त 2023 को पुलिस ने पीड़िता को दस्तयाब कर लिया. पीड़िता के कोर्ट में 166 और 164 के बयान के आधार पर पॉक्सो और रेप की धाराओं को पुलिस ने मुकदमे में जोड़ा. पुलिस ने आरोपी मौसा को गिरफ्तार कर लिया.
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परिहार ने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से मुकदमे में 11 गवाह और 27 दस्तावेज पेश किए गए. उन्होंने बताया कि कोर्ट ने पीड़िता को पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत 6 लाख रुपए देने के लिए भी आदेश दिए हैं. विशिष्ट अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि फैसले में जज बन्ना लाल जाट ने टिप्पणी करते हुए लिखा है कि नाबालिग बालिका को आरोपी बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया और अलग अलग स्थानों पर रखा. उन्होंने लिखा कि नाबालिग बच्चे अपने परिचित, रिश्तेदार पर अटूट विश्वास करते हैं और वही रिश्तेदार उनके साथ दुराचार करते हैं तो इससे पीड़ित बालिका के बाल मन और उसकी मनोदशा पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. जिसका बोझ वह ताउम्र सहन कर मानसिक रूप से पीड़ित रहती है और उस बोझ को जिंदगी भर सहती है. कोर्ट ने आरोपी को 20 वर्ष के कारावास और 49 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है.