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Delhi: दिल्ली में वायु प्रदूषण को रोका जा सकता है, बस कुछ योजनाओं पर गंभीरता से करना है काम: पर्यावरणविद्

-दिल्ली में वायु प्रदूषण को रोका जा सकता है: पर्यावरणविद् -दिल्ली में एक्यूआई 400 के पास पहुंचा

दिल्ली में वायु प्रदूषण को रोका जा सकता है: पर्यावरणविद्
दिल्ली में वायु प्रदूषण को रोका जा सकता है: पर्यावरणविद् (Etv Bharat)
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By IANS

Published : Nov 2, 2024, 6:57 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली समेत पूरे एनसीआर के लोग वायु प्रदूषण से परेशान हैं. राजधानी में दीपावली पर हुई आतिशबाजी की वजह से एक्यूआई 400 के आसपास पहुंच गया. यह इंसानों के लिए खतरनाक स्तर है. इतनी खराब हवा में रहने से आम लोगों को हमेशा सांस की बीमारी होने का खतरा बना रहता है. ऐसे में वायु प्रदूषण को कैसे रोका जाए, इसको लेकर पर्यावरणविद् रोहित कुमार ने बताई अहम बात...

पर्यावरणविद् रोहित कुमार का कहना है कि, “सरकार की भूमिका प्रदूषण नियंत्रण में अत्यंत महत्वपूर्ण है, चाहे वह केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार. इनका एक प्रमुख कार्य है लोगों को जागरूक करना, ताकि वे समझ सकें कि उनके छोटे-से कार्यों का पर्यावरण और स्वास्थ्य पर कितना बड़ा प्रभाव पड़ सकता है."

पर्यावरणविद् ने फिर उन अहम योजनाओं के बारे में बताया, जिससे प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिल रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस दिशा में कई प्रभावी नियम लागू किए हैं. इनमें से सबसे महत्वपूर्ण है ‘क्लीन एयर एक्शन प्लान’ जो सरकार के द्वारा शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग टर्म योजनाओं पर काम कर रहा है. यह योजना शहरों में विशेष रूप से वायु प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए जानकारी एकत्र कर रही है और जरूरी कदम उठा रही है. इसके साथ ही, यह लोगों को भागीदारी के लिए भी प्रेरित कर रही है.”

पर्यावरणविद् ने आगे कहा, “दूसरा महत्वपूर्ण कार्य है "नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम" (एनकैप). यह एक उत्कृष्ट पहल है जिसमें पीएम स्तर पर 22-30% प्रदूषण को कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. इन कार्यक्रमों में दीर्घकालिक दृष्टिकोण और नीति की आवश्यकता होती है. सरकार ने इसके लिए कार्बन क्रेडिट और ग्रीन क्रेडिट जैसे कार्यक्रम भी शुरू किए हैं. इन योजनाओं के माध्यम से वायु प्रदूषण को कम करने और ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को नियंत्रित करने पर जोर दिया जा रहा है.

रोहित कुमार के मुताबिक, “लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे कार्बन क्रेडिट या ग्रीन क्रेडिट के माध्यम से अपने कार्य करें. इससे वे इस दिशा में लगातार प्रयासरत रहेंगे और वायु प्रदूषण एवं अन्य स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं से दूर रहेंगे.”

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बढ़ाएं कदम: लोगों को क्या सतर्कता बरतनी चाहिए इस पर उन्होंने कहा, “मैं सबसे पहले बताना चाहूंगा कि हाल ही में भारत सरकार ने, प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, एक जीवन शैली अभियान शुरू किया है. जिसका उद्देश्य यह है कि हम सभी मिलकर अपने जीवनशैली में बदलाव लाकर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाएं. इस अभियान में कई ऐसे उपायों पर ध्यान दिया गया है जिन्हें अपनाकर वायु प्रदूषण को कम कर सकते हैं."

ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम के फायदे: पर्यावरणविद् रोहित ने कहा कि सरकार एक "ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम" भी शुरू कर रही है, जिसका लक्ष्य 'इनडोर एयर पॉल्यूशन' को कम करना है. इस योजना के माध्यम से, स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं, जैसे कि महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याओं को भी सुधार सकते हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर हम इन तरीकों को नियमित रूप से अपनाएं, तो हम फॉसिल फ्यूल के उपयोग को कम कर सकते हैं. ओपन बर्निंग को प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए. इसके अलावा, निर्माण और निस्तारण के कार्यों में होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए भी कदम उठाने की आवश्यकता है.”

प्रदूषण से बचने के लिए सावधानियां बरतें: रोहित कुमार ने कहा, “हमें अपने दैनिक जीवन में ऐसे बदलाव लाने चाहिए, जो पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाएं. यदि लगता है कि वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है, तो हमें सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए. हमें मास्क का उपयोग करना चाहिए और स्वस्थ भोजन का चयन करना चाहिए. साथ ही, हमें वायु गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए ताकि हमें सांस लेने में कोई परेशानी न हो. अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर, हम सभी पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा सकते हैं और एक स्वस्थ समाज की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं.”

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पर्यावरणविद् रोहित कुमार का कहना है कि, “सरकार की भूमिका प्रदूषण नियंत्रण में अत्यंत महत्वपूर्ण है, चाहे वह केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार. इनका एक प्रमुख कार्य है लोगों को जागरूक करना, ताकि वे समझ सकें कि उनके छोटे-से कार्यों का पर्यावरण और स्वास्थ्य पर कितना बड़ा प्रभाव पड़ सकता है."

पर्यावरणविद् ने फिर उन अहम योजनाओं के बारे में बताया, जिससे प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिल रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस दिशा में कई प्रभावी नियम लागू किए हैं. इनमें से सबसे महत्वपूर्ण है ‘क्लीन एयर एक्शन प्लान’ जो सरकार के द्वारा शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग टर्म योजनाओं पर काम कर रहा है. यह योजना शहरों में विशेष रूप से वायु प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए जानकारी एकत्र कर रही है और जरूरी कदम उठा रही है. इसके साथ ही, यह लोगों को भागीदारी के लिए भी प्रेरित कर रही है.”

पर्यावरणविद् ने आगे कहा, “दूसरा महत्वपूर्ण कार्य है "नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम" (एनकैप). यह एक उत्कृष्ट पहल है जिसमें पीएम स्तर पर 22-30% प्रदूषण को कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. इन कार्यक्रमों में दीर्घकालिक दृष्टिकोण और नीति की आवश्यकता होती है. सरकार ने इसके लिए कार्बन क्रेडिट और ग्रीन क्रेडिट जैसे कार्यक्रम भी शुरू किए हैं. इन योजनाओं के माध्यम से वायु प्रदूषण को कम करने और ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को नियंत्रित करने पर जोर दिया जा रहा है.

रोहित कुमार के मुताबिक, “लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे कार्बन क्रेडिट या ग्रीन क्रेडिट के माध्यम से अपने कार्य करें. इससे वे इस दिशा में लगातार प्रयासरत रहेंगे और वायु प्रदूषण एवं अन्य स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं से दूर रहेंगे.”

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बढ़ाएं कदम: लोगों को क्या सतर्कता बरतनी चाहिए इस पर उन्होंने कहा, “मैं सबसे पहले बताना चाहूंगा कि हाल ही में भारत सरकार ने, प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, एक जीवन शैली अभियान शुरू किया है. जिसका उद्देश्य यह है कि हम सभी मिलकर अपने जीवनशैली में बदलाव लाकर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाएं. इस अभियान में कई ऐसे उपायों पर ध्यान दिया गया है जिन्हें अपनाकर वायु प्रदूषण को कम कर सकते हैं."

ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम के फायदे: पर्यावरणविद् रोहित ने कहा कि सरकार एक "ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम" भी शुरू कर रही है, जिसका लक्ष्य 'इनडोर एयर पॉल्यूशन' को कम करना है. इस योजना के माध्यम से, स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं, जैसे कि महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याओं को भी सुधार सकते हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर हम इन तरीकों को नियमित रूप से अपनाएं, तो हम फॉसिल फ्यूल के उपयोग को कम कर सकते हैं. ओपन बर्निंग को प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए. इसके अलावा, निर्माण और निस्तारण के कार्यों में होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए भी कदम उठाने की आवश्यकता है.”

प्रदूषण से बचने के लिए सावधानियां बरतें: रोहित कुमार ने कहा, “हमें अपने दैनिक जीवन में ऐसे बदलाव लाने चाहिए, जो पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाएं. यदि लगता है कि वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है, तो हमें सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए. हमें मास्क का उपयोग करना चाहिए और स्वस्थ भोजन का चयन करना चाहिए. साथ ही, हमें वायु गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए ताकि हमें सांस लेने में कोई परेशानी न हो. अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर, हम सभी पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा सकते हैं और एक स्वस्थ समाज की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं.”

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