जींद: जिले में पराली जलाने के मामले में कृषि विभाग के दो सुपरवाइजरों को कृषि विभाग निदेशालय ने निलंबित किया है. निलंबित होने वालों में सुपरवाइजर संजीत और पुनीत शामिल हैं. इन दोनों कर्मचारियों की ड्यूटी नरवाना एरिया में थी. इन कर्मचारियों के संबंधित क्षेत्र में सबसे ज्यादा पराली जलाने का मामला सामने आ रहा था. ये दोनों अधिकारी लोगों को पराली जलाने से रोक नहीं पा रहे थे. इसे लेकर उपनिदेशक जींद ने दोनों कर्मचारियों को नोटिस भेज कर स्पष्टीकरण मांगा था. हालांकि दोनों कर्मचारियों ने कोई जवाब नहीं दिया. जिसके बाद विभाग निदेशालय ने दोनों कर्मचारियों को निलंबित कर दिया.
19 किसानों पर दर्ज हो चुकी है एफआईआर: जींद में पराली जलाने के मामले में जिला पुलिस ने 19 किसानों पर मामले दर्ज किए हैं. अब तक कृषि विभाग को कुल 49 फायर लोकेशन मिले हैं, जिनमें से 38 जगह सही लोकेशन पाई गई, जिस पर कृषि विभाग ने किसानों पर कुल 97 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है.
इन क्षेत्रों में पराली जलाने के अधिक मामले: कृषि विभाग के अनुसार सुपरवाइजर संजीत और पुनीत की नरवाना क्षेत्र में ड्यूटी लगाई गई थी. कर्मचारी संजीत पर फूलिया कलां, फूलियां खुर्द, रसीदां, ढाबी टेकसिंह गांव के खेतों में पराली जलाने वाले किसानों को आग लगाने से रोकना था, लेकिन फिर भी मामले सामने आ रहे थे. सेटेलाइट के माध्यम से फूलियां कलां और रसीदां में दो-दो मामले की लोकेशन मिली थी. इस पर विभाग की टीम मौके पर पहुंची और इन चारों मामलों में किसानों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था. वहीं, सुपरवाइजर पुनीत के अधीन हरनामपुरा, धरौदी, खानपुर और कर्मगढ़ गांव थे. इनमें से हरनामपुरा गांव में दो जगह पराली जली थी, जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था.
कृषि विभाग के दो सुपरवाइजर निलंबित: कृषि सुपरवाइजरों को बार-बार निर्देश देने के बाद भी पराली जलाने के मामले कम नहीं हो पा रहे थे. इसको लेकर उप निदेशक जींद ने संजीत और पुनीत समेत सात सुपरवाइजरों को नोटिस भेज कर जवाब मांगा गया था, लेकिन किसी भी सुपरवाइजर ने नोटिस का जवाब नहीं दिया. इसके बाद उपनिदेशक कार्यालय ने कार्रवाई करने के लिए निदेशालय चंडीगढ़ रिपोर्ट भेज दी. इसके बाद निदेशालय ने कार्रवाई करते हुए सुपरवाइजर संजीत और पुनीत को निलंबित करने खाके निर्देश जारी कर दिया.
किसानों पर एफआईआर दर्ज करने पर किसान सभा नाराज: अखिल भारतीय किसान सभा ने कृषि विभाग की ओर से जारी किए गए पत्र के तहत पराली जलाने वाले किसानों पर एफआईआर दर्ज करने और दो सीजन तक उसकी उपज मंडी में न खरीदने के निर्णय का सख्त विरोध किया है. किसान सभा ने कहा कि सरकार इस आदेश को वापस ले वरना किसान सड़कों पर उतर आंदोलन को मजबूर हो जाएंगे.
संबंधित एरिया में पराली जलाने का ज्यादा मामला सामने आने पर निदेशालय की ओर से सुपरवाइजर संजीत और पुनीत को निलंबित किया है. इससे पहले विभाग ने दोनों को नोटिस भेजा था और स्पष्टीकरण भी मांगा था, लेकिन इन्होंने नोटिस का जवाब नहीं दिया था. :डॉ गिरीश नागपाल, कृषि उपनिदेशक
किसान सभा ने दी आंदोलन की चेतावनी: किसान सभा राज्य उपप्रधान फूल सिंह श्योकद ने कहा कि भाजपा ने फिर से सत्ता में आते ही किसान विरोधी निर्णय को लागू करने का काम किया है. कृषि विभाग की ओर से जारी आदेश एकतरफा है. प्रदूषण के अन्य कारकों पर रोक लगाने समेत पराली प्रबंधन की व्यवस्था में करने में विफल रहने वाला है. सरकार पराली प्रबंधन के बड़े-बड़े दावे कर रही है लेकिन इसमें पूरी तरह फेल है. इसलिए किसानों को धमकाया और डराया जा रहा है, जिसे सहन नहीं किया जाएगा. किसानों पर एफआईआर दर्ज करने और उपज खरीदने में अड़चन पैदा की गई तो किसान आंदोलन करने को मजबूर होंगे.
प्रदूषण का दोष किसानों के मत्थे न मढ़े: किसान सभा की हरियाणा राज्य कमेटी ने सरकार से मांग की है पराली प्रबंधन की व्यवस्था करे. सरकार पंचायतों के माध्यम से पराली एकत्रित करवा सकती है. किसानों को मिलने वाली अनुदान राशि को बढ़ाए, ताकि किसान का लागत खर्च घट सके. साथ ही सरकार प्रदूषण का दोष किसानों के मत्थे न मढ़े. प्रदूषण के लिए सिर्फ पराली जलाना को ही जिम्मेदार न माना जाए.
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