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कानपुर समेत देशभर में खोले जा रहे 13 इंडोवेशन सेंटर, छात्रों को नए आविष्कार में मिलेगी भरपूर मदद, पढ़िए डिटेल - AICTE 13 Indovation Centres

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के वाइस चेयरमैन डॉ.अभय जेरे छत्रपति शाहू जी महाराज विवि के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने के लिए कानपुर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने इनोवेशन और छात्रों की आगामी समय में मिलने वाली सुविधाओं पर खुलकर बातचीत की.

इंडोवेशन सेंटर से छात्रों को मिलेगी सहूलियत.
इंडोवेशन सेंटर से छात्रों को मिलेगी सहूलियत. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 29, 2024, 12:12 PM IST

कानपुर : अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद यानी एआईसीटीई की ओर से देशभर में 13 इंडोवेशन सेंटर खोले जाएंगे. इससे तकनीकी संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को काफी सहूलियत मिलेगी. इस पहल से इनोवेशन (नवाचार) करने वाले छात्रों को 100 प्रतिशत तक सफलता मिलने का रास्ता साफ हो सकेगा. 9 केंद्रों का संचालन शुरू भी चुका है. 4 अन्य को भी जल्द शुरू किए जाने की उम्मीद है. अहम बात ये है कि इनमें से एक सेंटर कानपुर में भी खुलेगा. शनिवार को इसे लेकर एआईसीटीई के वाइस चेयरमैन डॉ.अभय जेरे ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

लांच किए गए 1000 फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम : एआईसीटीई के वाइस चेयरमैन डॉ. अभय जेरे ने बताया कि शिक्षकों की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए 1000 फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम लांच किए गए हैं. हमारा पहला उद्देश्य है कि शिक्षकों की गुणवत्ता सुधरे. इससे अपने आप ही शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर हो जाएगी. उक्त प्रोग्रामों के अलावा बीबीए व बीसीए छात्रों के लिए 250 फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) को भी लांच किया गया है. एआईसीटीई की ओर से हैकेथॉन का कल्चर पूरे देश को सौंपा गया. यह एक विश्व स्तरीय ओपन इनोवेशन मॉडल है. इसमें हम सरकार के 25-30 मंत्रालयों से संपर्क कर उनकी समस्याएं पूछते हैं, फिर छात्रों के सामने उनके समाधान के लिए इनोवेटिव ढंग से इसे प्रस्तुत करना होता है. अभी तक देश की 255 समस्याएं हमारे सामने आ चुकी हैं.

वाइस चेयरमैन डॉ.अभय जेरे ने खास बातचीत की. (Video Credit; ETV Bharat)

जिस कॉलेज में ले रहे हैं दाखिला, वह 6 मानकों को पूरा करने वाला हो : एआईसीटीई के वाइस चेयरमैन से जब यह सवाल किया गया, कि अगर कोई स्टूडेंट किसी तकनीकी संस्थान में प्रवेश लेने जा रहा है तो वह कैसे जान सकता है, कि वह संस्थान बेहतर है?. इस सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि हर छात्र को दाखिला लेने से पहले 6 मानकों को जरूर देख लेना चाहिए. इनमें मुख्य रूप से संस्थान की एनआईआरएफ रैंकिंग, नैक एक्रिडिटेशन, क्यूएस रैंकिंग, टाइम्स रैंकिंग व पिछले पांच सालों में संस्थान में 80 प्रतिशत प्रवेश हुए या नहीं. इसे देखने के बाद छात्र निश्चिंत होकर प्रवेश ले सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि एआईसीटीई की ओर से तकनीकी संस्थानों का वेल परफार्मिंग क्राइटेरिया भी तय कर दिया गया है.

डॉ.अभय जेरे छत्रपति शाहू जी महाराज विवि के 39वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने के लिए आए थे. उन्होंने बताया कि इन इंडोवेशन सेंटर्स (इंडिया इनोवेशन सेंटर) में छात्रों को नवाचार से संबंधित पेटेंट फाइल, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, इंट्रैक्शन विद इंडस्ट्री समेत कई अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जा सकेंगी.

क्या होता है इनोवेशन सेंटर : इनोवेशन सेंटर में नवाचार के लिए काम होता है. इन केंद्रों में नवीनतम तकनीक और आधुनिक उपकरण उपलब्ध होते हैं. छात्र इन केंद्रों का इस्तेमाल करके नए उत्पादों को निवेशकों या ग्राहकों को दिखा सकते हैं. यहां डिजाइन और नवाचार पर कार्यशालाएं होती हैं. यहां आकरा छात्रों में नई सोच पैदा होती है.

यह भी पढ़ें : CSJMU का 39वें दीक्षांत समारोह; 1.18 लाख स्टूडेंट्स को डिजिलॉकर पर मिली डिग्री, सतीश महाना को दी गई मानद उपाधि

कानपुर : अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद यानी एआईसीटीई की ओर से देशभर में 13 इंडोवेशन सेंटर खोले जाएंगे. इससे तकनीकी संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को काफी सहूलियत मिलेगी. इस पहल से इनोवेशन (नवाचार) करने वाले छात्रों को 100 प्रतिशत तक सफलता मिलने का रास्ता साफ हो सकेगा. 9 केंद्रों का संचालन शुरू भी चुका है. 4 अन्य को भी जल्द शुरू किए जाने की उम्मीद है. अहम बात ये है कि इनमें से एक सेंटर कानपुर में भी खुलेगा. शनिवार को इसे लेकर एआईसीटीई के वाइस चेयरमैन डॉ.अभय जेरे ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

लांच किए गए 1000 फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम : एआईसीटीई के वाइस चेयरमैन डॉ. अभय जेरे ने बताया कि शिक्षकों की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए 1000 फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम लांच किए गए हैं. हमारा पहला उद्देश्य है कि शिक्षकों की गुणवत्ता सुधरे. इससे अपने आप ही शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर हो जाएगी. उक्त प्रोग्रामों के अलावा बीबीए व बीसीए छात्रों के लिए 250 फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) को भी लांच किया गया है. एआईसीटीई की ओर से हैकेथॉन का कल्चर पूरे देश को सौंपा गया. यह एक विश्व स्तरीय ओपन इनोवेशन मॉडल है. इसमें हम सरकार के 25-30 मंत्रालयों से संपर्क कर उनकी समस्याएं पूछते हैं, फिर छात्रों के सामने उनके समाधान के लिए इनोवेटिव ढंग से इसे प्रस्तुत करना होता है. अभी तक देश की 255 समस्याएं हमारे सामने आ चुकी हैं.

वाइस चेयरमैन डॉ.अभय जेरे ने खास बातचीत की. (Video Credit; ETV Bharat)

जिस कॉलेज में ले रहे हैं दाखिला, वह 6 मानकों को पूरा करने वाला हो : एआईसीटीई के वाइस चेयरमैन से जब यह सवाल किया गया, कि अगर कोई स्टूडेंट किसी तकनीकी संस्थान में प्रवेश लेने जा रहा है तो वह कैसे जान सकता है, कि वह संस्थान बेहतर है?. इस सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि हर छात्र को दाखिला लेने से पहले 6 मानकों को जरूर देख लेना चाहिए. इनमें मुख्य रूप से संस्थान की एनआईआरएफ रैंकिंग, नैक एक्रिडिटेशन, क्यूएस रैंकिंग, टाइम्स रैंकिंग व पिछले पांच सालों में संस्थान में 80 प्रतिशत प्रवेश हुए या नहीं. इसे देखने के बाद छात्र निश्चिंत होकर प्रवेश ले सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि एआईसीटीई की ओर से तकनीकी संस्थानों का वेल परफार्मिंग क्राइटेरिया भी तय कर दिया गया है.

डॉ.अभय जेरे छत्रपति शाहू जी महाराज विवि के 39वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने के लिए आए थे. उन्होंने बताया कि इन इंडोवेशन सेंटर्स (इंडिया इनोवेशन सेंटर) में छात्रों को नवाचार से संबंधित पेटेंट फाइल, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, इंट्रैक्शन विद इंडस्ट्री समेत कई अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जा सकेंगी.

क्या होता है इनोवेशन सेंटर : इनोवेशन सेंटर में नवाचार के लिए काम होता है. इन केंद्रों में नवीनतम तकनीक और आधुनिक उपकरण उपलब्ध होते हैं. छात्र इन केंद्रों का इस्तेमाल करके नए उत्पादों को निवेशकों या ग्राहकों को दिखा सकते हैं. यहां डिजाइन और नवाचार पर कार्यशालाएं होती हैं. यहां आकरा छात्रों में नई सोच पैदा होती है.

यह भी पढ़ें : CSJMU का 39वें दीक्षांत समारोह; 1.18 लाख स्टूडेंट्स को डिजिलॉकर पर मिली डिग्री, सतीश महाना को दी गई मानद उपाधि

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