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Delhi: दिल्ली की 'डर्टी पिक्चर'! यमुना का ये वीडियो देख उड़ जाएंगे होश, सुबह ड्रोन से ली गई तस्वीर

शनिवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग की एक परत छा गई, जिससे एयर क्वालिटी इंडेक्स में ‘खराब’ स्तर दर्ज किया गया.

दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग
दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 2 hours ago

Updated : 60 minutes ago

नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण के बीच यमुना नदी की 'डर्टी पिक्चर' सामने आई है. ड्रोन से वीडियो लिया गया है, जिसमें दूर-दूर तक झाग ही झाग नजर आ रहा है. इतना ही नहीं, शनिवार की सुबह जब लोगों ने अपने घरों से बाहर कदम रखा, तो उन्हें दिल्ली-एनसीआर में एक स्मॉग की मोटी परत की धुंधली धूप नजर आई. यह दृश्य केवल एक प्राकृतिक घटना नहीं था, बल्कि यह वायु गुणवत्ता में गंभीर गिरावट का संकेत भी था, जिसमें एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 'खराब' स्तर पर पहुंच गया था. दीपावली के दो दिन बाद, जब पटाखों पर सरकारी रोक लगी हुई थी, तब भी यह स्थिति चिंताजनक साबित हुई.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शनिवार सुबह 7:30 बजे दिल्ली का औसत एक्यूआई 294 दर्ज किया गया, जिसमें 18 इलाकों में एक्यूआई 300 से ऊपर था. यह स्थिति 'बहुत खराब' श्रेणी में आती है. इस श्रेणी में सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में आनंद विहार (380), आईजीआई एयरपोर्ट (341), आरके पुरम (340), और पंजाबी बाग (335) शामिल थे. इसके अलावा, 19 अन्य इलाकों में एक्यूआई 200-300 के बीच रहा, जिनमें अलीपुर (295) और जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम (284) जैसे क्षेत्र शामिल हैं.

दिल्ली की 'डर्टी पिक्चर' (ETV Bharat)

पड़ोसी शहरों की स्थिति

दिल्ली के निकटवर्ती शहरों में भी स्थिति बेहतर नहीं रही. फरीदाबाद में एक्यूआई 165 था, जो 'मध्यम' श्रेणी में आता है, जबकि गुरुग्राम में यह 219 था, जिसे 'खराब' माना गया. उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में एक्यूआई 308, ग्रेटर नोएडा में 202, और नोएडा में 250 पर था. ये आंकड़े यह दिखाते हैं कि पूरे क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक है.

पटाखों पर लगी रोक का असर

शुक्रवार को, वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में रही, क्योंकि दीपावली के जश्न के दौरान, कई निवासियों ने पटाखों पर लगी रोक को अनदेखा किया. दीपावली समारोहों से परे, सरकार ने 14 अक्टूबर से 1 जनवरी, 2025 तक पटाखों पर प्रतिबंध लगाया है, और इसके सख्त अनुपालन के लिए 377 प्रवर्तन टीमें तैनात की गई हैं. लेकिन कथित तौर पर, कई लोग इस निर्णय का सम्मान नहीं कर रहे हैं, जिससे वायु गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव पड़ा है.

यह भी पढ़ें- Delhi: दिवाली के बाद प्रदूषण से बढ़ीं मुश्किलें, दो साल के मुकाबले हालात बेहद खराब

सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता

दिल्ली की वायु गुणवत्ता में पिछले कुछ हफ्तों में गिरावट का मुख्य कारण पराली जलाना और हवा का धीमा होना बताया जा रहा है. इस संदर्भ में, यह जरूरी है कि लोग समझें कि प्रदूषण का यह स्तर केवल स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि जीवन की गुणवत्ता पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है. लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है और अपने चारों ओर स्वच्छता बनाए रखते हुए अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए.

एक्यूआई मापदंड

एक्यूआई के मापदंडों के अनुसार

  • 0-50 ‘अच्छा’
  • 51-100 ‘संतोषजनक’
  • 101-200 ‘मध्यम’
  • 201-300 ‘खराब’
  • 301-400 ‘बहुत खराब’
  • 401-500 ‘गंभीर’

यह भी पढ़ें- Delhi: गोपाल राय की अपील- अगर कहीं भी दिखे प्रदूषण, तो ग्रीन दिल्ली ऐप पर भेजें तस्वीर

नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण के बीच यमुना नदी की 'डर्टी पिक्चर' सामने आई है. ड्रोन से वीडियो लिया गया है, जिसमें दूर-दूर तक झाग ही झाग नजर आ रहा है. इतना ही नहीं, शनिवार की सुबह जब लोगों ने अपने घरों से बाहर कदम रखा, तो उन्हें दिल्ली-एनसीआर में एक स्मॉग की मोटी परत की धुंधली धूप नजर आई. यह दृश्य केवल एक प्राकृतिक घटना नहीं था, बल्कि यह वायु गुणवत्ता में गंभीर गिरावट का संकेत भी था, जिसमें एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 'खराब' स्तर पर पहुंच गया था. दीपावली के दो दिन बाद, जब पटाखों पर सरकारी रोक लगी हुई थी, तब भी यह स्थिति चिंताजनक साबित हुई.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शनिवार सुबह 7:30 बजे दिल्ली का औसत एक्यूआई 294 दर्ज किया गया, जिसमें 18 इलाकों में एक्यूआई 300 से ऊपर था. यह स्थिति 'बहुत खराब' श्रेणी में आती है. इस श्रेणी में सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में आनंद विहार (380), आईजीआई एयरपोर्ट (341), आरके पुरम (340), और पंजाबी बाग (335) शामिल थे. इसके अलावा, 19 अन्य इलाकों में एक्यूआई 200-300 के बीच रहा, जिनमें अलीपुर (295) और जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम (284) जैसे क्षेत्र शामिल हैं.

दिल्ली की 'डर्टी पिक्चर' (ETV Bharat)

पड़ोसी शहरों की स्थिति

दिल्ली के निकटवर्ती शहरों में भी स्थिति बेहतर नहीं रही. फरीदाबाद में एक्यूआई 165 था, जो 'मध्यम' श्रेणी में आता है, जबकि गुरुग्राम में यह 219 था, जिसे 'खराब' माना गया. उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में एक्यूआई 308, ग्रेटर नोएडा में 202, और नोएडा में 250 पर था. ये आंकड़े यह दिखाते हैं कि पूरे क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक है.

पटाखों पर लगी रोक का असर

शुक्रवार को, वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में रही, क्योंकि दीपावली के जश्न के दौरान, कई निवासियों ने पटाखों पर लगी रोक को अनदेखा किया. दीपावली समारोहों से परे, सरकार ने 14 अक्टूबर से 1 जनवरी, 2025 तक पटाखों पर प्रतिबंध लगाया है, और इसके सख्त अनुपालन के लिए 377 प्रवर्तन टीमें तैनात की गई हैं. लेकिन कथित तौर पर, कई लोग इस निर्णय का सम्मान नहीं कर रहे हैं, जिससे वायु गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव पड़ा है.

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सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता

दिल्ली की वायु गुणवत्ता में पिछले कुछ हफ्तों में गिरावट का मुख्य कारण पराली जलाना और हवा का धीमा होना बताया जा रहा है. इस संदर्भ में, यह जरूरी है कि लोग समझें कि प्रदूषण का यह स्तर केवल स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि जीवन की गुणवत्ता पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है. लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है और अपने चारों ओर स्वच्छता बनाए रखते हुए अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए.

एक्यूआई मापदंड

एक्यूआई के मापदंडों के अनुसार

  • 0-50 ‘अच्छा’
  • 51-100 ‘संतोषजनक’
  • 101-200 ‘मध्यम’
  • 201-300 ‘खराब’
  • 301-400 ‘बहुत खराब’
  • 401-500 ‘गंभीर’

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