गोरखपुर: कुशीनगर जिले की रहने वाली एक एड्स पीड़ित महिला का ग्रामीणों ने सामाजिक बहिष्कार कर रखा है. जिसके चलते वह भुखमरी का सामना करने को मजबूर हो गई है. रोजगार नहीं मिलने से तीन बच्चों के साथ खुद का भरण पोषण नहीं कर पा रही है. महिला को कोई दुकानदार सामान भी नहीं दे रहा है. उसके पति की पहले ही मौत हो चुकी है. परेशान महिला ने मदद के लिए कुशीनगर के एसपी से भी गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसके बाद जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने अपनी तरफ से भी एक पत्र पुलिस अधीक्षक को पीड़िता की सुरक्षा और मदद के लिए लिखा है. लेकिन उसे कुशीनगर में कोई मदद नहीं मिल रही. थकहार कर पीड़ित ने गोरखपुर में एक महिला अधिवक्ता के सहारे अपर पुलिस महानिदेशक से मदद की गुहार लगाई है.
एड्स पीड़ित महिला ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि, उसको गांव और घर में रहना मुश्किल हो गया है. जब वह एड्स पीड़ित हुई तो उसके गांव के एक युवक विवेक सिंह को इसकी जानकारी लग गई. उसने इस बात को पूरे गांव में फैला दिया. जिसके बाद महिला का उसके गांव में रहना मुश्किल होने लगा. यही नहीं इस युवक ने महिला को डॉक्टर से दिखाने और अन्य सहयोग के नाम पर करीब 25 हजार रुपये भी ठग लिया. महिला को ससुराल से निकाल दिया गया है. फिलहाल वह अपने तीन बच्चों के साथ मायके में रह रही है. पिता ही उसके एक मात्र सहारा बने हुए हैं. उसका इलाज हो रहा है.
गोरखपुर की महिला अधिवक्ता रूपल त्रिपाठी ने पीड़िता को अपने साथ लेकर न्याय के लिए एडीजी का दरवाजा खटखटाया है. वहां उसका आवेदन स्वीकार कर लिया गया है. रूपल त्रिपाठी ने कहा है कि, जिस बीमारी से वह जूझ रही है वह कोई छुआछूत वाली बीमारी नहीं है. FIR दर्ज कराकर पीड़िता को न्याय और अफवाह फैलाने वाले को भी सजा दिलाई जाएगी.
पीड़िता के पिता का कहना है कि, वह अपनी बेटी का सारा दुख दर्द झेलने को तैयार है. इलाज भी करा रहे हैं. लेकिन उसे गांव से बाहर कर दिया जाएगा तो वह कैसे जीवन- यापन कर पाएगी. गांव में उसे सिलाई कढ़ाई का कुछ काम भी मिला था, लेकिन विवेक सिंह ने टेलर मास्टर को भी पूरे गांव में बदनाम कर दिया. ऐसे में अब हम कहां जाएं, जहां मदद मिल सके.