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6 महीने में देवघर एम्स पूरी तरह से होगा तैयार, जानिए निदेशक ने क्या कहा. - AIIMS IN DEOGHAR WILL BE READY SOON

देवघर एम्स के निदेशक डॉ सौरव वार्ष्णेय ने बताया कि अगले 6 महीनों में यहां का एम्स पूरी तरह बन कर तैयार हो जाएगा.

AIIMS in Deoghar will be ready soon
देवघर एम्स 6 महीनों में पूरी तरह से होगा कार्यरत (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 17 hours ago

देवघर: झारखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे गरीब मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके. इसी सोच के साथ झारखंड के रिम्स अस्पताल को लगातार अपग्रेड किया जा रहा है ताकि गरीब मरीजों को सरकारी सुविधा में अच्छी व्यवस्था के साथ इलाज मिल सके. संथाल क्षेत्र में एम्स अस्पताल भी बनाया जा रहा है. देवघर जिले के देवीपुर प्रखंड स्थित 240 एकड़ में एम्स को बनाया जा रहा है.

पिछले छह वर्षों से बन रहा अस्पताल

वर्ष 2019 से इस अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है. पिछले छह वर्षों से देवघर एम्स के लगभग सारे भवन निर्माण किए जा चुके हैं. देवघर एम्स के निदेशक डॉ सौरव वार्ष्णेय बताते हैं कि 2019 के बाद दो वर्षों तक कोरोना की वजह से कई विभागों का निर्माण नहीं हो पाया है लेकिन अगले 6 महीनों में अस्पताल पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा.

जानकारी देते देवघर एम्स के निदेशक (Etv Bharat)

ओपीडी, इनडोर और ऑपरेशन थिएटर की हुई शुरुआत

एम्स निदेशक डॉ सौरव वार्ष्णेय ने बताया कि कोरोना की वजह से हुए विलंब के कारण वर्ष 2021 में ओपीडी की शुरुआत की गई. ओपीडी की शुरुआत होते ही अब तक करीब 5 लाख लोगों ने चिकित्सा सलाह ली. ओपीडी की शुरुआत होने के बाद वर्ष 2022 के जुलाई महीने में इनडोर सेवा की शुरुआत हुई. जिसके लिए 250 बेड लगाए गए हैं. जिसमें अब तक करीब दो हजार मरीज भर्ती हो चुके हैं.

वहीं इनडोर सेवा शुरू होने के बाद वर्ष 2022 के अक्टूबर महीने में ऑपरेशन थिएटर की शुरुआत की गई. वर्तमान में कुल आठ ऑपरेशन थिएटर पूरे अस्पताल में कार्यरत हैं. डॉक्टर सौरव वार्ष्णेय ने बताया कि अब तक करीब दो हजार जटिल ऑपरेशन चिकित्सकों ने किए हैं.

सुपर स्पेशलिटी विभाग के भी चिकित्सक मौजूद

वहीं उन्होंने बताया कि ओपीडी में सभी बीमारियों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर मौजूद हैं. इसके अलावा सुपर स्पेशलिटी विभाग के भी चिकित्सक एम्स में मौजूद हैं, जैसे कार्डियोलॉजी, कार्डियोथोरेसिक सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, यूरोलॉजी, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, पीडियाट्रिक सर्जरी जैसे विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक मौजूद हैं ताकि गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज यहीं पर किया जा सके.

अगले एक माह में होगी इमरजेंसी की शुरुआत

इमरजेंसी सेवा शुरुआत करने को लेकर देवघर एम्स के निदेशक डॉक्टर सौरव वार्ष्णेय ने बताया कि जनवरी के आखिरी सप्ताह या फरवरी के पहले सप्ताह तक इमरजेंसी सेवा की शुरुआत कर दी जाएगी.

संथाल परगना क्षेत्र के लोगों को मिलेगी राहत

एम्स के निदेशक डॉक्टर सौरव वार्ष्णेय ने बताया कि देवघर में एम्स खुलने से पूर्वोत्तर भारत के लोगों को काफी राहत मिलेगी. अभी तक सिर्फ रिम्स ही एक अस्पताल था जहां सरकारी खर्च पर मरीजों को इलाज मिलता था. संथाल परगना क्षेत्र के भी लोग रिम्स पर ही निर्भर थे, लेकिन देवघर में एम्स खुलने से अब लोगों को काफी राहत होगी.

उन्होंने कहा कि एम्स अस्पताल बनाने का उद्देश्य ही होता है कि एक क्षेत्र के लोगों को अपने घर के आसपास ही बेहतर और उच्चतम क्वालिटी का इलाज मिल सके. इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए एम्स प्रबंधन कटिबद्ध है और आने वाले कुछ महीनों में एम्स का प्रत्येक विभाग लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए तैयार होगा.

जल्द ही नई मशीन और विभाग की होगी शुरुआत

मालूम हो कि पूरे एम्स में लगभग 40 विभाग का निर्माण किया जाना है. जिसमें 32 विभाग कार्यरत हैं. पूरे अस्पताल में 135 फैकल्टी काम कर रही है और करीब 400 डॉक्टर लोगों के इलाज में जुटे हुए हैं.

गौरतलब है कि सीटी स्कैन मशीन और कई महत्वपूर्ण उपकरण अभी भी लगने बाकी हैं. अब देखने वाली बात होगी कि देवघर का एम्स अस्पताल कब तक पूर्ण रूप से तैयार हो पाता है ताकि जल्द से जल्द संथाल परगना के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके.

ये भी पढ़ेंः

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देवघर: झारखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे गरीब मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके. इसी सोच के साथ झारखंड के रिम्स अस्पताल को लगातार अपग्रेड किया जा रहा है ताकि गरीब मरीजों को सरकारी सुविधा में अच्छी व्यवस्था के साथ इलाज मिल सके. संथाल क्षेत्र में एम्स अस्पताल भी बनाया जा रहा है. देवघर जिले के देवीपुर प्रखंड स्थित 240 एकड़ में एम्स को बनाया जा रहा है.

पिछले छह वर्षों से बन रहा अस्पताल

वर्ष 2019 से इस अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है. पिछले छह वर्षों से देवघर एम्स के लगभग सारे भवन निर्माण किए जा चुके हैं. देवघर एम्स के निदेशक डॉ सौरव वार्ष्णेय बताते हैं कि 2019 के बाद दो वर्षों तक कोरोना की वजह से कई विभागों का निर्माण नहीं हो पाया है लेकिन अगले 6 महीनों में अस्पताल पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा.

जानकारी देते देवघर एम्स के निदेशक (Etv Bharat)

ओपीडी, इनडोर और ऑपरेशन थिएटर की हुई शुरुआत

एम्स निदेशक डॉ सौरव वार्ष्णेय ने बताया कि कोरोना की वजह से हुए विलंब के कारण वर्ष 2021 में ओपीडी की शुरुआत की गई. ओपीडी की शुरुआत होते ही अब तक करीब 5 लाख लोगों ने चिकित्सा सलाह ली. ओपीडी की शुरुआत होने के बाद वर्ष 2022 के जुलाई महीने में इनडोर सेवा की शुरुआत हुई. जिसके लिए 250 बेड लगाए गए हैं. जिसमें अब तक करीब दो हजार मरीज भर्ती हो चुके हैं.

वहीं इनडोर सेवा शुरू होने के बाद वर्ष 2022 के अक्टूबर महीने में ऑपरेशन थिएटर की शुरुआत की गई. वर्तमान में कुल आठ ऑपरेशन थिएटर पूरे अस्पताल में कार्यरत हैं. डॉक्टर सौरव वार्ष्णेय ने बताया कि अब तक करीब दो हजार जटिल ऑपरेशन चिकित्सकों ने किए हैं.

सुपर स्पेशलिटी विभाग के भी चिकित्सक मौजूद

वहीं उन्होंने बताया कि ओपीडी में सभी बीमारियों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर मौजूद हैं. इसके अलावा सुपर स्पेशलिटी विभाग के भी चिकित्सक एम्स में मौजूद हैं, जैसे कार्डियोलॉजी, कार्डियोथोरेसिक सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, यूरोलॉजी, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, पीडियाट्रिक सर्जरी जैसे विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक मौजूद हैं ताकि गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज यहीं पर किया जा सके.

अगले एक माह में होगी इमरजेंसी की शुरुआत

इमरजेंसी सेवा शुरुआत करने को लेकर देवघर एम्स के निदेशक डॉक्टर सौरव वार्ष्णेय ने बताया कि जनवरी के आखिरी सप्ताह या फरवरी के पहले सप्ताह तक इमरजेंसी सेवा की शुरुआत कर दी जाएगी.

संथाल परगना क्षेत्र के लोगों को मिलेगी राहत

एम्स के निदेशक डॉक्टर सौरव वार्ष्णेय ने बताया कि देवघर में एम्स खुलने से पूर्वोत्तर भारत के लोगों को काफी राहत मिलेगी. अभी तक सिर्फ रिम्स ही एक अस्पताल था जहां सरकारी खर्च पर मरीजों को इलाज मिलता था. संथाल परगना क्षेत्र के भी लोग रिम्स पर ही निर्भर थे, लेकिन देवघर में एम्स खुलने से अब लोगों को काफी राहत होगी.

उन्होंने कहा कि एम्स अस्पताल बनाने का उद्देश्य ही होता है कि एक क्षेत्र के लोगों को अपने घर के आसपास ही बेहतर और उच्चतम क्वालिटी का इलाज मिल सके. इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए एम्स प्रबंधन कटिबद्ध है और आने वाले कुछ महीनों में एम्स का प्रत्येक विभाग लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए तैयार होगा.

जल्द ही नई मशीन और विभाग की होगी शुरुआत

मालूम हो कि पूरे एम्स में लगभग 40 विभाग का निर्माण किया जाना है. जिसमें 32 विभाग कार्यरत हैं. पूरे अस्पताल में 135 फैकल्टी काम कर रही है और करीब 400 डॉक्टर लोगों के इलाज में जुटे हुए हैं.

गौरतलब है कि सीटी स्कैन मशीन और कई महत्वपूर्ण उपकरण अभी भी लगने बाकी हैं. अब देखने वाली बात होगी कि देवघर का एम्स अस्पताल कब तक पूर्ण रूप से तैयार हो पाता है ताकि जल्द से जल्द संथाल परगना के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके.

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