कोटा : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) नई दिल्ली ने साल 2024 में एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश के लिए एडमिशन ब्रोशर जारी कर दिया है. इसके साथ ही एमबीबीएस कोर्स की डिटेल भी उन्होंने जारी की है. यह पूरा 20 पेज का ऐडमिशन इनफॉरमेशन ब्रॉशर है.
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि ब्रॉशर में एमबीबीएस कोर्स के साथ-साथ एडमिशन की पात्रता और शर्तें भी जारी की गई हैं, जिसमें एमबीबीएस सीटों की संख्या और रिजर्वेशन पॉलिसी भी बताई गई है. ब्रॉशर में यह साफ कर दिया गया है कि एम्स संस्थानों में एमबीबीएस कोर्स की शैक्षणिक पात्रता मेडिकल संस्थानों से अलग है. एम्स से एमबीबीएस करने के लिए कैंडिडेट्स को 12वीं की परीक्षा में फिजिक्स, केमिस्ट्री व बायोलॉजी (PCB) के साथ अंग्रेजी सब्जेक्ट में 60 फीसदी अंक होना जरूरी है. यह जनरल, ईडब्ल्यूएस और ओबीसी (एनसीएल) कैटेगरी के लिए है, जबकि एससी और एसटी कैटेगरी के लिए यह पात्रता 50 फीसदी है.
देव शर्मा ने बताया कि मेडिकल काउंसलिंग कमिटी की 15 फीसदी सेंट्रल कोटा की काउंसलिंग 14 अगस्त से शुरू होने जा रही है. इसमें राउंड वन का परिणाम 23 अगस्त को जारी कर दिया जाएगा. इसके बाद मूल दस्तावेजों का सत्यापन 24 से 29 अगस्त के बीच होगा. इसके बाद फीस जमा और मेडिकल एग्जामिनेशन 30 अगस्त को होगा व ओरिएंटेशन प्रोग्राम 2 से 8 सितंबर के बीच आयोजित होगा.
68 साल में बढ़ी 82 सीट : नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की की ओर से आयोजित नीट यूजी परीक्षा के लगभग सभी टॉपर्स का लक्ष्य दिल्ली एम्स से एमबीबीएस करने का होता है. देव शर्मा ने बताया कि दिल्ली एम्स की गिनती अंतर्राष्ट्रीय मेडिकल संस्थानों में होती है. यहां की कार्यप्रणाली और बेहतरीन शिक्षा पद्धति के चलते यह देश में भी सर्वोच्च स्थान पर है. दिल्ली एम्स की शुरुआत 1956 से हुई थी. उस समय 50 सीट इसमें एमबीबीएस की थीं. वर्तमान में एम्स में 125 सीट भारतीय और 7 सीट विदेशी कैंडिडेट्स के लिए हैं.
दिल्ली एम्स में कब कब हुई सीट की संख्या में बढ़ोतरी
- साल 1956 में 50 सीटों से एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू.
- साल 2008 में एमबीबीएस की सीट बढ़कर 77 हुई.
- साल 2017 में एमबीबीएस की सीटों में फिर बढ़ोतरी होकर 107 हुई.
- अंतिम बार साल 2020 में सीट बढ़कर 132 पर पहुंची.