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लीवर कैंसर के मरीजों को जगी आस, डाक्टरों ने पहली बार राइट हेपेटेक्टोमी की सफल सर्जरी को दिया अंजाम - AIIMS BHOPAL HEPATECTOMY SURGERY

एम्स भोपाल में 19 वर्षीय महिला का हुआ ऑपरेशन. लीवर कैंसर या अन्य गंभीर हेपेटिक रोगों के लिए की जाती है यह जटिल सर्जरी .

AIIMS BHOPAL
एम्स भोपाल (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 12, 2024, 3:28 PM IST

Updated : Dec 7, 2024, 1:15 PM IST

भोपाल: एम्स भोपाल के डाक्टरों ने पहली बार सफलतापूर्वक राइट हेपेटेक्टोमी सर्जरी को अंजाम दिया है. इस सफल सर्जरी से भोपाल में लीवर कैंसर से पीड़ित मरीजों के लिए भी नई दिशा मिली है. अस्पताल की यह उपलब्धि उन्नत लीवर कैंसर से जूझ रहे रोगियों के ईलाज में मील का पत्थर साबित होगी. बता दें कि यह जटिल सर्जरी आमतौर पर लीवर कैंसर या अन्य गंभीर हेपेटिक रोगों के लिए की जाती है.

19 वर्षीय महिला की हुई सर्जरी, डायफ्राम तक फैला था लीवर कैंसर

यह सर्जरी 19 वर्षीय महिला रोगी पर की गई. जिनका लीवर कैंसर डायफ्राम तक फैला था. सर्जरी के बाद रोगी की स्थिति स्थिर है और वह चिकित्सीय निगरानी में हैं. डाक्टरों ने बताया कि एम्स भोपाल कैंसर उपचार में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. यहां पर सर्जिकल, मेडिकल और रेडिएशन थेरेपी जैसी उन्नत सेवाएं प्रदान की जाती हैं. एक बहु-आयामी दृष्टिकोण के साथ, संस्थान का ऑन्कोलॉजी विभाग हेपटोलॉजी, रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी और पुनर्वास विशेषज्ञों के साथ मिलकर मरीजों के लिए स्पेशल ट्रीटमेंट स्कीम्स तैयार करता है. एम्स भोपाल का यह प्रयास न केवल मध्य भारत बल्कि पूरे देश में कैंसर सर्जरी में एक नया मानदंड स्थापित करता है.

लीवर कैंसर के रोगियों के लिए नई आशा

इस अवसर पर एम्स भोपाल के डायरेक्टर प्रो. अजय सिंह ने कहा, "सर्जिकल ऑन्कोलॉजी टीम को बधाई देते हुए कहा कि एम्स भोपाल में पहली बार राइट हेपेटेक्टोमी सर्जरी की सफलता हमारे संस्थान के लिए गर्व का क्षण है. इस सफलता ने उन्नत लीवर कैंसर के रोगियों के लिए एक नई आशा जगाई है. साथ ही यह चिकित्सा में उत्कृष्टता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है." बता दें कि एम्स में सर्जरी टीम का नेतृत्व सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विनय कुमार ने किया, जिसमें वैस्कुलर सर्जन डॉ योगेश निवारिया भी शामिल थे.

भोपाल: एम्स भोपाल के डाक्टरों ने पहली बार सफलतापूर्वक राइट हेपेटेक्टोमी सर्जरी को अंजाम दिया है. इस सफल सर्जरी से भोपाल में लीवर कैंसर से पीड़ित मरीजों के लिए भी नई दिशा मिली है. अस्पताल की यह उपलब्धि उन्नत लीवर कैंसर से जूझ रहे रोगियों के ईलाज में मील का पत्थर साबित होगी. बता दें कि यह जटिल सर्जरी आमतौर पर लीवर कैंसर या अन्य गंभीर हेपेटिक रोगों के लिए की जाती है.

19 वर्षीय महिला की हुई सर्जरी, डायफ्राम तक फैला था लीवर कैंसर

यह सर्जरी 19 वर्षीय महिला रोगी पर की गई. जिनका लीवर कैंसर डायफ्राम तक फैला था. सर्जरी के बाद रोगी की स्थिति स्थिर है और वह चिकित्सीय निगरानी में हैं. डाक्टरों ने बताया कि एम्स भोपाल कैंसर उपचार में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. यहां पर सर्जिकल, मेडिकल और रेडिएशन थेरेपी जैसी उन्नत सेवाएं प्रदान की जाती हैं. एक बहु-आयामी दृष्टिकोण के साथ, संस्थान का ऑन्कोलॉजी विभाग हेपटोलॉजी, रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी और पुनर्वास विशेषज्ञों के साथ मिलकर मरीजों के लिए स्पेशल ट्रीटमेंट स्कीम्स तैयार करता है. एम्स भोपाल का यह प्रयास न केवल मध्य भारत बल्कि पूरे देश में कैंसर सर्जरी में एक नया मानदंड स्थापित करता है.

लीवर कैंसर के रोगियों के लिए नई आशा

इस अवसर पर एम्स भोपाल के डायरेक्टर प्रो. अजय सिंह ने कहा, "सर्जिकल ऑन्कोलॉजी टीम को बधाई देते हुए कहा कि एम्स भोपाल में पहली बार राइट हेपेटेक्टोमी सर्जरी की सफलता हमारे संस्थान के लिए गर्व का क्षण है. इस सफलता ने उन्नत लीवर कैंसर के रोगियों के लिए एक नई आशा जगाई है. साथ ही यह चिकित्सा में उत्कृष्टता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है." बता दें कि एम्स में सर्जरी टीम का नेतृत्व सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विनय कुमार ने किया, जिसमें वैस्कुलर सर्जन डॉ योगेश निवारिया भी शामिल थे.

Last Updated : Dec 7, 2024, 1:15 PM IST
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