नई दिल्ली: बांग्लादेश में छात्रों के ऊपर हो रही हिंसा के विरोध में दिल्ली के जंतर मंतर पर शनिवार को छात्र संगठन AISA के सदस्यों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान छात्र दिल्ली के जंतर-मंतर पर हाथों में ढपली पोस्टर लेकर पहुंचे. छात्र संगठन का कहना है कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 1971 के आंदोलन की याद दिलाने वाली राजकिय हिंसा का एक बार फिर दृश्य सामने रखा है.
AISA ने शहीदों को दिल से सलाम किया और निरंकुश शासन के खिलाफ बांग्लादेश के लोगों के साथ पूरी एकजुटता व्यक्त की. प्रदर्शन के दौरान आइसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीलासिस बोस ने कहा कि बांग्लादेश सरकार ने सम्मानजनक रोजगार के लिए चल रहे विरोध प्रदर्शनों पर अमानवीय कार्रवाई की है.
कहा, 100 से अधिक लोगों की हत्या करके सरकार ने बेशर्मी से प्रदर्शनकारियों को 'रजाकार' करार दिया है, जिससे छात्रों को और अधिक पीड़ा हुई है. आइसा जेएनयू के अध्यक्ष रणविजय ने भी विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा जब हम भारत में सम्मानजनक रोजगार का मुद्दा उठाते हैं तो भाजपा-आरएसएस हिंसा और नफरत फैलाने के लिए तैयार हो जाती है .यही काम आवामी लीग द्वारा बांग्लादेश के छात्रों के साथ किया जा रहा है.
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AISA छात्र संगठन ने कहा कि हम वहां चल रहे विरोध प्रदर्शनों के साथ खड़े हैं और सरकार और छात्रों के बीच तत्काल बातचीत की मांग करते हैं. दक्षिण एशिया के छात्र आज निरंकुशता, बयानबाजी और राज्य की क्रूरता जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. लेकिन इस क्रूर दमन के सामने, हर जगह छात्र सम्मानजनक रोजगार, शिक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य को लेकर संघर्ष कर रहे हैं.
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