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'रास्ता खोलो अभियान’ ने राह की आसान, ग्रामीणों के चेहरे पर खिली मुस्कान, अब तक खुलवाए 173 रास्ते - रास्ता खोलो अभियान

'रास्ता खोलो अभियान' के तहत शुक्रवार को जिला प्रशासन ने सहमति एवं सहयोग से 41 रास्ते और खुलवाए.

रास्ता खोलो अभियान
रास्ता खोलो अभियान (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 7, 2024, 7:54 AM IST

जयपुर. जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी के निर्देशन में शुरू किए गए 'रास्ता खोलो अभियान' के तहत शुक्रवार को प्रशासन ने 41 और रास्तों को खुलवाया.15 नवंबर को शुरू हुए इस अभियान में पिछले चार सप्ताह में जयपुर और जयपुर ग्रामीण क्षेत्र में कुल 173 रास्तों को पुनः खोला गया है, जिससे ग्रामीणों को राहत मिली है.

अतिरिक्त जिला कलेक्टर सुमन पंवार ने जानकारी देते हुए बताया कि इस अभियान के तहत किशनगढ़-रेनवाल क्षेत्र के डूंगरसी का बास गांव में 45 वर्षों से बंद रास्ता और कोढ़ी गांव में 35 वर्षों से बंद रास्ते को खोला गया. इसके अलावा सांगानेर तहसील के नरवरिया गांव में 25 वर्षों से बंद रास्ता और झुंड गांव में दो दशकों से बंद रास्ता भी खोला गया. जयपुर शहर के जयपुरियों का बास गांव में 2 महीने से बंद रास्ता खुलने से करीब 1500 ग्रामीणों को राहत मिली. इसी प्रकार सांभरलेक क्षेत्र के रसूलपुरा गांव में 5 वर्षों से बंद रास्ता खुलने से एक हजार से अधिक ग्रामीणों की यात्रा सुगम हो गई.

पढ़ें: रास्ता खोलो अभियान : सहमति और समझाइश की नीति लाई रंग, 15 दिनों में खोले 132 रास्ते, ग्रामीणों को मिली राहत

सुमन पंवार ने बताया कि जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि खोले गए रास्तों पर शीघ्र ग्रेवेल और सी.सी. रोड बनाने की कार्यवाही की जाए. अधिकतर स्थानों पर इस कार्य की शुरुआत हो चुकी है. वहीं जिन रास्तों के मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं, उन मामलों में न्यायालय से ही समाधान प्राप्त किया जाएगा.

रास्ता खोलो अभियान का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षों से बंद रास्तों को फिर से खोलकर स्थानीय लोगों की समस्याओं का समाधान करना था, जो लंबे समय से अतिक्रमण, विवाद या कानूनी पचड़ों के कारण बंद पड़े थे. प्रशासन के इस पहल से क्षेत्र की कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है और ग्रामीणों को न्यायालय के चक्कर से भी छुटकारा मिला है. ग्रामीणों ने जिला कलक्टर और प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए इस अभियान को सराहा.

जयपुर. जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी के निर्देशन में शुरू किए गए 'रास्ता खोलो अभियान' के तहत शुक्रवार को प्रशासन ने 41 और रास्तों को खुलवाया.15 नवंबर को शुरू हुए इस अभियान में पिछले चार सप्ताह में जयपुर और जयपुर ग्रामीण क्षेत्र में कुल 173 रास्तों को पुनः खोला गया है, जिससे ग्रामीणों को राहत मिली है.

अतिरिक्त जिला कलेक्टर सुमन पंवार ने जानकारी देते हुए बताया कि इस अभियान के तहत किशनगढ़-रेनवाल क्षेत्र के डूंगरसी का बास गांव में 45 वर्षों से बंद रास्ता और कोढ़ी गांव में 35 वर्षों से बंद रास्ते को खोला गया. इसके अलावा सांगानेर तहसील के नरवरिया गांव में 25 वर्षों से बंद रास्ता और झुंड गांव में दो दशकों से बंद रास्ता भी खोला गया. जयपुर शहर के जयपुरियों का बास गांव में 2 महीने से बंद रास्ता खुलने से करीब 1500 ग्रामीणों को राहत मिली. इसी प्रकार सांभरलेक क्षेत्र के रसूलपुरा गांव में 5 वर्षों से बंद रास्ता खुलने से एक हजार से अधिक ग्रामीणों की यात्रा सुगम हो गई.

पढ़ें: रास्ता खोलो अभियान : सहमति और समझाइश की नीति लाई रंग, 15 दिनों में खोले 132 रास्ते, ग्रामीणों को मिली राहत

सुमन पंवार ने बताया कि जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि खोले गए रास्तों पर शीघ्र ग्रेवेल और सी.सी. रोड बनाने की कार्यवाही की जाए. अधिकतर स्थानों पर इस कार्य की शुरुआत हो चुकी है. वहीं जिन रास्तों के मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं, उन मामलों में न्यायालय से ही समाधान प्राप्त किया जाएगा.

रास्ता खोलो अभियान का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षों से बंद रास्तों को फिर से खोलकर स्थानीय लोगों की समस्याओं का समाधान करना था, जो लंबे समय से अतिक्रमण, विवाद या कानूनी पचड़ों के कारण बंद पड़े थे. प्रशासन के इस पहल से क्षेत्र की कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है और ग्रामीणों को न्यायालय के चक्कर से भी छुटकारा मिला है. ग्रामीणों ने जिला कलक्टर और प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए इस अभियान को सराहा.

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